engineers day

Engineer’s day देश की संपन्नता का आधार इंजीनियर लेकिन 60 फीसदी बेरोजगार

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL लेख

भारतवर्ष को सोने की चिड़िया ऐसे ही नहीं कहा जाता है| भारत के वंशज बहुत सदियों से ही  चिकित्सा क्षेत्र में व इंजीनियरिंग क्षेत्र में व वैज्ञानिक क्षेत्र में अपनी बौद्धिक क्षमता का पूरे विश्व को परिचय दे चुके हैं |आप भी यह जानते हैं किसी भी देश की आर्थिक और भौतिक उन्नति व संपन्नता उस देश के स्वस्थ नागरिक वा वहां के इंजीनियरों द्वारा किया गया काम आधार होते है| किसी भी देश की संपन्नता में इन लोगों का बहुत बड़ा योगदान होता है| वैसे तो पूरे विश्व में अलग-अलग दिन इंजीनियर्स डे के रूप में मनाए जाते हैं हम सभी जानते हैं भारत में महान भारतीय इंजीनियर भारतरत्न सर एम. विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर, 1860 को हुआ था। उनके सम्मान व याद में इंजीनियर्स डे के तौर भारत में 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। हर जगह इंजीनियर्स डे सेलिब्रेट करने का अपना एक अलग तरीका होता है। भारत में अलग-अलग विभाग अलग-अलग तरीके से इस दिन को जश्न के रूप में सेलिब्रेट करते हैं।

सर एम. विश्वेश्वरैया जी ने बहुत से नदी, बांध और पुलों का निर्माण किया था और पूरे भारत में सिंचाई और पेयजल प्रणाली को लागू कर के भारत की सिंचाई में बदलाव लाया था। भारत को बेहतर भविष्य बनाने के प्रयास में रहते थे।

इंजीनियर्स डे सेलिब्रेट करने का मुख्य उद्देश्य भारत में विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करना। हर साल भारत में लगभग 20 लाख से भी अधिक इंजीनियर्स बनते हैं। हर साल भारत में कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल, इलेक्ट्रिकल, तकनीकी इत्यादि का निर्माण करता है। भारत इंजीनियरिंग व आईटी के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश है।दुनिया भर मे भारत अपनी इंजीनियरिंग व आईटी के क्षेत्र में लोहा मनवा रहा है।

दिल्ली मेट्रो के श्रीनिवासन ने अपनी इंजीनियरिंग से देश को बहुत आगे बढ़ाया । आगरा मेट्रो भी इंजिनियरिंग ऑर इंजीनियर्स की देन होगी । भारत आईटी के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश है। इसलिए इंजीनियरिंग के कोर्स भारत युवाओं का रोजगार के तौर पर बड़ी पसंद हैं, लेकिन सरकार रोज़गार परक नीतियों के अभाव में, देश के तमाम तकनीकी शिक्षा संस्थानों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले करीब 60 फीसदी से ज़्यादा छात्र हर साल बेरोजगार रह जाते हैं। मजबूरी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बावजूद सामान्य नौकरी के लिए मजबूर हो जाता है| अगर आपका कोई दोस्त या परिचित या सहकर्मी इंजीनियर है तो यही समय है कि आप उसे मानव जीवन में रचनात्मक बदलाव लाने की पढ़ाई के लिए बधाई दें।

राजीव गुप्ता, परिवहन संपदा पत्रिका, आगरा

मोबाइल नंबर 98370 97850