राधिका मुथुकुमार, आलेया घोष और दीक्षा धामी ने शेमारू एंटरटेनमेंट की मुहीम ‘हर रोल इस हर रोल’ का किया समर्थन

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मुंबई, मार्च 2025: महिलाएं हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर रही हैं, लेकिन पारंपरिक धारणाएं आज भी उनकी उड़ान को कहीं न कहीं रोकने का काम करती हैं। इस महिला दिवस पर, शेमारू उमंग की प्रमुख अभिनेत्रियाँ- राधिका मुथुकुमार (मैं दिल तुम धड़कन), अलेया घोष (जमुनीया), और दीक्षा धामी (बड़ी हवेली की छोटी ठकुराइन) गहरी जड़ें जमाए रूढ़िवादी सोच को चुनौती देने और शेमारू एंटरटेनमेंट के ‘हर रोल इस हर रोल’ (#HarRoleIsHerRole) अभियान के जरिए लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं।

आज भी स्कूलों में इस्तेमाल किए जाने वाले ऑक्युपेशंस चार्ट में पुरुषों को लीडरशिप वाली भूमिकाओं में दिखाया जाता है, जबकि महिलाओं को अक्सर शिक्षिका या नर्स जैसे पारंपरिक पेशे तक सीमित कर दिया जाता है। हर व्यक्ति को यह पता होना चाहिए कि भविष्य का निर्धारण प्रतिभा से होता है, न कि उसके लिंग से। इस सोच को बदलने के लिए, शेमारू ने स्कूलों और एनजीओ में नए सिरे से डिजाइन किए गए ऑक्युपेशंस चार्ट पेश किए हैं, जिनमें पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से हर पेशे में दर्शाया गया है, ताकि छोटे बच्चे समान अवसरों वाली सोच के साथ बड़े हो सके।

शेमारू उमंग के ‘मैं दिल तुम धड़कन’ में वृंदा का किरदार निभा रहीं राधिका मुथुकुमार मानती हैं कि प्रतिनिधित्व बेहद महत्वपूर्ण है, वे कहती हैं, “हम महिलाएं मल्टीटास्कर होती हैं। महिलाएं करियर, परिवार और सपनों को एक साथ संतुलित करती हैं। लेकिन, दुनिया को इसे स्वीकार करने की जरूरत है और इसकी शुरुआत स्कूलों से होनी चाहिए। लड़कियों को खुद को डॉक्टर, इंजीनियर और सीईओ के रूप में देखने का हक है, न कि केवल देखभाल करने वाली भूमिकाओं में। हर महिला की भूमिका, चाहे वह घर की हो या फिर काम की, सम्मान की हकदार है, और #HarRoleIsHerRole इस बदलाव की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।”

‘जमुनीया’ शो में मुख्य भूमिका निभा रहीं अलेया घोष अपने किरदार से वास्तविक जीवन की समानताओं को जोड़ते हुए कहती हैं, “जमुनीया को उसके रूप-रंग के आधार पर कम आंका जाता है, लेकिन वह अपनी ताकत से खुद को साबित करती है। असल जिंदगी में भी यही होता है, महिलाओं को अक्सर उनके हुनर का मौका देने से पहले ही जज कर लिया जाता है। #HarRoleIsHerRole इन पूर्वाग्रहों को जड़ से मिटाने का प्रयास है, ताकि छोटी बच्चियां जान सकें कि हर क्षेत्र में उनके लिए जगह है। महिला दिवस हमारी उपलब्धियों का जश्न मनाने का अवसर है, लेकिन असली बदलाव तब आएगा, जब समाज हमारी असली पहचान को स्वीकार करेगा।”

‘बड़ी हवेली की छोटी ठकुराइन’ में चैना की भूमिका निभा रहीं दीक्षा धामी मानती हैं कि महिला दिवस मानसिकता को बदलने का दिन है। उन्होंने बताया, “मुझे मेरी माँ से प्रेरणा मिली, जो एक प्रतिभाशाली गायिका थीं, लेकिन आज भी कई लड़कियों को अपनी पाठ्यपुस्तकों में ऐसे रोल मॉडल्स नहीं मिलते। यदि हम सच में लैंगिक समानता में विश्वास रखते हैं, तो हमें अगली पीढ़ी के लिए पेशों का प्रतिनिधित्व बदलना होगा। #HarRoleIsHerRole अभियान का उद्देश्य लड़कियों को पारंपरिक भूमिकाओं से आगे सपने देखने और हर क्षेत्र में अपनी जगह बनाने का आत्मविश्वास देना है।”

इस महिला दिवस, सिर्फ महिलाओं का सम्मान करने तक सीमित न रहें, बल्कि ऐसी दुनिया बनाने के लिए कदम बढ़ाएँ, जहाँ उनकी महत्वाकांक्षाओं को सच्ची पहचान मिल सके। इस बदलाव की शुरुआत शिक्षा से करें।

देखिए जमुनीया, वृंदा और चैना की प्रेरणादायक कहानियाँ, सोमवार से शनिवार, रात 8:00 बजे, 8:30 बजे और 9:00 बजे, सिर्फ शेमारू उमंग पर!

-up18News

Dr. Bhanu Pratap Singh