पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को माइग्रेन का खतरा होता है तीन गुना ज्यादा

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माइग्रेन एक गंभीर सिरदर्द होता है जो आमतौर पर सिर के एक तरफ शुरू होता है, लेकिन दोनों तरफ भी हो सकता है और इसमें धड़कन या तेज दर्द होता है। इसके साथ मतली या उल्टी भी हो सकती है, साथ ही तेज रोशनी और शोर के प्रति चिड़चिड़ापन भी हो सकता है और रोज़मर्रा के काम करने से भी ये दर्द बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि हार्मोन में बदलाव ही शायद यही कारण है कि माइग्रेन महिलाओं में पुरुषों की तुलना में तीन गुना ज्यादा आम है।

माइग्रेन क्या है?

माइग्रेन (Migraine) सिरदर्द का एक गंभीर रूप है जो आमतौर पर सिर के एक तरफ शुरू होता है, लेकिन दोनों तरफ भी हो सकता है। इसमें तेज दर्द होता है और साथ ही जी मिचलाना या उल्टी भी हो सकती है। तेज रोशनी या तेज आवाज से भी तकलीफ बढ़ सकती है और रोज़मर्रा के काम करने में भी दिक्कत आती है। इसमें ध्यान लगाने में भी परेशानी हो सकती है और यह सिरदर्द लंबे समय तक, चार घंटे से लेकर 72 घंटे तक भी रह सकता है।

डॉक्टरों का क्या कहना है?

फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख निदेशक डॉ प्रवीण गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, “माइग्रेन (Migraine) बहुत आम सिरदर्द है और लगभग 15 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करता है। माइग्रेन (Migraine) वालों में इसका पारिवारिक इतिहास होता है और यह मासिक धर्म के दौरान खराब हो जाता है। महिलाओं और पुरुषों का अनुपात तीन से एक है।”

आर्टेमिस अस्पताल में न्यूरोलॉजी के निदेशक डॉ सुमित सिंह ने बताया, “यह शरीर में हार्मोन के चक्रीय परिवर्तन के कारण होता है। महिला सेक्स हार्मोन जिसे एस्ट्रोजन कहा जाता है, माइग्रेन (Migraine) का मुख्य कारण है।”

उन्होंने आईएएनएस को बताया कि “हार्मोनल गोलियां या हार्मोनल गर्भनिरोधक लेने वाली महिलाओं में माइग्रेन का खतरा बहुत अधिक होता है।”

माइग्रेन (Migraine) का इलाज करने के लिए कई नई तकनीकें उपलब्ध हैं। लेकिन “यह महत्वपूर्ण है कि माइग्रेन को बढ़ाने वाले कारकों की पहचान की जाए, उदाहरण के लिए, भूख, धूप, तनाव, नींद की कमी। ये कुछ ऐसे लक्षण हैं जो माइग्रेन से पहले आ सकते हैं।”

डॉक्टर ने कहा कि माइग्रेन का जल्दी पता लगाने और उसका पर्याप्त इलाज करने के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

बेंगलुरु के अपोलो अस्पताल में न्यूरोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ जे.बी. आगाडी ने भी माइग्रेन (Migraine) के इलाज के लिए गैर-दवा विकल्पों की बढ़ती जरूरत की ओर इशारा किया।

उन्होंने कहा, “रिमोट इलेक्ट्रिकल न्यूरोमॉड्यूलेशन (आरईएन) जैसी उभरती हुई तकनीकें माइग्रेन (Migraine) से पीड़ित लोगों के लिए आशाजनक विकल्प प्रदान करती हैं। आरईएन मस्तिष्क में दर्द निवारक मार्गों को सक्रिय करने के लिए निम्न-स्तरीय विद्युत उत्तेजना का उपयोग करता है, जो माइग्रेन प्रबंधन के लिए एक क्लिनिकली प्रमाणित, दवा-मुक्त विकल्प प्रदान करता है।”

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh