नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गूगल लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी (LLC) को गूगल मैप्स में दिए एक खास फीचर के बारे में समझाने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट से मिले निर्देश के बाद अब Google Limited Libelty Company को इस बात को समझाना होगा कि आखिर गूगल मैप्स में दिया पिन लोकेशन शेयरिंग फीचर किस तरह से काम करता है.
दरअसल कुछ महीनों पहले जब सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई चल रही थी जब जमानत के लिए आरोपी व्यक्ति को लोकेशन शेयरिंग सर्विस के जरिए लोकेशन शेयर करने की शर्त रखी गई थी. ऐसा इसलिए ताकि पता चलता रहे कि जमानत के बाद आरोपी कहां-कहां जा रहा है. लेकिन याचिकाकर्ता ने इस बात का दावा किया था कि यह शर्त निजता के अधिकार (राइट टू प्राइवेसी) का उल्लंघन है.
अब सुप्रीम कोर्ट का गूगल लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी (LLC) को निर्देश देने के पीछे का मकसद इस बात को जांचना है कि जब किसी आरोपी व्यक्ति को जमानत की शर्त के रूप में ऐसे लोकेशन साझा करने के लिए मजबूर किया जाता है तो क्या यह निजता के अधिकार का उल्लंघन करेगा?
सुप्रीम कोर्ट इस बात को परखना चाहता है कि गूगल लोकेशन साझा करने से क्या निजता के अधिकार का उल्लंघन होता है या फिर नहीं. यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गूगल लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी (LLC) से जवाब तलब किया है.
सुप्रीम कोर्ट से निर्देश मिलने के बाद अब गूगल को इस मामले में जल्द से जल्द जवाब देना होगा. गूगल को सिर्फ मैप्स में मिलने वाले पिन लोकेशन सर्विस की बारीकियों और इस फीचर के काम करने के तरीके के बारे में समझाना है. जवाब तलब करने के पीछे का मकसद गूगल मैप्स पिन लोकेशन फीचर के तकनीकी पहलू को समझाना है.
– एजेंसी
- Agra News: झगड़े के बाद पति, पत्नी ने काट लीं हाथ-पैर की नसें, बेटे ने 112 पर कॉल किया और देवदूत बन पुलिस ने बचाई जान - June 18, 2025
- Agra news: छत पर सोती मां और उसके दो मासूम बच्चों को सांप ने डंसा, दोनों मासूमों की मौत, माँ हॉस्पिटल में भर्ती - June 18, 2025
- Beyond Asanas: How ReVibe’s Certified Mentors Are Redefining Women’s Wellness - June 18, 2025