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कुलपति प्रो. के.एस. राना ने पीएम मोदी को बोला थैंक्स और MBBS के संबंध में दिया सबसे बड़ा सुझाव

HEALTH

Chittorgarh, Rajasthan, India. देश के सर्वाधिक चर्चित कुलपति और वर्तमान में मेवाड़ विश्वविद्यालय चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) के वाइस चांसलर प्रोफेसर के.एस. राना ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिकित्सा क्षेत्र के मद्देनजर महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि निजी मेडिकल कॉलेजों को सरकार अपने नियंत्रण में ले या प्रवेश में 75 फीसदी सीटें मैरिट से भरी जाएं। निजी मेडिकल कॉलेजों को अपने स्तर से 25 फीसदी सीटें ही भरने की अनुमति दी जाए। इसकी भी वाजिब फीस सरकार को तय करनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनऔषधि दिवस पर सात मार्च को बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी। इसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा। कुलपति प्रोफेसर के.एस. राना ने बताया कि इस बारे में उन्होंने केन्द्र सरकार से कई बार आग्रह किया था। उनकी बात सरकार ने सुनी, इसके लिए प्रधानमंत्री को साधुवाद है।

उन्होंने कहा कि देश में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर युद्धस्तर पर काम करना होगा। मैरिट पर प्रवेश देने से लाभ यह होगा कि गधे डॉक्टर नहीं बनेंगे। वास्तव में जो योग्य हैं, वही डॉक्टर बन पाएंगे। निजी मेडिकल कॉलेजों में इस समय मानकों को ताक पर रखकर डॉक्टर बनाए जा रहे हैं और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण मुँहमांगी फीस और डोनेशन है। सरकार ने मनमानी फीस पर अंकुश लगाया है, जिसका लाभ गरीब मेधावी छात्रों को होगा।

उन्होंने बताया कि करीब 16 लाख छात्र NEET (National Eligibility cum Entrance Test)  में शामिल हुए थे। लगभग 9 लाख  परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। महज  90 हजार को सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिला। 90 हजार सीटों को 9 लाख तक पहुँचाना होगा। हमारी शिक्षा नीति दोषपूर्ण ना रही होती तो छात्रों को विदेश के छोटे मुल्कों में क्यों धक्के खाने पड़ते? उल्लेखनीय है कि भारत में प्रवेश न मिलने के कारण यहां के छात्र यूक्रेन में जाकर मेडिकल की पढ़ाई करते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध हुआ तो इस बात की गहराई का पता चला। हजारों छात्रों को यूक्रेन से भारत लाया गया है।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh