यूपी: अब बदायूं की जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा, याचिका दायर

यूपी: अब बदायूं की जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा, याचिका दायर

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Budayun, Uttar Pradesh, India. वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग होने के दावे के बाद अब बदायूं की जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया गया है. इस संबंध में बदायूं की सिविल कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसे सिविल कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.

अखिल भारतीय हिंदू महासभा (एबीएचबी) की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक सिविल कोर्ट ने शुक्रवार को मामला दर्ज करने का आदेश भी दिया है.

ख़बर के अनुसार याचिका में दावा किया गया है कि बदायूं स्थित जामा मस्जिद परिसर वास्तविकता में एक हिंदू राजा का किला था. याचिका में दावा किया गया है कि जामा मस्जिद की मौजूदा संरचना नीलकंठ महादेव के एक प्राचीन मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई है.

कोर्ट ने इस संबंध में जामा मस्जिद के इंतेज़ामिया समिति, उत्तर प्रदेश सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड, उत्तर प्रदेश पुरातत्व विभाग, केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, बदायूं ज़िला मजिस्ट्रेट और राज्य के प्रमुख सचिव को भी अपना जवाब दाख़िल करने को कहा है.

इस मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को की जाएगी. यह याचिका आठ अगस्त को दायर की गई थी.

जामा मस्जिद बदायूं के मौलवी टोला इलाक़े में स्थित है और इस मस्जिद की ख़ासियत यह है कि यह देश की सबसे बड़ी मस्जिदों में शुमार है. यह देश की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है. इस मस्जिद में एक समय में 23 हज़ार से अधिक लोग एकसाथ जमा हो सकते हैं.
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के ज़िला अध्यक्ष मुकेश सिंह पटेल का कहना है कि उन्हें पता है कि इस जगह मंदिर हुआ करता था.

अपने दावे में उन्होंने कहा, “हमें यह अच्छी तरह पता है कि मंदिर के अस्तित्व से जुड़े साक्ष्य उस कमरे में हैं, जो लंबे समय से बंद है.”

उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से दायर याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि वह इस मामले में केस दर्ज करने का आदेश दे और सर्वे का आदेश दे ताकि सच सामने आ सके.

याचिका में कुछ पक्षकारों ने बताया कि इतिहास की किताबों में इस मस्जिद का उल्लेख है. जिसके मुताबिक़, इस मस्जिद का निर्माण शमसुद्दीन इल्तुतमिश ने 1222 ईस्वीं में कराया था.

हालांकि याचिकाकर्ताओं के वकील वेद प्रकाश गुप्ता ने टीओआई को दिए इंटरव्यू में कहा है कि उन्होंने याचिका में राजा का किला होने के सभी साक्ष्य, विस्तारपूर्वक कोर्ट के सामने रखे हैं. साथ ही मस्जिद परिसर में मंदिर होने के साक्ष्यों का भी पूरे विस्तार से याचिका में उल्लेख किया गया है.

 

Dr. Bhanu Pratap Singh