डीआईओएस-1, डीआईओएस-2, उप निदेशक और संयुक्त निदेशक के पद खाली
डायट प्राचार्य थ्री इन वन, कार्यालयों में कामकाज ठप, लिपिक वर्ग की अराजकता
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. ऐतिहासिक आगरा में माध्यमिक शिक्षा के करीब 1000 विद्यालय हैं। इनमें सहायता प्राप्त विद्यालयों की संख्या 109 है। इन विद्यालयों के विभिन्न विवाद, नियुक्ति, अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए चार अधिकारियों के पद हैं। आगरा का दुर्भाग्य देखिए कि चारों ही पद खाली पड़े हैं। एक मात्र संयुक्त निदेशक कार्यरत थे, वे भी रिश्वत के आरोप में जेल में बंद हैं। इस तरह सूरदास का पद चरितार्थ हो रहा है- “उधो, मन न भए दस बीस। एक हुतो सो गयौ स्याम संग, को अवराधै ईस।”
जिला विद्यालय निरीक्षक-एक आगरा का पद रिक्त है। इसका प्रभार राजकीय इण्टर कॉलेज, आगरा के प्रधानाचार्य डॉ. मानवेन्द्र सिंह को सौंप रखा है। जिला विद्यालय निरीक्षक-दो (बालिका शिक्षा) का पद खाली है। इस पद का प्रभारी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य डॉ. इन्द्र प्रकाश सिंह सोंलकी को बना रखा है। मण्डलीय उप शिक्षा निदेशक श्री मनोज गिरि के चिकित्सा अवकाश पर होने के कारण उप शिक्षा निदेशक आगरा का अतिरिक्त प्रभार भी डॉ. सोलंकी के पास है। इस तरह डॉ सोलंकी ‘थ्री इन वन’ की भूमिका में है।
18 अगस्त से जेडी का पद भी खाली
इसके अलावा मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, आगरा डॉ. आरपी शर्मा के जेल जाने के बाद 18 अगस्त से जेडी आगरा का पद खाली हो गया है। इस से आगरा जनपद और मण्डल की माध्यमिक शिक्षा में भारी अव्यवस्था फैली हुई है।
शिक्षा विभाग के कार्यालयों में अराजकता
डीआईओएस एक व दो, डीडीआर (उपशिक्षा निदेशक) तथा जेडी (संयुक्त शिक्षा निदेशक) के रिक्त पदों पर नियमित शिक्षाधिकारियों की नियुक्ति न होने से शिक्षा विभाग के चारों कार्यालयों में घोर अराजकता और स्वेच्छाचारिता का साम्राज्य है। अधीनस्थ कर्मचारियों पर कोई अंकुश व नियत्रंण न होने के कारण लिपिक वर्ग की मनमानी चरम पर है। सभी कार्य ठप पड़े हुए हैं। शासन द्वारा प्रतिदिन तमाम सूचनाएं माँगी जाती हैं।
31 अगस्त को डायट प्राचार्य भी रिटायर हो रहे
डायट प्राचार्य डॉ. इन्द्र प्रकाश सोलंकी 31 अगस्त , 2024 को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। डॉ. इन्द्र प्रकाश सोलंकी की सेवानिवृत्त के बाद जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, आगरा के प्राचार्य का पद भी रिक्त हो जायेगा। साथ ही डॉ. सोलंकी पर जिला विद्यालय निरीक्षक-दो (बालिका शिक्षा), आगरा तथा मण्डलीय उपशिक्षा निदेशक आगरा के पदों का प्रभार भी है। 31 अगस्त के बाद ये पद भी खाली हो जायेगें। इस तरह आगरा में माध्यमिक शिक्षा विभाग के सभी कामकाज पूरी तरह ठप्प हो जाएंगे।
माध्यमिक शिक्षा राम भरोसे
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश की प्रदेश कार्यसमिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. देवी सिंह नरवार ने बताया कि आगरा में माध्यमिक शिक्षा में जनपद एवं मण्डल स्तरीय अधिकारियों के सभी पद रिक्त चल रहे हैं। शासन स्तर से इन पदों पर नियमित शिक्षाधिकारियों की नियुक्ति न होने के कारण माध्यमिक शिक्षा की घोर दुर्गति हो रही है। सबकुछ राम भरोसे चल रहा है।
डॉ. आरपी शर्मा प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच हो
डॉ. नरवार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से माँग की है कि वे आगरा में माध्यमिक शिक्षा को ठीक से पटरी पर लाने के लिए यथाशीघ्र नियमित शिक्षाधिकारियों की नियुक्ति करें। एक गम्भीर व अत्यन्त महत्वपूर्ण तथा यह भी है कि डॉ. आरपी शर्मा को एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत रिश्वत के मामले में फँसाने से शिक्षाधिकारियों में भय व्याप्त है। इसलिये इस सुनियोजित षडयन्त्र का पर्दाफाश करने के लिये प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच करायी जाये।
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