Agra, Uttar Pradesh, India. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले का कहना है कि परिवार के बिना राष्ट्र नहीं बन सकता है। समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार है। प्राचीन देश होने के कारण पहला परिवार भारत में ही विकसित हुआ। हमारे यहां तो भगवान का भी परिवार होता है। जब हम कहते हैं कि ‘वसुंधरा परिवार हमारा’ तो इसकी कल्पना में मानव ही नहीं जीव-जन्तु भी शामिल हैं। सूर्य चंद्र भी हमारे परिवार हैं। चंदा को हम मामा कहते हैं और बिल्ली को मौसी।
श्री होसबोले गुरुवार को सिकंदरा स्थित डॉ. एमपीएस स्कूल में संघ के आगरा विभाग द्वारा आयोजित कुटुंब प्रबोधन के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उन्होंने चयनित स्वयंसेवकों के परिवारों के बंधुओं को संबोधित किया।
श्री होसबोले ने कहा कि घर के अंदर हम संस्कार सीखते हैं और यह संस्कार हमारे लिए जीवनभर काम आते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व को योग दिया, आयुर्वेद दिया। कुटुम्ब पद्धिति भारत की देन है। जबकि भारत के बाहर आंटी और कजन शब्दों का बोलबाला है। हमारे रिश्तों के शब्द भी 50 से अधिक हैं।
उन्होंने कहा-‘वयं अमृतस्य पुत्रः’ हमारी पहचान ऋषियों से हैं, हमारे गोत्र ऋषियों के नाम पर हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में एक प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम में वहां के रहने वाले हिन्दुओं से आग्रह किया कि ब्रिटिश नागरिकों को भारतीय कुटुम्ब पद्धिति सिखाएं। होसबोले ने कहा कि अपनी भाषा में जो संस्कृति सुगंध है, वह और कहीं नहीं है। भाषा के साथ भूषा और भजन के साथ भोजन का जो समन्वय है, वह भी अन्य किसी राष्ट्र में देखने को नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि संस्कृति की रक्षा के लिए कुटुम्ब प्रबोधन गारंटी है।
कार्यक्रम में मंच पर क्षेत्र संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक, विभाग संघचालक भवेंद्र कुमार शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उपस्थित स्वयंसेवक बंधुओं ने अंताक्षरी, गीत, भजनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन विभाग कार्यवाह पंकज खंडेलवाल ने किया। कार्यक्रम में कार्यक्रम में क्षेत्र प्रचारक महेंद्र सिंह, , प्रांत प्रचारक डॉ. हरीश रौतेला, क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदमजी, सह प्रांत प्रचारक धर्मेंद्र, प्रांत कार्यवाह प्रमोद शर्मा, प्रांत प्रचार प्रमुख केशवदेव शर्मा, सह प्रचार प्रमुख र्कीति कुमार , पूरन डावर, रानी पक्षालिका सिंह, अरिदमन सिंह, रेणुका डंग आदि उपस्थित रहे।