कानपुर देहात प्रशासन के ऊपर गंभीर आरोप लग रहे हैं. अवैध कब्जा मुक्त कराने गए प्रशासन पर आरोप है कि उसने अवैध भूमि पर कब्जा कर रखें एक परिवार की झोपड़ी में आग लगा दी. उस झोपड़ी में मौजूद मां और बेटी जिंदा जलकर गई, जिसके बाद उनकी मौत हो गई है. ये घटना कानपुर देहात स्थित मड़ौली गांव में घटना हुई है. अब इस घटना पर समाजवादी पार्टी से राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव की प्रतिक्रिया आई है.
शिवपाल यादव ने कहा, “कानपुर में अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन के सामने ही मां-बेटी ने आग लगाकर जान दे दी और पुलिस तमाशा देखती रही. अतिक्रमण हटाने व बुलडोजर के जोश में प्रशासन आखिर अपना होश क्यों खो रहा है. क्या ‘ महिला सशक्तिकरण’ व ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की बात केवल कागजी नीति है?”
इस घटना के बाद 11 नामजद लोगों के खिलाफ हुए एफआईआर में हत्या और हत्या के प्रयास करने का आरोप लगा है. जबकि सूत्रों के अनुसार लेखपाल को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं एसडीएम को सस्पेंड करने लिए पत्र लिखा गया है.
दूसरी ओर इस मामले पर कानपुर रेंज का आईजी प्रशांत कुमार ने जानकारी दी है. कानपुर रेंज के आईजी प्रशांत कुमार ने बताया है कि हम इसकी जांच कर रहे हैं. एफआईआर दर्ज हो गई है और उसके अनुसार विवेचना हो रही है. इसमें कुछ गांव के कुछ लोग और कुछ प्रशासनीक अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज है.
जबकि पीड़ित परिवार ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने और मुआवजे में पांच करोड़ रूपए की मांग की है.
वहीं देर रात योगी सरकार में मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की. ये घटना सोमवार दोपहर करीब 3.30 बजे की बताई जा रही है. अब घटना के बाद एक बार फिर से यूपी पुलिस पर सवाल खड़े होने लगे हैं.
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