गर्भावस्था के दौरान मां को स्वस्थ रहने और शिशु के सही विकास के लिए पोषक तत्व जैसे कि विटामिन लेना बहुत जरूरी होते हैं। लेकिन अगर आप अधिक मात्रा में विटामिन ले लेती हैं तो इसके नुकसान भी हो सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं के शरीर को पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता होती है। प्रेग्नेंसी में विटामिन लेना मां और शिशु के लिए बहुत जरूरी होता है लेकिन क्या आप ये जानते हैं गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को कितनी मात्रा में विटामिन लेना चाहिए और अधिक विटामिन लेने से उनकी सेहत और शिशु को क्या नुकसान हो सकता है।
विटामिन और सप्लीमेंट्स क्या होते हैं
विटामिन वो जैविक तत्व होते हैं जिन्हें शरीर अपने आप नहीं बना सकता है। इसके अलावा विटामिन डी धूप से मिल जाता है और अन्य विटामिनों की पूर्ति खाद्य पदार्थों से होती है। शरीर को कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है जैसे कि विटामिन, खनिज पदार्थ, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा और फाइबर। इन पोषक तत्वों की शरीर में कमी होने पर सप्लीमेंट लिए जाते हैं।
गर्भावस्था में जरूरी विटामिन
शिशु के विकास के लिए गर्भावस्था के दौरान सही पोषण लेना बहुत आवश्यक होता है। यदि प्रेग्नेंसी में महिला फोलिक एसिड लेती है तो इससे शिशु में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट जैसे कि स्पाइन बिफिडा का खतरा कम रहता है। वहीं आयोडीन शिशु के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए जरूरी है। आयरन मां को एनीमिया से बचाता है और जन्म के समय शिशु का वजन संतुलित रखता है।
विटामिन बी12 और विटामिन डी शिशु के तंत्रिका तंत्र और स्केलेटन के विकास में मदद करता है। उचित मात्रा में विटामिन सी लेने से आहार से मिलने वाले आयरन के अवशोषण में सुधार आता है।
कौन गर्भवती महिला ले सकती है सप्लीमेंट
अगर आप शाकाहारी हैं और आपके शरीर में विटामिन बी12 की कमी या आप पर्याप्त मात्रा में डेयरी उत्पाद नहीं ले रही हैं या कैल्शियम की कमी है, आयरन का स्तर कम है या विटामिन डी की कमी है तो इस स्थिति में डॉक्टर आपको सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं।
विटामिन का ओवरडोज
अगर अधिक मात्रा में किसी भी विटामिन का सेवन किया जाए तो वो खतरनाक हो सकता है। कैल्शियम और आयरन का ओवरडोज सबसे ज्यादा नुकसानदायक होता है। प्रेग्नेंसी में मल्टीविटामिन लेना जरूरी है लेकिन इससे पहले आपको एक बार अपने डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। विटामिन के ओवरडोज से बचने के लिए किसी भी विटामिन सप्लीमेंट को आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर से बात जरूर करें।
गर्भावस्था में विटामिन कितना लेना चाहिए
19 से 50 साल की गर्भवती महिला को 600 माइक्रोग्राम फोलेट, 18 मि.ग्रा नियासिन, राइबोफ्लेविन 1.4 मि.ग्रा, विटामिन ए 770 माइक्रोग्राम, विटामिन बी6 1.0 मि.ग्रा, विटामिन बी12 2.6 माइक्रोग्राम, विटामिन सी 85 मि.ग्रा, विटामिन डी 600 आईयू और विटामिन ई 15 मि.ग्रा एवं विटामिन के 90 माइक्रोग्राम लेने की आवश्यकता होती है।
विटामिन की ओवरडोज लेने पर क्या होता है
विटामिन की ओवरडोज लेने के लक्षण प्रेग्नेंसी में होने वाली समस्याओं से मिलते-जुलते हो सकते हैं। गर्भवती महिला के विटामिन ज्यादा मात्रा में लेने पर झागदार पेशाब आना, बार-बार पेशाब आना, कब्ज, दस्त, भूख में कमी, मतली, पेट दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, मांसपेशियों, जोड़ों या हड्डी में दर्द, धूप में निकल पाना, खुजली या चकत्ते पड़ना, सिरदर्द, थकान, मूड बदलना, दिल की धड़कन तेज या अनियमित होना, आंखों में जलन या रोशनी से आंखें चुंधिया जाना या होंठ फटने जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं।
डॉक्टर को कब दिखाएं
अगर आपको लग रहा है कि आपने मल्टीविटामिन या सप्लीमेंट का ओवरडोज ले लिया है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर के कहे बिना उल्टी करने की कोशिश न करें। विटामिन का ओवरडोज लेने पर डॉक्टर आपसे कुछ सवाल पूछ सकते हैं जैसे कि आपकी उम्र, वजन और स्वास्थ्य स्थिति, कौन-सा मल्टीविटामिन लिया है, किस समय लिया है और कितनी मात्रा में लिया है?
-एजेंसियां
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