Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा, वृन्दावन। अयोध्या में 26 जुलाई 1992 को मन्दिर निर्माण के लिए की गई कार सेवा रोके जाने के पश्चात् श्री राम कार सेवा समिति के अध्यक्ष और राम जन्मभूमि आन्दोलन के प्रमुख स्तम्भ रहे स्वामी वामदेव जी महाराज ने अब से 28 वर्ष पूर्व 4 दिसम्बर 1992 को स्पष्ट रूप से यह घोषणा की थी कि ‘खून खराबा होने पर भी इस बार कार सेवा नहीं रुकेगी और राम मन्दिर का निर्माण होगा’।
प्रधान मंत्री नरसिम्हाराव के दूतों ने कार सेवा रोकने का अनुरोध किया था
‘भाषा’ के तत्कालीन सम्वाददाता मोहन स्वरूप भाटिया से वार्ता में राजनीति तथा राजनेताओं से दूर रहने वाले स्वामी वामदेव जी ने कहा था कि दो बार प्रदेश के मुख्य मंत्री कल्याण सिंह ने आश्रम में आकर माथा टेका था और प्रधान मंत्री नरसिम्हा राव, रक्षा मंत्री शरद पवार, संसदीय कार्यमंत्री पी0 आर0 कुमार मंगलम तथा प्रधान मंत्री नरसिम्हाराव के दूतों ने कार सेवा रोकने का अनुरोध किया था परन्तु उन्होंने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि वार्ता के सभी दरवाजे बन्द हो चुके हैं, अब तो आर – पार की लड़ाई होगी।
फूलों की माला गले में पहनाई जाती है पैरों में नहीं
स्वामी वामदेव जी से जब पूछा गया कि विवादित ढाँचे के ऊपर ही मन्दिर का निर्माण किया जायगा तो उन्होंने कहा था कि फूलों की माला गले में पहनाई जाती है पैरों में नहीं।
2.77 एकड़ भूमि अधिगृहीत की है वहीं से कार सेवा प्रारम्भ की जाय
स्वामी वामदेव जी ने तब यह सुझाव दिया था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 2.77 एकड़ भूमि अधिगृहीत की है वहीं से कार सेवा प्रारम्भ की जाय यही विवाद का एक मात्र समाधान है।
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