कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने के बाद पंजाब में राजनीतिक दल के रूप में सक्रिय हुए किसानों की उम्मीदों को धक्का लगा है। चुनाव आयोग ने संयुक्त समाज मोर्चा को राजनीतिक दल के रूप में मान्यता देने से इंकार कर दिया है। यही नहीं, संयुक्त समाज मोर्चा को उनकी मांग के अनुसार समूचे पंजाब में ट्रैक्टर का चुनाव चिह्न भी नहीं मिलेगा।
संयुक्त समाज मोर्चा ने इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। आंदोलन करने वाले किसानों के कई संगठनों ने मिलकर पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त समाज मोर्चा का गठन किया था। मोर्चा 104 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार चुका है। मोर्चे के प्रत्याशी अब निर्दलीय लड़ेंगे।
ट्रैक्टर का चुनाव चिह्न भी नहीं मिलेगा
इस मोर्चे के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही थी जिसका आम आदमी पार्टी ने खुलकर विरोध किया था। कई दिनों की उठापटक के बाद चुनाव आयोग ने संयुक्त समाज मोर्चा के राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण से इंकार कर दिया है। ऐसे में यह भी साफ हो गया है कि संयुक्त समाज मोर्चा को अब पूरे पंजाब के सभी सीटों पर ट्रैक्टर का चुनाव चिह्न नहीं मिलेगा।
बीजेपी और AAP को ठहराया जिम्मेदार
मोर्चा के प्रवक्ता किसान नेता रूलदू सिंह ने इसके लिए सीधे तौर पर बीजेपी और आप को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि चुनाव आयोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है। बीजेपी महासचिव सुभाष शर्मा ने आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा कि संयुक्त समाज मोर्चा एक राजनीतिक दल के रूप में काम कर रहा है। किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर चलानी बंद की जाए। राजनीतिक दल की तरह काम करते हुए जनता में जाएं और जनता का फतवा स्वीकार करें।
-एजेंसियां
- FlexAds Media Private Limited: Empowering Indian Youth in the Digital Age - March 21, 2024
- “Rahul Kumar Bholla: Capturing Elegance Through the Lens – A Glimpse into the Glamorous World of RB Snapper” - February 11, 2024
- BJP ने जारी की कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों के नेताओं के भ्रष्टाचार की सूची - December 12, 2023