वीर महेंद्र पाल सिंह ने कहा- छोटी आयु में हजारों लोगों के दुःख-दर्द दूर किए
श्री गुरु सिंह सभा ने प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा माईथान में कराया कीर्तन दरबार
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Agra, Uttar Pradesh, India. भोर की किरणें और अमृत वेले प्रभु नाम की बरखा में लीन संगत। यह नजारा था सुखमनी सेवा सभा द्वारा आयोजित आठवें गुरु श्री गुरु हरिकिशन साहिब जी के प्रकाश पर्व को समर्पित कीर्तन दरबार का। सिक्ख समाज की केंद्रीय संस्था श्री गुरु सिंह सभा द्वारा गुरुद्वारा माईथान पर आयोजित किया गया।
सावन की संक्रान्ति और भोर के समय में सर्वप्रथम सुखमनी सेवा सभा की प्यारी बच्चियों ने सुखमनी साहिब जी के पाठ सिमरन व शब्द कीर्तन करके समूह संगत का मन मोह लिया। उसके बाद भाई हरजिंदर सिंह ने पावन शब्द कर किरपा अपनी भक्ति लाए का गायन कर सभी को भक्ति रस में डुबो दिया।
सभा के प्यारे वीर महेंद्र पाल सिंह जी ने अपनी मधुर वाणी से सभी का मन मोह लिया। उन्होंने भूले मारग जिन्हें बताया ऐसा गुर वडभागी पाया शब्द का गायन कर सभी का मन मोह लिया। उन्होंने बताया कि जिस शरीर के ऊपर बख्शीश हो उसी में गुरु की जोत समा जाती है। गुरु हरकिशन साहिब जी की आयु बेशक छोटी थी लेकिन उनके ऊपर बख्शीश बहुत बड़ी थी, तभी गुरु नानक की जोत उन में समा गई और वह गुरु नानक की गद्दी के मालिक बने। छोटी आयु में ही उन्होंने हजारों लोगों के दुख दर्द दूर किये और सबको सच्चे नाम के साथ जोड़ा। उनकी उपमा में श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने कहा है श्री हरकिशन ध्याइयै जिस डीठे सब दुख जाए।
कार्यक्रम की समाप्ति पर निशान साहिब की सेवा की गई सारी संगत ने मिलकर निशान साहिब की सेवा में हिस्सा लिया। ज्ञानी कुलविंदर सिंह जी ने सभी के भले के लिए अरदास की व प्रसाद का वितरण हुआ। सामूहिक लंगर में सभी लोगों ने बैठकर एक साथ गुरु का लंगर ग्रहण किया। सुखमनी सेवा सभा के भाई गुरमीत सिंह सेठी ने मंच का संचालन किया।
इस अवसर पर सुरेंद्र सिंह सलूजा, संजय जट्टाना, समन्वयक बंटी ग्रोवर, सतीश सिंह अरोड़ा, पाली सेठी, शन्ती आनंद, गुरमुख व्यानी विकास बयानी, हरजिंदर सिंह आदि की उपस्थिति रही। श्री गुरु सिंह सभा माईथान के प्रधान सरदार कवलदीप सिंह ने सभी का धन्यवाद किया।
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