Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। कल का दिन वर्षा काल में इस सीजन की सबसे अधिक वर्षा का दिन था। कई वर्षों से मथुरा के लोगों ने न तो सावन में वर्षा का आनन्द लिया और न कई वर्षों से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस तरह की वर्षा देखी गई अक्सर जन्माष्टमी के दिन हल्की बूंदा वादी होती थी, मगर इस वार इन्द्र देव भी शायद श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ब्रजवासियों पर विशेष कृपा की है। कि सावन और भादों का महिना उमस और भीषण गर्मी भरा रहा हो। मगर मंगलवार की शाम को 5:45 के करीव जिस तरह से मौसम सुहाना हुआ और लगभग तीन घन्टे से अधिक समय तक लगातार बारिस होती रही। यह भीषण गर्मी और उमय से निजात दिलाने वाली जरूर थी मगर इसने शहर में चारों तरफ नगर निगम के कार्यो की पोल खोल कर रख दी। जगह जगह जल भराव के साथ साथ सीवर की लाइनों की खुदाई के कारण लोगों की जान पर बन आई जगह जगह लोग इन गड्डों का अन्दाजा नही कर पाये जिसके कारण दुपहिया और चार पहिया बाहनों के चालक बड़ी संख्या में चुटैल हुए।
अग्निशमन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी खुद पानी में उतर गए
लोगों ने रात में बरसात हो रहे सुहावने मौसम का मजा लेने के लिए घर से न निकलें, कान्हा की नगरी ऐसे हालातों में जानलेवा हो जाती है। मंगलवार रात तीन घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश ने मथुरा को टापू बना दिया। गली मुहल्लों से लेकर मुख्य मार्ग तक जलमग्न हो गए। मुख्य मार्गों पर पानी में फंसे राहगीरों की सूचना पर रात दस बजे के बाद पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ। अग्निशमन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी खुद पानी में उतर गए। टार्च की रोशनी में आगरा से आ रही यात्रियों से भरी बस की सवारियां किसी तरह निकाली। गर्दन से ऊपर तक भरे पानी के बीच एक-एक सवारी को सकुशल से निकाला गया। कई रिक्शे पानी के बीच डूब गए, उन्हें खोजा गया।
रात्रि में बारिश के कारण नए बस स्टैंड के निकट स्थित रेलवे पुल के नीचे यात्रियों से भरी हुई बस पानी में बंद हो गई। पुल के नीचे और इसके आसपास पानी इतना अधिक था कि किसी के भी डूबने का खतरा था। पानी गर्दन तक पहुंच गया। कहां गड्डा है और कहां नाली इसका अनुमान नहीं लगने पर किसी के भी डूबने की आशंका थी। आगरा से आ रही मिनी बस में 15-20 यात्रियों के फंसे होने की होने की सूचना पर अग्निशमन विभाग सक्रिय हुआ।
रात करीब 12 बजे तक रेस्क्यू कर किसी तरह पानी में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला
त्वरित कार्यवाही करते हुए चीफ फायर ऑफीसर प्रमोद शर्मा के दिशा-निर्देशन में रेस्क्यू टीम ने बस में फंसे सभी यात्रियों एवं अन्य फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए पुल तक पहुंचती इससे पहले ही बीएसए कॉलेज के पास पानी में अग्निशमन कर्मियों का वाहन भी फंस गया। अग्निशमन केंद्र से दूसरा वाहन मंगाया गया, तो वह भी बारिश में खराब हो गया। करीब डेढ़ किमी तक दमकल कर्मी पैदल चले और फ्लाईओवर के नीचे पहुंचे। इस दौरान तेज बारिश हो रही थी और बस में फंसे यात्री चीख रहे थे। टार्च की रोशनी में मुख्य अग्निशमन अधिकारी समेत अन्य दमकल कर्मी पानी में जैसे-तैसे घुसे और एक-एक यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। एक रिक्शा पानी में डूब गया। ऐसे में उसकी खोजबीन की गई। एक घंटे की मशक्कत के बाद रिक्शा पानी में फंसी बस में पीछे फंसा हुआ मिला। दमकल कर्मियों ने रात करीब 12 बजे तक रेस्क्यू कर किसी तरह पानी में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला। रेस्क्यू के दौरान लीडिंग फायरमैन दुर्गाप्रसाद, चालक लोचन सिंह, अजय प्रताप, फायरमैन लाला राम, हरिशंकर गौतम, विक्रम सिहं एवं बलबीर सिंह ने टीम में शामिल रहे।
पुराने बस स्टैण्ड और भूतेश्वर पर पानी की निकासी की व्यवस्था भी ठीक नहीं है
नया बस स्टैण्ड पुल के पास अत्यधिक पानी भर जाने के कारण स्टेट बैंक से पुलिस को रूट डायवर्ट करना पडा। प्रभारी निरीक्षक यातायात अशोक कुमार सिंह ने स्टेट बैंक चौराहे पर खुद मोर्चा सम्हाला वाहनों को डायर्वजन कर यातायात व्यवस्था को सुचारु कराया गया। यह हाल नये बस स्टैण्ड का ही नहीं है। यहां तब भी पानी की निकासी की व्यवस्था की गई है। पुराने बस स्टैण्ड और भूतेश्वर पर पानी की निकासी की व्यवस्था भी ठीक नहीं है। यहां रात में फंसने पर जान जोखिम में पड सकती है।
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