जनमाष्टमी के कार्यक्रम की रिपोर्ट शासन ने मांगी, जिला प्रशासन की मुश्किलें बढ़ी

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा नृत्य गोपालदास और उनके दो शिष्यों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद मथुरा जिला प्रशासन की मुश्किलें बढती जा रही है। जिन कमियों को अब तक नजर अंदाज किया जाता रहा है अब वही कमियां मथुरा जिला प्रशासन के गले की फांस बनती जा रही हैं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर हुए जनमाष्टमी के कार्यक्रम की रिपोर्ट शासन ने मांगी है तभी से मथुरा जिला प्रशासन में खलबली है।

रिपोर्ट में पूछा गया- कोविड-19 के नियमों का कितना पालन हुआ

मंदिर में प्रवेश के समय किस तरह हुई कोरोना की जांच हुई। ज्ञात रहे कि मथुरा में नृत्य गोपालदास पाए गए हैं कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे। बताया जा रहा है कि इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद बेहद गंभीर हैं। चर्चा है कि कार्यक्रम में नियमों का पालन न करने वाले लोगों पर गाज गिर सकती है। जन्मभूमि परिसर में पहुंचने वाले लोगों की सही संख्या का पता लगाया जा रहा है। 

जन्मोत्सव पर यहां कितनी संख्या थी, कितने लोगों ने मास्क लगाए थे
श्रीकृष्ण जन्मस्थान में विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी लगे हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तस्वीरें सीसीटीवी में हैं। जन्मोत्सव पर यहां कितनी संख्या थी, कितने लोगों ने मास्क लगाए थे। सामाजिक दूरी का पालन किया गया या नहीं। जन्मस्थान में प्रवेश के समय वहां पहुंचने वाले लोग सैनिटाइज किस तरह किए गए। सभी प्रकार की गतिविधियां सीसीटीवी में कैद हैं। जन्मस्थान संस्थान के सचिव कपिल शर्मा और सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी महंत के साथ थे। तीनों लोग मास्क नहीं लगाए थे। इनके अलावा जब जन्मस्थान परिसर और भागवत भवन में लगभग 400 लोग मौजूद थे।

मथुरा के स्वास्थ्य विभाग ने अयोध्या भेजा पत्र
मथुरा के कार्यकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि नृत्य गोपालदास के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद अयोध्या पत्र भेजकर उनके संपर्क में आए लोगों की जांच कराने के लिए आग्रह किया है। वो मथुरा आने से कई दिन पहले ही कोरोना संक्रमित हो गए थे। यहां आकर उनकी तबियत बिगड़ने के बाद जांच कराई गई, जिसमें वो पॉजिटिव पाए गए।

200 से अधिक लोग आये थे महंत के संपर्क में
मथुरा में स्वास्थ्य विभाग उनके संपर्क में आए लोगों की सूची तैयार कर रहा है। हालांकि महंत के संपर्क में आने वाले लोग 200 से अधिक बताए जा रहे हैं। इनमें उनके शिष्य, श्रद्धालु, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के पदाधिकारी, पुजारी, पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी आदि शामिल हैं। 

Dr. Bhanu Pratap Singh