गीत, संगीत, कविता और नाटक की प्रस्तुति, व्याख्यान भी होंगे, सुधीर नारायण सुनाएंगे अटल जी के गीत, रुचि चतुर्वेदी का एकल काव्यपाठ
डॉ. भानु प्रताप सिंह
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजयेपी के जन्मदिवस की पूर्व वेला में हर वर्ष हो रही अटल गीत गंगा इस बार नए रंगरूप में है। स्थान है- अतुल्य भारत कल्चरल सेंटर, डॉ. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल, सिकंदरा आगरा। समय हैः पूर्वाह्न 11.30 बजे। गीत, संगीत, कविता और नाटक की प्रस्तुति होगी। व्याख्यान होंगे। विश्व प्रसिद्ध गजल गायक सुधीर नारायण के स्वर आपके कानों में सुधारस घोलेंगे। जानी-मानी कवयित्री डॉ. रुचि चतुर्वेदी का एकल काव्यपाठ होगा।
नाटक के माध्यम से दिखाएंगे अटल जी का जीवन
अटल गीत गंगा आयोजन समिति एवं डा. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में यह आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम संयोजक स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह (चेयरपर्सन, डॉ. एमपीएस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस) और समन्वयक एडवोकेट अशोक चौबे ( जिला शासकीय अधिवक्ता राजस्व) ने सोमवार को पत्रकारों को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस समारोह में स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा दी नाट्य प्रस्तुतियां जाएंगी, जिसमें अटल जी जी के जीवन की महत्वपूर्ण झलक होगी।
चार सांसद आ रहे
स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह ने बताया कि समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो.एस.पी सिंह बघेल होंगे। अध्यक्षता सांसद एवं किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर करेंगे। मुख्य वक्ता भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला होंगे। विशिष्ट अतिथि होंगे नवीन जैन, सांसद (राज्यसभा), रमेश अवस्थी (सांसद, कानपुर), हेमलता दिवाकर (महापौर, आगरा), बबीता चौहान (अध्यक्ष-राज्य महिला आयोग, उप्र), राजा बुंदेला (अभिनेता एवं उपाध्यक्ष-बुंदेलखंड विकास बोर्ड (उ.प्र.), प्रसिद्ध उद्यमी पूरन डावर, अटल जी की भांजा बहू निर्मला दीक्षित।
अच्छे मन से तैयारी
उन्होंने बताया कि अटल गीत गंगा के माध्यम से बच्चो में चेतना का जागरण हो रहा है। हमने बहुत अच्छे मन और उद्देश्य से तैयारी की है। समाज में, युवाओं में, और बच्चों में ऐसी चेतना जाग्रत हो अटल बिहारी वाजपेयी के अभियान को आगे बढ़ा सकें।
क्या है उद्देश्य
अटल गीत गंगा आयोजन समिति के समन्वयक एडवोकेट अशोक चौबे ने बताया कि अटल जी राजनीतिज्ञ, साहित्यकार, पत्रकार, गीतकार हैं। ऐसे व्यक्तित्व का कृतित्व है बच्चों तक जाए। अटल जी का साहित्य बच्चे पढ़ें और और आनंद लें। इसीलिए अटल गीत गंगा का आयोजन शहर से हटकर विद्यालय में करना शुरू किया है। हमारा उद्देश्य भीड़ एकत्रित करना नहीं है। हम चाहते हैं कि बच्चे भी अटल जी के विचारों का अनुसरण करें, उनके साहित्य को पढ़ें। इसी उद्देश्य को लेकर विद्यालय की ओर रुख किया है।
कैसे आया अटल गीत गंगा का विचार
एडवोकेट अशोक चौबे ने बताया कि अटल जी किताब को पढ़ते हुए विचार आया कि हम ही क्यों, उनके साहित्य का जन-जन तक प्रचार हो। अटल जी की साहित्यिक सोच बहुत विस्तृत है। हर बच्चे की समझ में आने योग्य है। उनकी कविताएं ऐसी हैं जो जीवन पर आधारित हैं। कविताओं से सीख सकते हैं कि जीवन में क्या करते करना चाहिए। राष्ट्रीयता पर आधारित हैं कविताएं। इस विचार को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कवि सम्मेलन से शुरुआत होटल ग्रांड में की, तब 150 लोग थे। वहां से करते-करते आज स्कूलों तक पहुंच गए हैं।
हमारे अटल बिहारी
उन्होंने बताया कि अटल गीत गंगा की ओर से मैगजीन का भी प्रकाशन कर रहे हैं। इसका शीर्षक है- हमारे अटल बिहारी। इसके आवरण का लोकार्पण 24 दिसंबर को करेंगे। इसके लेखक हैं आदर्श नंदन गुप्त।
चित्रकला व ललित कला का भी प्रदर्शन
कवयित्री रुचि चतुर्वेदी ने बताया कि अटल गीत गंगा में संगीत, साहित्य, और मंचन के साथ चित्रकला व ललित कला का भी प्रदर्शन है। इसकी एक झलक मंच के पीछे दिखाई दे रही है।
प्रेसवार्ता में कैलाश मंदिर के महंत निर्मल गिरी, समाजसेवी रेणुका डंग, आदर्श नंदन गुप्त, राखी जैन (प्रधानाचार्य, एमपीएस वर्ल्ड स्कूल), दीपक चौबे, संजीव चौबे, मोहित जैन, रवि चौबे आदि भी मौजूद रहे।
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