लखनऊ। कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गोरखपुर जा रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को प्रशासन ने रोक लिया। इस पर कांग्रेस नेताओं ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है। हम इसकी घोर निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे हाईवे पर पुलिस का तांडव जारी है।
इसके पहले पुलिस टीम मामले की जांच के लिए गुरुवार सुबह कांग्रेस कार्यालय पहुंची। डीसीपी मध्य रवीना त्यागी के मुताबिक कांग्रेस दफ्तर के केयरटेकर के बयान दर्ज किए जाएंगे। सीसीटीवी फुटेज को जब्त किया जाएगा। प्रदर्शन का आह्वान करने वाले और इसमें शामिल लोगों से पूछताछ की जाएगी और सभी के बयान दर्ज किए जाएंगे। इसके पहले बुधवार देर रात फोरेंसिक टीम कांग्रेस कार्यालय पहुंची। फोरेंसिक टीम ने यहां साक्ष्य संकलित किए।
प्रभात के मोबाइल फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। यह भी जानकारी की जाएगी कि उनके साथ गोरखपुर से कौन-कौन लोग आए थे और प्रदर्शन के दौरान प्रभात के साथ कौन लोग थे। साक्ष्य संकलन के आधार पर जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रभात पांडेय के अंतिम संस्कार में पहुंचे अजय राय
कांग्रेस कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत पर सियासत गर्मा रही है। गुरुवार को गोरखपुर में प्रभात का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी पहुंचे। यहां पर वह भड़क गए। अपना जनेऊ दिखाते हुए कहा कि ‘यह देख लो, हम 24 कैरट ब्राह्मण हैं, झूठे नहीं हैं, महादेव के भक्त हैं’। इसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मृतक प्रभात पांडेय के परिवार को 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। साथ ही न्याय दिलाने के लिए हमेशा साथ खड़े रहने की बात कही।
अंतिम संस्कार के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, कालेसर बगहा बाबा मुक्तिधाम पहुंचे। यहां लोगों ने नारेबाजी करते हुए उन्हें आने से रोका। चिता के पास जाने से मना कर दिया। इस पर उन्होंने कहा कि आपका बेटा, भतीजा और भाई मरा है। तो वह मेरा भी कार्यकर्ता था। हम बस हाथ जोड़कर प्रणाम करने आए हैं।
इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता पुलिस और सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे, जबकि अन्य लोग राहुल और प्रियंका गांधी मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। वहां मौजूद लोगों ने एक पार्टी के लोगों द्वारा कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर बुलाकर मरवाने का आरोप लगाना शुरू कर दिया। इसी बीच तनाव बढ़ता देख पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
दर्ज हो चुकी है हत्या की एफआईआर
प्रभात पांडेय की मौत के मामले में उनके चाचा विज्ञान खंड गोमतीनगर निवासी मनीष ने हुसैनगंज थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कराई है। मनीष के मुताबिक प्रभात एमिटी यूनिवर्सिटी के सामने पीजी में रहते थे। बुधवार शाम को 4:15 बजे उनके पास कांग्रेस दफ्तर से फोन आया था। बताया गया कि आपके भतीजा कांग्रेस दफ्तर में दो घंटे से बेहोश पड़े हैं। मनीष ने फौरन अपने परिचित संदीप को प्रभात के पास कार्यालय भेजा।
मनीष के मुताबिक संदीप ने उन्हें फोन पर बताया कि प्रभात के हाथ पैर ठंडे हो गए हैं। संदीप के दबाव बनाने पर कांग्रेस दफ्तर के कुछ लोग प्रभात को एक इनोवा गाड़ी से सिविल अस्पताल लेकर गए। अस्पताल में डाॅक्टरों ने प्रभात को मृत घोषित कर दिया। मनीष का कहना है कि प्रभात पीजी में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। प्रभात कांग्रेस कार्यालय कैसे पहुंचे, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। प्रभात को पूर्व में भी कोई बीमारी नहीं थी। आरोप है कि ऐसा लग रहा प्रभात के साथ कुछ अनहोनी हुई है और अज्ञात कारणों से उनकी हत्या की गई है।
डीसीपी मध्य रवीना त्यागी के मुताबिक प्रथमदृष्टया डॉक्टरों के मुताबिक कोई भी जाहिरा चोट प्रभात के शरीर पर नहीं पाई गई है। वीडियोग्राफी के साथ पैनल के माध्यम से शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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