इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण में चीन को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है भारत

BUSINESS


इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण में भारत, चीन और वियतनाम को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है। लक्ष्य अगले चार वर्षों में 300 अरब डॉलर के उत्पादन का है, जिसमें निर्यात के लिए आरक्षित 120 अरब डॉलर शामिल हैं। इसके अलावा इंसेंटिव्स के लिए उत्पाद-बास्केट का विस्तार करना, आधुनिक सुविधाओं के साथ विशेष रूप से तैयार किए गए बड़े औद्योगिक क्षेत्र और उन फैक्ट्रियों के लिए अनुमति भी शामिल है जिनमें डॉर्मिटरीज, किचन, मेडिकल सेट-अप और हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के साथ 1 लाख से अधिक कर्मचारी हो सकते हैं।
भारत की योजना इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेटअप को एक नए लेवल तक ले जाने की है जो अंततः मजबूत सप्लायर इको-सिस्टम, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर और वैश्विक सर्विसिंग का निर्माण करे। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव और जूनियर मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने ‘विजन डॉक्युमेंट 2.0’ प्रस्तुत किया है। इसे उनके मंत्रालय ने तैयार किया है और और इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन द्वारा प्रेजेंट किया गया है।
वैश्विक के साथ-साथ घरेलू कंपनियां भी मैन्युफैक्चरिंग में हों आगे
वैष्णव का कहना है कि सरकार पहले ही अगले छह वर्षों में चार उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं (सेमीकंडक्टर और डिजाइन; स्मार्टफोन; आईटी हार्डवेयर, और कंपोनेंट्स) में लगभग 17 अरब डॉलर का वादा कर चुकी है। अब सरकार और अधिक श्रेणियां लाएगी, जहां लाभ स्थानीय विनिर्माण के लिए बढ़ाया जाएगा। इनमें हियरेबल्स व वियरेबल्स, औद्योगिक और ऑटो इलेक्ट्रॉनिक्स, और दूरसंचार उपकरण शामिल होने की संभावना है।
सरकार चाहती है कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में न केवल ताइवानी फॉक्सकॉन व विस्ट्रॉन (दोनों ऐप्पल के अनुबंध निर्माता) और कोरियाई सैमसंग जैसी वैश्विक कंपनियां हों, बल्कि ऑप्टिमस, डिक्सन और लावा जैसे ‘घरेलू चैंपियन’ भी शामिल हों। वैष्णव ने कहा कि उन्होंने श्रम मंत्रालय से बड़े कारखाने स्थापित करने के मुद्दों के बारे में बात की है जिसमें एक लाख कर्मचारी हो सकते हैं, और श्रमिकों के लिए आवास परिसर हैं।
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय की यह तैयारी भी
उन्होंने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय भूमि, बिजली, सड़कों और अंतर्निहित कनेक्टिविटी जैसी सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ विशाल एकीकृत विनिर्माण क्षेत्र (1,000 एकड़ तक जा सकता है) के निर्माण के लिए भूमि की पहचान कर रहा है, जो कि चीन और वियतनाम में किए गए आवंटन के अनुरूप है। उद्योग ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है।
– एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh