दादाबाड़ी में सामूहिक क्षमावाणी पर्व ने जगाई आध्यात्मिक चेतना, श्रद्धालुओं को भारी बारिश भी ना रोक सकी

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दादाबाड़ी में सामूहिक क्षमावाणी पर्व ने जगाई आध्यात्मिक चेतना, श्रद्धालुओं को भारी बारिश भी ना रोक सकी

श्रद्धा और भक्ति से सराबोर वातावरण

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.

आगरा। जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक श्री संघ के तत्वावधान में जैन मंदिर दादाबाड़ी में पर्यूषण पर्व के उपरांत
सामूहिक क्षमावाणी पर्व बड़े ही भव्य और आध्यात्मिक उल्लास के साथ संपन्न हुआ। वातावरण में भक्ति, क्षमा और सौहार्द
का अद्भुत समन्वय दिखाई दिया।

क्षमा का वास्तविक संदेश

संघ के निवर्तमान अध्यक्ष राजकुमार जैन ने कहा – “हमें क्षमा केवल परंपरा के रूप में नहीं बल्कि जीवन की वास्तविक साधना
के रूप में अपनानी चाहिए। जिनसे भी हमारा द्वेष या मतभेद हुआ हो, उनसे क्षमा याचना कर प्रेम और सौहार्द का वातावरण बनाना
ही सच्चा पर्यूषण है।”

दिवंगत सेवकों के प्रति कृतज्ञता

सुनील कुमार जैन ने भावुक होते हुए कहा कि हमें सर्वप्रथम उन लोगों से क्षमा मांगनी चाहिए जिन्होंने संघ की सेवा में
अपना जीवन समर्पित कर दिया, किंतु आज इस संसार में नहीं हैं। उनकी इस सोच को सभी ने सराहा।

परिवार से क्षमा याचना का महत्व

स्थानकवासी समिति लोहामंडी के महासचिव सुशील जैन ने कहा कि क्षमा याचना का आरंभ हमें अपने परिवार और धर्मपत्नी
से करना चाहिए। यही सच्चा जीवन-मार्ग है।

महिला मंडल और जैन युग समिति की पहल

राजेंद्र सूरी महिला मंडल एवं जैन युग समिति ने सकल संघ से क्षमा याचना प्रस्तुत की।
इस अवसर पर सभा का संचालन शरद चौरडिया एवं दुष्यंत जैन ने किया।

दैनिक उपासकों का सम्मान

परमात्मा की प्रतिदिन पूजा-अर्चना करने वाले देवेंद्र गांधी, बिपिन बरडिया, श्रेयांश भूरट, मंजू भूरट समेत
25 श्रावक-श्राविकाओं का बहुमान किया गया। इस अवसर पर दुष्यंत जैन ने कहा –
“जिन श्रावक-श्राविकाओं के द्वारा नियमित पूजा होती है, उन्हीं से मंदिरों की रक्षा और प्रतिष्ठा बनी हुई है।”

24 जिनालय में 17 भेदी पूजा

17 भेदी पूजा से गूंजा मंदिर

कार्यक्रम का शुभारंभ कलिकुंड पार्श्वनाथ परमात्मा 24 जिनालय में हुआ, जहां राजेंद्र सूरी महिला मंडल की ओर से
रीता ललवानी एवं रीना दूगड़ ने परमात्मा की 17 भेदी पूजा विधिपूर्वक संपन्न कराई।
बड़ी संख्या में उपस्थित श्राविकाओं ने ध्वजा को अपने मस्तिष्क पर धारण कर फेरी लगाई।
भक्ति का यह दृश्य श्रद्धालुओं के हृदय को भावविभोर कर गया।

बारिश भी न रोक सकी श्रद्धालु

तेज बारिश के बावजूद श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे। भजनों की स्वर लहरियों में भीगकर
भक्ति और भी सघन हो गई। यह नजारा क्षमावाणी पर्व की पावनता को और गहरा कर गया।

स्वधर्मी वात्सल्य का आयोजन

कार्यक्रम के अंत में संघ की ओर से स्वधर्मी वात्सल्य का आयोजन किया गया। इसमें उपस्थित सभी ने
प्रसाद और आत्मिक आनंद का अनुभव किया।

व्यवस्थाओं का सफल संचालन

पूरे कार्यक्रम की व्यवस्थाएं दादाबाड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय दूगड एवं प्रकाश वेद ने
कुशलतापूर्वक संभालीं।

उल्लेखनीय उपस्थिति

इस अवसर पर उत्तमचंद चौरडिया, कमलचंद जैन, अजय चौरडिया, वीरेंद्र, मनोज, रोहित बोहरा, विजय सेठिया,
प्रवीण, विपिन बरडिया, संदेश जैन, अशोक कोठारी, मनीष गादिया, शरद गादिया, निखिल जैन, प्रमोद, प्रेम, संचित ललवानी,
रॉबिन जैन
सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।

मंदिर जी में प्रतिदिन प्रक्षाल पूजा करने वाले श्रावक श्राविकाओं के नाम

01 श्री देवेंद्र जी गांधी
02 श्री बिपिन जी बरडिया
03 श्री श्रेयांश जी भूरट
04 श्रीमती मंजू जी भूरट
05 श्री कमल जी रायसुराना
06 श्री पारस जी चौरडिया
07 श्रीमती ऊषा जी गादिया
08 श्रीमती नीलम जी चौरड़िया
09 श्री अखिल जी गदिया
10 श्री कमलचंद जी बोहरा
11 श्री राजकुमार जी जैन
12 श्री रजत गादिया
13 श्रीमती प्रतिभा जी गदिया
14 श्रीमती मंजू जी जैन
15 श्री सार्थक जी बुरड़
16 श्री भावेश जी बुरड़
17 श्रीमती गायत्री बुरड़
18 श्रीमती अमिता जी पाटनी
19 श्री अंकित पाटनी
20 श्री कीर्ति जी लोढ़ा
21 श्रीमती रिंकी जी लोढ़ा
22 श्री निशांत जी वैद
23 श्री अनूप जी तोमर
24 श्री अशोक जी ललवानी
25 शुचि जी जैन

 

Dr. Bhanu Pratap Singh