संस्कार भारती, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान आगरा विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी ‘लोक लकीरें’ सबको पसंद आई, 47 विश्वविद्यालयों में लाइव दिखाई

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. संस्कार भारती, आगरा महानगर, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका तथा पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान, डा भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा  द्वारा मधुबनी चित्रों की अंतरराष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी “लकीरें” ‘का चौथे दिन गणपति वंदना और सरस्वती पूजन करके समापन समारोह, संस्कृति भवन, पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान, बाग फरजाना, आगरा पर हुआ।

इस अवसर पर सांस्कृतिक और साहित्यिक विचारक एवं चिन्तक मधुकर चतुर्वेदी ने कहा कि चित्रकला की मधुबनी विधा मूलरूप से मधुबन अर्थात मथुरा में प्रारम्भ हुई, कालान्तर में कुछ संतों के बिहार चले जाने पर मिथिला बिहार में पुष्पित और विकसित हुई।

संस्कार भारती के आगरा महानगर अध्यक्ष आर्किटेक्ट राजीव द्विवेदी ने कहा जो कला प्रतिभाएं समाज से ओझल हैं, उनको समाज के सामने लाने के लिए संस्कार भारती हमेशा तत्पर रहती है। विगत लगभग 10 वर्षों से साधनारत एक्शन पेंटिंग कर रहे एडीजे प्रदीप कुमार मिश्रा और मधुबनी पेंटिंग कर रही मीनाक्षी मिश्रा “अंजली”  के कला संसार को समाज के सामने लाने का कार्य इस क्रम की नवीनतम कड़ी है।

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प्रो लवकुश मिश्रा, पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा ने कहा कि प्रदर्शनी “लोक लकीरें” को विश्व के 57 विश्वविद्यालयों तक लाइव दिखलाया गया है।

राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश, लखनऊ की सदस्य डॉ. आभा ने कहा कि मधुबनी चित्रकला सकारात्मक ऊर्जा का बहुत ही उत्तम स्त्रोत है।

मापन समारोह के अवसर पर डॉ. साधना सिंह, डॉ. विजय एम धोरे, विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार, चित्रकार डॉ तपस्या सिंह, एसबीआई पेंशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष एस एन गर्ग, सचिव अनिल वर्मा, महामना मालवीय मिशन के महासचिव राकेश कुमार शुक्ला, भाजपा नेता विजय भदौरिया, अश्वनी कुमार वशिष्ठ, डीन प्रो. हेमा पाठक, ओम स्वरूप गर्ग, राजीव सिंघल, निखिल बंसल, प्रदीप सिंघल, श्याम तिवारी, सुरेश चन्द्र अग्रवाल, नीनू गर्ग, वन्दना बंसल, माधव अग्रवाल, गौरव अग्रवाल, आरएसएस के अरुण कुमार शर्मा, व्यापार मण्डल के अमित बंसल, चित्रकार नीता गर्ग, मीना अग्रवाल, कवयित्री श्वेता, दीपक गर्ग, मोहित अग्रवाल,  फर्रुखाबाद से पधारे आकिब खान, ब्रजभाषा के कवि रामेंद्र शर्मा “रवि”, आलोक आर्य, प्रचारक राम सिंह आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन ड. एकता श्रीवास्तव ने तथा संयोजन नन्द नन्दन गर्ग ने किया।

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