हिंदुओं की आड़ में बांग्लादेशी मुस्लिम भी भारत में घुसपैठ कर सकते हैं, सतर्क रहे भारत सरकार
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New Delhi, Uttar Pradesh, India, Bharat. भारत रक्षा मंच पश्चिमी यूपी की संगठन मंत्री सुजैन आनंद ने कहा है कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भी उग्रवादी प्रदर्शन से सैकड़ों हिंदुओं का नरसंहार किया जा रहा है। हिंदुओं के मठ- मंदिर तोड़े जा रहे हैं, जो अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस कारण पूर्व प्रधानमंत्री बांग्लादेश श्रीमती शेख हसीना ने अपनी जान बचाने के लिए भारत में संरक्षण लिया है। बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह 1946 के डायरेक्ट एक्शन की याद दिलाता है।
उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से आग्रह किया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाएं। भारत सरकार पीड़ित हिंदुओं की जान माल की सुरक्षा और सहायता करे।
सुजैन आनंद ने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि बांग्लादेश से पीड़ित हिंदुओं के जत्थे अपनी जान एवं महिलाओं की आबरू को बचाने के लिए स्वाभिक रूप से भारत आएंगे। उनकी संपूर्ण जिम्मेदारी भारत सरकार को लेनी चाहिए। पलायन की दुःखद स्थिति में शरणार्थियों की आड़ में बांग्लादेशी मुसलमानों द्वारा भी घुसपैठ होने की प्रबल संभावना है। अतः इस नापाक साजिश को संज्ञान में लेते हुए संबंधित सुरक्षा एजेंसियाँ सक्रिय हो जाएं।
क्या है डायरेक्ट एक्शन
आपको बता दें कि पाकिस्तान की मांग को लेकर मुस्लिम लीग ने 16 अगस्त, 1946 को डायरेक्ट एक्शन (सीधी कार्रवाई) की घोषणा की। अविभाजित बंगाल में सिर्फ हिंदुओं का नरसंहार किया गया। मोहम्मद अली जिन्ना ने डायरेक्ट एक्शन की तारीख घोषित की थी। ख्वाजा नजीमुद्दीन और बंगाल के मंत्री हसन शहीद सुहरावर्दी ने नफरती भाषण से भीड़ को उकसाया। मुस्लिम 16 अगस्त से 22 अगस्त, 1946 तक रक्तपात करते रहे। सांप्रदायिक दंगों का केंद्र कलकत्ता था। हिंदू महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया। हुगली नदी का पानी लाल हो गया। एक अनुमान के अनुसार करीब 10 हजार हिंदुओं की हत्या की गई। डायरेक्ट एक्शन को कलकत्ता दंगा या कलकत्ता नरसंहार के नाम से भी जाना जाता है।
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