ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के चीफ बदरुद्दीन अजमल के एक बयान से विवाद खड़ा हो गया है जिसमें उन्होंने कहा कि मुसलमानों में अपराध दर अधिक है। सांसद अजमल ने कहा, ”हम मुसलमान डकैती, बलात्कार, लूट जैसे सभी अपराधों में नंबर 1 हैं। जेल जाने में भी हम नंबर 1 हैं।” जिसके बाद से इस बयान की खूब आलोचना हो रही है, लेकिन वह बयान पर कायम हैं।
हर जगह से उठ रहे सवाल के बाद उन्होंने दोहराया कि उनके बयान में कुछ भी गलत नहीं है। बता दें कि असम के इत्र कारोबारी और सांसद बदरुद्दीन अजमल की पार्टी मुसलमानों के बीच पकड़ रखती है। भाजपा शासित असम विधानसभा में उनकी पार्टी के 15 विधायक हैं।
इस बयान पर मचा है बवाल
सांसद बदरुद्दीन अजमल असम के गोलपारा जिले में पूर्व छात्रों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि “लूट, डकैती, बलात्कार जैसे अपराध में हम नंबर 1 हैं। हम जेल जाने में भी नंबर 1 हैं। हमारे बच्चों को स्कूल और कॉलेज जाने के लिए समय नहीं मिलता है, लेकिन जुआ खेलने के लिए पर्याप्त समय मिलता है।”
उन्होंने आगे कहा, “लोग चंद्रमा और सूर्य पर जा रहे हैं। हम जेल जाने के तरीके पर पीएचडी कर रहे हैं। एक पुलिस स्टेशन में चलें और आपको पता चल जाएगा कि किसी संख्या अधिक है। क्या यह दुखद बात नहीं है?”
बदरुद्दीन ने अपराध को लेकर क्या कहा?
बदरुद्दीन अजमल ने कहा, ”मैंने दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय में शिक्षा की कमी देखी है। मैंने दुख व्यक्त किया है कि हमारे बच्चे पढ़ते नहीं हैं, उच्च शिक्षा के लिए नहीं जाते हैं और मैट्रिक तक भी पूरी नहीं कर पाते हैं। युवाओं को शिक्षा की आवश्यकता समझाने के लिए मैंने ऐसा कहा है।”
उन्होंने कहा कि लड़कों और पुरुषों को लड़कियों को देखते या उनके साथ बातचीत करते समय दुर्भावनापूर्ण इरादे नहीं रखने चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “जो लड़के कहते हैं कि वे महिलाओं को देखकर यौन उत्तेजित हो जाते हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इस्लाम कहता है कि व्यवहार करने का एक उचित तरीका है। जब हम बाजार या किसी सार्वजनिक स्थान पर जाते हैं और महिलाओं को देखते हैं तो हमें दूसरी ओर देखना चाहिए। उन्हें याद रखना चाहिए कि उनके परिवार में भी महिलाएं हैं। अगर वे अपनी मां और बहनों के बारे में सोचेंगे तो उनके मन में कभी भी अनुचित विचार नहीं आएंगे।”
साक्षरता बड़ी समस्या: अजमल
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख और सांसद अजमल ने कहा, “कम साक्षरता दर मुस्लिम समुदाय के विकास की कमी का एक बड़ा कारण है। अक्सर दोष सरकार पर मढ़ दिया जाता है। लेकिन साक्षरता को लेकर बड़ी समस्या है। वे पढ़े-लिखे नहीं हैं। शिक्षा के मामले में हम सिर्फ सरकार को दोष देते हैं, लेकिन अगर वे हमारे अल्पसंख्यक इलाके से डॉक्टर और इंजीनियर मांगते हैं तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम उन्हें नहीं दे सकते हैं। हमें इसे बढ़ाना चाहिए। हमारे युवाओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। शिक्षा की कमी के कारण ही सभी बुराइयां व्याप्त हैं।
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