मुंबई (अनिल बेदाग) : कैंसर दुनिया की एक ऐसी बीमारी है जिससे आज भी लोग सबसे ज्यादा डरते हैं। लेकिन चलती आ रही इन चुनौतियों से निपटने के लिए कैंसर निदान तकनीकों और प्रौद्योगिकीय विकास की सहायता से कैंसर का शीघ्र पहचान करना संभव हुआ है जिसके परिणामस्वरूप संभावित जीवन अवधि में सुधार हुआ है और कैंसर देखभाल की अंतर को पाटने में मदद मिली है।
कैंसर के खिलाफ जंग जारी है और आधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाकर उपचारों का पुनोर्त्थान हुआ है, नतीजतन कैंसर देखभाल में बहुत तेजी से सुधार हुआ है और रोगियों की जीवन गुणवत्ता भी बढ़ी है। ऐसी कई प्रगतियों में से, रोबोटिक निप्पल-स्पेयरिंग मास्टेक्टॉमी के साथ टिलूप इम्प्लांट रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी एक अभूतपूर्व ब्रेस्ट सर्जरी के रूप में विकसित हुई है।
एक चिकित्सीय नवाचार के अंतर्गत, नवी मुंबई स्थित अपोलो कैंसर सेंटर ने महाराष्ट्र की पहली टिलूप रिकंस्ट्रक्शन वाली रोबोटिक निप्पल-स्पेयरिंग मास्टेक्टॉमी सफलतापूर्वक पूरा किया है – जो ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम और ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन में एक प्रमुख सर्जिकल प्रक्रिया है। यह उपलब्धि रोगियों में सुरक्षित कैंसर प्रक्रियाओं में एक महत्वपूर्ण प्रगति को रखांकित करने के साथ-साथ काफी हद तक एस्थेटिक भी होता है।
अपोलो कैंसर सेंटर, नवी मुंबई में कंसल्टेंट, ब्रेस्ट सर्जन डॉ. संदीप बिप्ते की अगुआई में कुशल मल्टीडिसिप्लिनरी चिकित्सकों की टीम ने सफलतापूर्वक सर्जरी पूरी की।
श्रीमती ज्योति (अनुरोध पर नाम बदला गया है), 43 वर्षीय महिला, को 2024 में दाएं स्तन में कैंसर होने का पता चला। उनकी आयु को ध्यान में रखते हुए जेनेटिक परीक्षण किया गया, जिसके परिणाम में BRCA जीन पॉजिटिव आया। इसका अर्थ है कि जीवन काल में उनके बाएँ स्तन में कैंसर विकसित होने का जोखिम 70-80% है। छह महीने पहले उन्होंने दाएं स्तन की ब्रेस्ट-कंजर्विंग सर्जरी करवाई लेकिन उसके बाद बाएं स्तन की प्रोफाईलैक्टिक मास्टेक्टॉमी करवाने से डर रही थीं क्योंकि ऐसी रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी एक बहुत बड़ी सर्जरी होती है जो शारीरिक एवं भावनात्मक रूप से पीड़ा दायक होता है। पर फिर भी दूसरे स्तन में कैंसर बनने का डर उन्हें सता रहा था।
सर्जरी के लाभों को समझकर राजी होने के बाद, 3 जनवरी, 2025 को श्रीमती ज्योति जी को रोबोटिक निप्पल-स्पेयरिंग मास्टेक्टॉमी के बारे में जानकारी मिली जिसके साथ इमीडियेट रिकंस्ट्रक्शन भी किया जाता है, तब उन्होंने डॉ. बिप्ते से परामर्श किया और उन्होंने RNSM – एक एडवांस्ड टेक्नीक जो विशेष रूप से BRCA-पॉजिटिव महिलाओं में प्रोफाईलैक्टिक ब्रेस्ट सर्जरी के लिए विकसित की गई है – की सुरक्षा, प्रभावशीलता और बेहतर कॉस्मेटिक परिणामों के संबंध में आश्वासन दिया। सर्जरी लगातार चार घंटों तक चली और कॉस्मेटिक परिणाम बढ़िया रहे। अगले ही दिन छुट्टी भी दे दी गई और अब वे बिना किसी दिक्कत के और तेजी से रिकवर कर रही हैं।
अपोलो कैंसर सेंटर में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट एवं पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता, डॉ सुरेश एच. आडवाणी ने कहा,“यह सर्जरी, जो महाराष्ट्र की पहली टिलूप रिकंस्ट्रक्शन वाली रोबोट निप्पल-स्पेयरिंग मास्टेक्टॉमी है, मात्र एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है बल्कि यह करुणामय कैंसर केयर को समझकर इसे लगातार विकसित करने के बारे में है। यह अप्रोच रोगियों की गरिमा और भावना को प्राथमिकता देते हुए उपचार के मानकों को बढ़ाता है।
अपोलो कैंसर सेंटर, नवी मुंबई के कंसल्टेंट-ब्रेस्ट सर्जन डॉ. संदीप बिप्ते ने कहा,” टिलूप रिकंस्ट्रक्शन वाली रोबोटिक निप्पल-स्पेयरिंग मास्टेक्टॉमी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और इनोवेटिव सर्जिकल तकनीकों के तालमेल को उजागर करता है, जिससे रोगियों को एक सुरक्षित, कम आक्रामक और अधिक प्रभावपूर्ण उपचार विकल्प मिलते हैं।
बैंगलोर के अपोलो कैंसर सेंटर में ब्रेस्ट ऑन्कोलॉजी की लीड एंड रोबोटिक सर्जन डॉ. जयंती थमसी ने कहा, “ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी विकसित हो रही है, जिससे महिलाओं को बेहतर परिणाम मिल रहे हैं।
कैंसर विजेता श्रीमती ज्योति जी ने कहा, “मुझे नवी मुंबई के अपोलो कैंसर सेंटर में एक जीवन बदलने वाला अनुभव मिला, जिसके लिए मैं आभारी हूँ। डॉ. संदीप बिप्ते और उनकी विशेषज्ञ टीम की बदौलत मुझे गर्व के साथ अपना जीवन जीने का दूसरा मौका मिला है।
-up18News
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