राजद्रोह क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर विचार करने को कहा है. अदालत ने कहा है कि फिर से समीक्षा करने की प्रक्रिया जब तक पूरी नहीं हो जाती, इस क़ानून के तहत कोई भी मामला दर्ज नहीं होगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि इस क़ानून के तहत किसी भी तरह की जाँच भी नहीं शुरू हो सकती.
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने अपने आदेश में कहा है कि जो भी लोग इस क़ानून के तहत मुक़दमा झेल रहे हैं या वे जेल में हैं, वे राहत और ज़मानत के लिए अदालत जा सकते हैं. पिछले दिनों केंद्र सरकार ने इस मामले में दाख़िल हलफ़नामे में कहा था कि वो इस क़ानून की समीक्षा के लिए तैयार है. हालाँकि पहले सरकार ने ये कहा था कि ये क़ानून बहुत ज़रूरी है. जबकि अदालत ने इस क़ानून के दुरुपयोग पर चिंता जताई थी.
-एजेंसियां
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