ईमानदारी के लिए चर्चित IAS अशोक खेमका पर लगे भ्रष्‍टाचार के गंभीर आरोप

ईमानदारी के लिए चर्चित IAS अशोक खेमका पर लगे भ्रष्‍टाचार के गंभीर आरोप

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हरियाणा के वरिष्‍ठ IAS अधिकारी डॉ. अशोक खेमका पर भ्रष्‍टाचार के मामले में शिकंजा कस गया है। भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम एवं एक्‍शन के कारण खेमका देशभर में चर्चित रहे हैं और माना जाता है कि अपने अब तक के सेवाकाल में उनको 52 बार तबादले का सामना इसी कारण करना पड़ा है। खेमका पर लगे भ्रष्‍टाचार के आरोप के मामले में बड़े खुलासे हुए हैं।
इस मामले में पंचकूला के सेक्‍टर पांच थाने में पहुंची शिकायत को लेकर यह समाचार लिखे जाने तक FIR तो दर्ज नहीं की गई थी, लेकिन जांच में अशोक खेमका की मुसीबतें बढ़ती दिख रही हैं। बता दें कि हरियाणा राज्य भंडारण निगम के एमडी संजीव शर्मा ने निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक अशोक खेमका सहित भंडारण निगम के सेवानिवृत्त प्रबंधक (पी) सोम नाथ रतन, सहायक प्रबंधक प्रशासन (सेवानिवृत्त) एससी कंसल और सहायक (सेवानिवृत्त) नरेश कुमार के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए पंचकूला पुलिस को पत्र लिखा है।
संजीव वर्मा ने इस पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट मुख्य सचिव संजीव कौशल और कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा को भेजकर अशोक खेमका के खिलाफ चार्जशीट करने की सिफारिश भी की है। अशोक खेमका पर आरोप है कि वर्ष 2010 में हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी पद पर रहते हुए प्रथम श्रेणी के दो अधिकारियों की गलत ढंग से पैसे लेकर नियुक्तियां कीं। वह 11 जुलाई 2008 से 23 अप्रैल 2010 तक निगम के प्रबंध निदेशक थे।
बता दें कि पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था। जांच समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि नियुक्तियां रोस्टर के अनुसार नहीं की गई थीं। निगम में प्रबंधक ग्रेड-। के पद पर नियुक्त किए गए प्रदीप कुमार गुप्ता और सुरिंदर सिंह के पास सीधी भर्ती के मामले में एचएसडब्ल्यूसी के संग्रह के अनुसार अपेक्षित योग्यता और अनुभव नहीं था।
पंचकूला थाने में दी गई शिकायत में कहा गया है कि रिपोर्ट में विशेष रूप से उल्लेख किया है कि विज्ञापन में एक सरकारी विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, एक प्रबंधकीय या वाणिज्यिक संगठन में कृषि उपज के प्रबंधन और संरक्षण में सात साल का अनुभव की आवश्यकता थी।
शिकायत में कहा गया है कि नियुक्ति की शर्त में कहा गया था कि निगम में प्रबंधक ग्रेड-।। के पद के वेतनमान से कम वेतनमान वाले पद पर पर्यवेक्षी क्षमता, विपणन प्रबंधन में डिप्लोमा या डिग्री रखने वाले व्यक्तियों को वरीयता दी जाएगी जबकि प्रदीप कुमार गुप्ता ने भारतीय वायु सेना द्वारा जारी अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है।
रिपोर्ट के अनुसार प्रमाण पत्र में निर्दिष्ट किया गया है कि 688776-एल सार्जेंट प्रदीप कुमार गुप्ता को 14 नवंबर 1988 को भारतीय वायुसेना में नामांकित किया गया था और विशेष रूप से इंस्ट्रूमेंट फिटर के कर्तव्यों के लिए प्रशिक्षित किया गया था। उन्होंने सफलता पूर्वक 20 साल नौकरी की। इसी प्रकार सुरिंदर सिंह के पास भी अपेक्षित अनुभव नहीं था।
पंचकूला थाने में दी गई रिपोर्ट के अनुसार कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तत्कालीन प्रबंध निदेशक अशोक खेमका जो प्रबंध निदेशक होने के नाते कार्यकारी समिति के सदस्यों में से एक थे, ने अन्य अधिकारियों के साथ साक्षात्कार आयोजित किया और चयनित उम्मीदवारों की मेरिट सूची तैयार की और नियमों/विनियमों की अनदेखी करके अवैध और मनमानी तरीके से नियुक्तियां कीं।
जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार अशोक खेमका ने राज्य सरकार द्वारा 15 जुलाई 1985 को जारी किए गए निर्देशों की संख्या 22/67/ 81-3जीएस-।।। में नियुक्त उम्मीदवारों सुरिंदर सिंह और प्रदीप कुमार गुप्ता के पास राज्य का अपेक्षित अनुभव और अधिवास (डोमिसाइल) प्रमाण पत्र नहीं था। वह रोस्टर के अनुसार नियुक्ति के लिए भी योग्य नहीं थे।
थाने में दी गई शिकायत के अनुसार जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सोम नाथ रतन, एससी कंसल और नरेश कुमार भी सरकार के नियमों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने निर्देश, नियम, अनुभव और पद की अनुपलब्धता और जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण इरादे और भ्रष्ट आचरण करते हुए अपात्र उम्मीदवारों की नियुक्ति की। अशोक खेमका सहित सोमनाथ रतन, एससी कंसल, नरेश कुमार जिम्मेदार ठहराया गया है।
आईएएस वर्मा ने ही पकड़ा था पोस्ट मैट्रिक घोटाला और मनरेगा घोटाला
हरियाणा राज्य भंडारण निगम के एमडी और करनाल मंडल के आयुक्त संजीव शर्मा इससे पहले अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले तथा मनरेगा घोटाले को भी उजागर कर चुके हैं। एससी-बीसी विभाग में पोस्ट मैट्रिक घोटाले के मामले में जब एफआईआर दर्ज होने में देरी की जा रही थी तो उन्होंने धरने पर बैठने की चेतावनी दे दी थी। इस चेतावनी के बाद करोड़ों रुपये के घोटाले में एफआईआर दर्ज हुई थी।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh