डॉ. भानु प्रताप सिंह
Agra, Uttar Pradesh, India. उत्तर प्रदेश राज्य लघु उद्योग निगम के उपाध्यक्ष हैं राकेश गर्ग। उत्तर प्रदेश सरकार से दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हैं। आगरा के रहने वाले हैं। स्वयं उद्यमी हैं। इसलिए उद्यमियों की समस्याओं की खूब वाकिफ हैं। यूपी लघु उद्योग निगम के उपाध्यक्ष के रूप में उन्होंने कई काम कराए हैं। अब निगम ऐसे काम करने जा रहा है कि लघु उद्यमियों की बल्ले-बल्ले हो सकती है। आखिर कौन से काम हैं वे जिन्हें करने की राकेश गर्ग ने ठानी है। हमने इस बारे में उनसे विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंशः
डॉ. भानु प्रताप सिंहः लघु उद्योग निगम क्या करता है?
राकेश गर्गः लघु उद्योग निगम लघु उद्यमियों की सहायता के लिए है। लघु उद्यमियों की समस्याएं दूर करते हैं।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः अभी तक कोई खास किया है क्या?
राकेश गर्गः जब कच्चा माल लाने पर प्रतिबंध था तब बहुत दिक्कत थी। हमने बहुत मदद की। कोयला नीति में परिवर्तन कराया है। उद्यमियों को 500 से 1000 रुपये टन कोयला सस्ता मिलेगा।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः आगे क्या करने वाले हैं?
राकेश गर्गः मेरे कार्यभार संभालने के बाद समीक्षा की तो यह पाया कि वर्तमान की सबसे बड़ी आवश्यकता एप्रूव्ड और डवलप प्लॉट की है। हमने पूरे प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर 5 से 50 एकड़ तक औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना बनाई है। यूपी के हर जिले में ऐसे प्लॉट मिलेंगे। ये प्लॉट 500 से 2500 गज तक मिलेंगे। इसके अलावा स्थानीय आवश्यकता के अनुसार डिजाइन करेंगे प्लॉट। सड़क, बिजली, पानी आदि की व्यवस्था करेंगे।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः उद्मियों को सरकारी विभाग से एनओसी लेने में बड़ी समस्या आती है, उसके लिए क्या करेंगे?
राकेश गर्गः उद्योग लगाने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र निगम लेगा ताकि उद्यमी को कोई समस्या न हो।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः पीपीपी मॉडल में भूमि का मालिकाना हक किसे मिलेगा?
राकेश गर्गः भूमि देने वाले को निश्चित प्रतिशत लाभांश देंगे। यह भी ध्यान रखेंगे कि भूमि देने वाले और भूमि लेने वाले को कोई नुकसान न हो। मालिकाना हक उद्यमी को मिलेगा। हमने अनुभव किया है कि लोग शहरों से निकलकर बाहर आ रहे हैं क्योंकि लोग घरों में कारखाना चल रहा है, जहां अनुमति नहीं है। इस कारण तमाम तरह की समस्याएं आती हैं।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः उपाध्यक्ष के रूप में आपने नया काम क्या करने वाले हैं?
राकेश गर्गः अगर कोई उद्यम लगाने के बारे में हमसे तकनीकी मदद चाहता है तो, वह करेंगे। उदयमी को विपणन के बारे में भी सहायता दी जा जाएगी।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः मुख्य समस्या तो सरकारी अधिकारी पैदा करते हैं, रिश्वतखोरी होती है?
राकेश गर्गः जब से योगी सरकार आई है, अधिकारियों पर नियंत्रण हुआ है। अगर कोई समस्या है तो उसे भी दूर करेंगे।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः आगरा में टीटीजेड के कारण बहुत समस्या है। नए उद्योग नहीं लग पा रहे हैं। क्या कर रहे हैं?
राकेश गर्गः आगरा की आवश्यकता के अनुसार प्राथमिकता पर उद्योग लगवा रहे हैं। आगरा में फुटवियर के बाद चेन का बहुत बड़ा काम है। सरकार के सहयोग से जो निर्णय हुआ है उसके अनुसार आगरा में उद्योग शीघ्र लगने जा रहे हैं। हम गाइड लाइन का इंतजार कर रहा हैं। एक वर्ष के अंदर टीटीजेड क्षेत्र में एक हजार उद्योग लगेंगे। उद्योगों का पलायन रुकेगा। जो उद्योग पहले से लगे हैं, वे चल रहे हैं। प्रयास है कि उन्हें दिक्कत न हो।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः इनसे रोजगार की कितनी संभावना है?
राकेश गर्गः कोई उद्योग लगता है तो रोजगार संग लेकर आता है। कम से कम 50 लोगों को एक लघु उद्योग से रोजगार मिलेगा। इस तरह से 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः उद्योगों पर इतना जोर क्यों?
राकेश गर्गः खुशहाली कृषि से आती है लेकिन समृद्धि उद्योगों से आती है। पहली सदी से आठवीं तक भारत का जीडीपी में प्रथम स्थान पर था, उसे फिर से प्रथम पर लाएंगे। इसमें सर्वाधिक प्रमुख भूमिका लघु उद्योगों की होगी। इसी कारण इम्पोर्ट सब्सीट्यूट पर भी काम कर रहे हैं।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः उत्तर प्रदेश में औद्योगिक वातावरण किस तरह से देखते हैं?
राकेश गर्गः नीति, नीयत और नेता ठीक है तो उद्योग चलता है। उत्तर प्रदेश में तीनों ही स्तर पर स्थिति ठीक है। उत्तर प्रदेश में उद्योगों का वातवरण बहुत अच्छा होगा।
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