आगरा, वह नगरी जो प्रेम और शांति का प्रतीक है, आज एक दुखद और क्रूर घटना के विरोध में आक्रोश की लहर में डूब गई। कश्मीर के पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले ने न केवल देश के हृदय को झकझोरा, बल्कि आगरा के जन-जन में रोष और संवेदना की लहर पैदा कर दी। 26 अप्रैल की सुबह, संजय प्लेस में सैकड़ों लोग एकत्र हुए, जिनके हाथों में नारे थे, मन में दर्द था और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संकल्प था। यह प्रदर्शन केवल एक विरोध नहीं, बल्कि इंसानियत के लिए उठा एक स्वर था, जो शहीद स्मारक तक गूंजता रहा।
संजय प्लेस में बंद रहे प्रतिष्ठान: दो घंटे का मौन, फिर गूंजा नारा
सुबह 10 बजे, संजय प्लेस के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान दो घंटे के लिए बंद रहे। यह मौन केवल व्यापार का ठहराव नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक सामूहिक संदेश था। व्यापारियों, पेशेवरों और स्थानीय निवासियों ने एक स्वर में पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ नारेबाजी की। उनके हाथों में बैनर और पट्टिकाएं थीं, जिन पर आतंकवाद के खिलाफ कड़े शब्द अंकित थे। लंबे समय बाद संजय प्लेस में इतनी बड़ी संख्या में लोग एक मंच पर दिखे, जो इस घटना के प्रति उनकी गहरी संवेदना और आक्रोश को दर्शाता है।
पहलगाम की घटना के विरोध में शहीद स्मारक पर जमा लोग।
शहीद स्मारक तक जलूस: युवा-महिलाओं ने दिखाई एकजुटता
यस बैंक से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन एक विशाल जलूस में बदल गया। नारेबाजी करते हुए लोग बाजार की गलियों से होते हुए शहीद स्मारक पहुंचे। इस जलूस में न केवल पुरुष, बल्कि युवा और महिलाएं भी पूरे जोश के साथ शामिल हुईं। पहलगाम में हुई इस अमानवीय घटना, जहां महिलाओं और बच्चों के सामने उनके प्रियजनों को धर्म पूछकर गोली मारी गई, ने सभी के मन को झकझोर दिया। वरिष्ठ आयकर अधिवक्ता अनिल वर्मा एडवोकेट का कहना था कि यह दर्द पीड़ित परिवार और बच्चे जीवन भर नहीं भूल पाएंगे।
समाजसेवियों ने उठाई कड़ी कार्रवाई की मांग
शहीद स्मारक पर आयोजित सभा में समाजसेवी पी.एल. शर्मा ने कहा, “यह हमला केवल एक घटना नहीं, बल्कि मानवता पर प्रहार है। पाकिस्तान की सरपरस्ती में संचालित आतंकवाद की फैक्ट्रियों का समूल नाश जरूरी है।” मुरारी प्रसाद अग्रवाल ने इस कायराना कृत्य की कठोर निंदा करते हुए कहा, “अब समय है आर-पार की लड़ाई का, ताकि भविष्य में कोई ऐसी हिम्मत न कर सके। इंसानियत के खिलाफ हमला करार देते हुए कहा कि पूरे भारत की जनता इस घटना से द्रवित है। सभा को के.एन. अग्निहोत्री, ब्रजेंद्र बघेल, विजय सामा, अनिल अग्रवाल, अनिल रावत, राजू अग्रवाल, मनीष अग्रवाल और चंद्रवीर फौजदार ने भी संबोधित किया।
एसडीएम आगरा को ज्ञापन देते अनिल वर्मा एडवोकेट एवं अन्य।
सभा के उपरांत, गृह मंत्री को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम आगराको सौंपा गया। इस ज्ञापन में आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई।
इस कार्यक्रम में राजू डागा, तपन अग्रवाल, मधु टंडन, जी.पी. अग्रवाल, अंबा गर्ग, सुरेखा जी, सत्यपाल अरोड़ा, विनय मित्तल, संजय शर्मा, मनोज अग्रवाल, विनीता, संजना, पुनीत, अवधेश, अमित, देवेंद्र कुमार, रवींद्र और राजकुमार जैसे प्रमुख लोग शामिल रहे।
candle March in Agra
संपादकीय टिप्पणी:
पहलगाम का यह वीभत्स हमला न केवल कश्मीर की शांत वादियों पर दाग है, बल्कि मानवता के माथे पर एक कलंक है। आगरा के लोगों का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि आतंकवाद के खिलाफ देश एकजुट है। यह समय है कि सरकार न केवल कठोर कार्रवाई करे, बल्कि ऐसी नीतियां बनाए जो आतंकवाद की जड़ों को समाप्त करें। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का जवाब सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि ठोस और निर्णायक कदमों से देना होगा। आगरा की यह हुंकार देश के हर कोने में गूंजनी चाहिए, ताकि शांति और इंसानियत की जीत हो।
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