एक जुलाई से दो अक्टूबर तक ‘संभव- पोषण संवर्धन अभियान’

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Hathras, Uttar Pradesh, India.  प्रदेश में बाल विकास एवं पुष्टाहार द्वारा एक जुलाई से दो अक्टूबर तक ‘संभव-पोषण संवर्धन की ओर एक कदम’ अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत सैम, मैम व गंभीर अल्पवजन बच्चों के पहचान एवं प्रबंधन के लिए एक नई पहल है। फ़िलहाल में 17 से 24 जून के मध्य सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए वजन सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है।

सीडीपीओ राहुल वर्मा ने बताया कि जुलाई से सितम्बर माह के दौरान केन्द्र आधारित पाक्षिक गतिविधियां जिसमें सभी सैम, मैम व गंभीर अल्पवजन बच्चों के अभिभावकों को एकत्रित करते हुये उन्हे जानकारी दी जाएगी। इस हेतु वृद्धि निगरानी, पोषाहार रेसिपी का प्रदर्षन, परामर्श तथा पोषण रंगोली जैसी गतिविधि का आयोजन किया जायेगा। तत्पश्चात कार्यकर्त्ता द्वारा गृह भ्रमण करते हुए सैम / मैम व गंभीर अल्पवजन बच्चों का पोषण प्रबंधन करेगी। इसके लिए डायट चार्ट का भी प्रयोग किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के समनव्य से सभी सैम / मैम एवं गंभीर अल्पवजन के बच्चों की स्वास्थ्य जांच व चिकित्सीय प्रबंधन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि थीम अनुसार साप्ताहिक सन्देश गृह भ्रमण में परामर्श हेतु प्रयोग किया जाएगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डीके सिंह ने बताया कि निदेशक डॉ सारिका मोहन के पत्र के अनुसार 17 से -24 जून के मध्य वजन सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। एक जुलाई से दो अक्टूबर तक संभव- पोषण संवर्धन की ओर एक कदम अभियान चलाया जाएगा।

वजन सप्ताह के अन्तर्गत किये जाने वाले कार्य:

– आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शून्य से पांच  वर्ष तक के बच्चों की सूची बना लें।

– वजन व लम्बाई / ऊंचाई  लेते समय कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान जरूर  रखें-  मुंह पर मास्क, 6 फीट की दूरी तथा साफ हाथ व साफ उपकरण हो।

– वजन व लम्बाई / ऊंचाई  लेते समय स्थान का चयन इस प्रकार से करें कि वह समतल तथा खुला हुआ हो । समतल स्थान ग्रोथ मानिटरिंग उपकरणों के सही प्रयोग के लिये अत्यन्त आवश्यक  है।

– ऐसे स्थान पर वजन करें जहाँ  कि भीड एकत्रित न हो । यदि चाहें तो विभिन्न आयु वर्ग को दिवस अनुसार विभाजित करते हुये पोषण श्रेणी का निर्धारण कर सकती हैं।

– सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रिपोर्टिंग प्रारूप के विभिन्न कॉलम में दी गई जानकारी से अवगत करा दें । कुपोषित/अतिकुपोषित श्रेणी के साथ-साथ कार्कर्ता अल्पवजन की श्रेणी का भी निर्धारण करेगी।

– यदि कोई बच्चा दिव्यांग है तो उसकी सूचना भी प्रारूप में भरी जायेगी।