Hathras (Uttar Pradesh, India)। दूसरे के भोझ को ढ़ोने वाले कुली आज खुद ही परेशान हैं। इन पर आर्थिक संकट इस तरह से मंडरा रहा है कि अपने बच्चों का पालन पोषण तक नहीं कर पा रहे हैं। हाथरस जंक्शन रेलवे स्टेशन पर तैनात कुली बेहद हताश हैं। उनकी अपील है कि या तो स्थानांतरण किया जाए या रोजगार का कोई अन्य साधन उपलब्ध कराया जाए। कुलियों का तो यहां कहना है कि 11 वर्ष में उन्होंने 11 हजार रुपए तक नहीं कमाए।
हाथरस जंक्शन स्टेशन पर मौजूद कुली बताते हैं कि हर रोज हाजिरी लगाने तो आते हैं, लेकिन उन्हें यहां कुछ नहीं मिलता। बताते चलें कि कोरोना के चलते लॉक डाउन से पूर्व इस स्टेशन करीब आधा दर्जन गाड़ियों का स्टॉपेज था। लेकिन अब इस स्टेशन पर 02 गाड़ियों का ही ठराव है। जिनके यात्री स्वंय ही अपना सामान लेकर चले जाते हैं।
कुली दिनेश कुमार ने बताया कि लॉक डाउन में समाजसेवियों के साथ जनप्रतिनिधियों ने उनकी आर्थिक मदद की। लेकिन अब उन्हें न तो सही से मजदूरी मिल पा रही और न ही स्टेशन पर कमाई हो रही। इससे वह बेहद परेशान हैं। बच्चों के लिए एक समय का खाना तक यहां से नहीं लेकर जा पा रहे हैं। बच्चों को पढ़ाना लिखाना तो बेहद दूर की बात है।
कुली अलीमुद्दीन ने बताया कि यहां हमें 11 साल हो गए हैं लेकिन दो पैसे का रोजगार नहीं है। वह चाहते हैं कि किसी दूसरे बड़े स्टेशन पर उनका ट्रांसफर कर दिया जाए। जिससे वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें।
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