नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधि, लाभ, शुभ मुहूर्त, आरती

नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधि, लाभ, शुभ मुहूर्त, आरती

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नवरात्रि 2023 में की जाने वाली एक से नौ दोनों तक की पूजा का संपूर्ण विवरण

नवरात्रि एक हिंदू त्योहार है जो देवी दुर्गा की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह नौ दिनों तक चलता है, और हर दिन एक अलग देवी को समर्पित होता है। नवरात्रि का पहला दिन चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है और नवमी तिथि को समाप्त होता है।

नवरात्रि की पूजा विधि हर दिन समान होती है, लेकिन कुछ मंत्र और अनुष्ठान अलग-अलग होते हैं।

पूजा का समय:

नवरात्रि की पूजा प्रातः काल 6:00 बजे से शुरू करनी चाहिए। पूजा का समय सूर्योदय से पहले या सूर्योदय के बाद तक हो सकता है।

पूजा की सामग्री:

  • एक कलश
  • गंगाजल
  • लाल रंग का कपड़ा
  • चावल
  • पुष्प
  • धूप
  • दीप
  • फल
  • मिठाई
  • प्रसाद
  • माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर

पूजा विधि:

  • सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें और स्वच्छ करें।
  • फिर कलश को गंगाजल से भरें और उसमें चावल, पुष्प, और मौली रखें।
  • कलश के ऊपर लाल रंग का कपड़ा लपेटें।
  • कलश के चारों ओर दीपक जलाएं।
  • माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें।
  • माँ दुर्गा को गंगाजल अर्पित करें।
  • माँ दुर्गा को पुष्प अर्पित करें।
  • माँ दुर्गा को धूप और दीप अर्पित करें।
  • माँ दुर्गा को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
  • माँ दुर्गा की आरती करें।
  • माँ दुर्गा से प्रार्थना करें कि वे आपको अपनी कृपा प्रदान करें।

पूजा के मंत्र:

जय अम्बे गौरी, मैया जय जय देवी, जय माता दी।

नमो भगवति सुख देवी, नमो भगवति आनंद देवी, नमो भगवति कल्याणकारी, नमो भगवति जय जय देवी।

जय अम्बे गौरी, मैया जय जय देवी, जय माता दी।

दुर्गा चालीसा:

जय अम्बे गौरी, मैया जय जय देवी, जय माता दी।

जय गिरिराज किशोरी, मैया जय जय देवी, जय माता दी।

जय शिव कानन देवी, मैया जय जय देवी, जय माता दी।

जय अम्बे गौरी, मैया जय जय देवी, जय माता दी।

प्रार्थना:

दुर्गा आरती:

जय अम्बे गौरी, मैया जय जय देवी, जय माता दी।

नमो भगवति सुख देवी, नमो भगवति आनंद देवी, नमो भगवति कल्याणकारी, नमो भगवति जय जय देवी।

जय अम्बे गौरी, मैया जय जय देवी, जय माता दी।

नवरात्रि की पूजा के नौ दिनों में देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है।

पहले दिन: शैलपुत्री

दूसरे दिन: ब्रह्मचारिणी

तीसरे दिन: चंद्रघंटा

चौथे दिन: कुष्मांडा

पांचवें दिन: स्कंदमाता

छठे दिन: कात्यायनी

सातवें दिन: कालरात्रि

आठवें दिन: महागौरी

नौवें दिन: सिद्धिदात्री

नवरात्रि की पूजा का उद्देश्य देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करना और अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता प्राप्त करना है।

Dr. Bhanu Pratap Singh