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Prelude public school में विद्यार्थियों का धमाल, भूल गए कोरोना काल

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

Agra, Uttar Pradesh, India.प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल, दयालबाग, आगरा में छठवीं, सातवीं तथा आठवीं के विद्यार्थियों के विद्यालय आने पर विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन अत्यंत उल्लास के साथ किया गया। इस प्रार्थना सभा का सीधा प्रसारण जूम प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी किया गया।

विद्यार्थीगण लॉकडाउन की इतनी लंबी अवधि (एक वर्ष बाद) के बाद विद्यालय आकर बहुत प्रसन्न थे। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि स्कूल में आकर जो खुशी उन्हें मिल रही है, उसको शब्दों में व्यक्त करना असंभव है। उन्होंने कहा कि परीक्षाएँ पास आ रही हैं,  ऑनलाइन पढ़ते समय जो भी परेशानी हो रही थी, अब उसे अपने शिक्षकों से पूछकर तुरंत ही उसका हल निकाला जा सकता है। ऑनलाइन पढ़ाई करते समय नेटवर्क समस्या के कारण कभी-कभी पढ़ाई के बीच में व्यवधान आ जाने से विषय पूरी तरह से समझने में असुविधा होती थी, विद्यालय आकर इस परेशानी से भी छुटकारा मिल गया है। मित्रों से मिलना बहुत अच्छा लग रहा है। घर में रहते- रहते जो बोरियत, अकेलापन महसूस हो रहा था, उस अकेलेपन से भी काफी हद तक मुक्ति मिल गई है।

विद्यार्थियों ने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि स्कूल इसी तरह से खुला रहे। यहाँ स्कूल में आकर बहुत अच्छा लग रहा है क्योंकि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूरे उपायों को पूरी तरह से सभी के द्वारा, चाहे वह विद्यार्थी हो,  स्कूल प्रबंधन हो या शिक्षक हों, सभी के द्वारा पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। कक्षा में भी सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन करते हुए हम लोगों की पढ़ाई बहुत अच्छी तरह से चल रही है। विद्यालय के लिए हम सभी बच्चों की सुरक्षा ही प्राथमिकता है और इस प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए विद्यालय के द्वारा सभी सुरक्षा उपायों को अपनाया जा रहा है।

उमंग सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक तरफ तो स्कूल जाने के लिए मन में उत्साह ,जोश और उमंग भरा हुआ था और दूसरी तरफ थोड़ा- सा डर भी लग रहा था कि कहीं इस भयानक बीमारी के संक्रमण से हम प्रभावित न हो जाएँ। विद्यालय आने पर  सभी शिक्षकों ने नियमों का पालन करते हुए बहुत ही अपनत्व और स्नेह से हमें पढ़ाया। हम बच्चों के अंदर जिस आत्मविश्वास की कमी -सी हो गई थी, जो कहीं खो-सा गया था, उसे शिक्षकों के प्रयासों ने पुनः जगा दिया। उन्होंने सभी शिक्षकों, विद्यालय प्रबंधन, सरकार के स्कूल खोलने के निर्णय के प्रति आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर अपने विचार अभिव्यक्त करने वाले और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देने वाले छात्र रहे – केशव अग्रवाल, अक्षर मिश्रा, गोनिका, नीरज लालवानी, आचमा सिंह, कुमार सुहावन, अभिषेक सिंह, वरादा शर्मा, गौरी चतुर्वेदी, उमंग सिंह, तन्मय श्रीवास्तव, अनन्या त्रिवेदी, अनन्या शर्मा, अंशिका मिश्रा, अनुप्रभा, जिया छावड़ा।

विद्यालय की प्रधानाचार्या याचना चावला ने कहा कि विद्यालय भवन सूना पड़ा था, बच्चों के विद्यालय आने पर पुनः जीवंत नजर आने लगा है। बच्चों की फूलों से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि विद्यालय भवन ठीक उसी प्रकार लग रहा था ,जिस प्रकार बगीचा बिना फूलों के सूना लगता है। उन्होंने भारतीय संस्कृति पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि हम भारतीयों ने योग तथा आयुर्वेद को अपनाकर ही कोरोना महामारी पर विजय पाई है। उन्होंने कहा कि अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने तथा बनाए रखने के लिए अपने जीवन में हमें नियमित रूप से योग को अपनाना है। हमें भविष्य में भी इनको अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।

विद्यालय के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता ने विद्यार्थियों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि सभी को सकारात्मकता अपनाते हुए कोरोना महामारी से बचाव करना है। यह महामारी अभी समूल खत्म नहीं हुई है। सरकार के द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। वैक्सीन भी आ चुकी है, लोगों को उपलब्ध भी कराई जा रही है। अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए  हमें हर कदम आगे बढ़ाना है।

विद्यालय के निदेशक श्याम बंसल ने बच्चों के द्वारा दी गई प्रस्तुतियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने तथा बनाए रखने के लिए अपने जीवन में हमें नियमित रूप से योग को स्थान देना है। दैनिक जीवन में स्वास्थ्य प्रद भोजन को अपने आहार का आवश्यक अंग बनाना है। बच्चों के आने पर खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान यह विद्यालय भवन लग रहा था लेकिन आज बच्चों के आने पर यह विद्यालय लग रहा है। उन्होंने बच्चों को कोरोना सुरक्षा संबंधी सभी उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। शैक्षणिक समन्वयक सुनीत कौर ने आभार व्यक्त किया।