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यूपी बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय आगरा में बनवाने के लिए 22 साल से सतत संघर्ष कर कीर्तिमान बनाया

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Agra, Uttar Pradesh, India. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एक प्रसिद्ध कविता है- गीत नया गाता हूँ। कविता की ये पंक्तियां देखिए-

हार नहीं मानूँगा, रार नई ठानूँगा,

काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूँ।
गीत नया गाता हूँ।

कुछ ऐसी ही जिन्दगी है डॉ. देवी सिंह नरवार की। डॉ. देवी सिंह नरवार यूपी बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय स्थापना संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं संयोजक तथा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं। वे पिछले 22 साल से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय की आगरा में स्थापना के लिए संघर्षरत हैं। भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यंमत्री, मंत्री, राज्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री, सांसद, विधायकों को ज्ञापन दे चुके हैं। लाखों लोगों से हस्ताक्षर करा चुके हैं। धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। संगोष्ठियां कर चुके हैं। विधानसभा में प्रश्न उठवा चुके हैं। सरकार की ओर से जवाब आ चुका है कि आगरा में क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने का कोई औचित्य नहीं है। इसके बाद भी देवी सिंह नरवार को चैन नहीं है। यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय का गीत गाए जा रहे हैं। संघर्ष करते-करते उनके काले बाल श्वेत हो चुके हैं, हृदयाघात हो चुका है पर बंदा है कि मानता नहीं। ‘मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर लोग आते गए कारवां बनता गया’ की तर्ज पर भले की कारंवा न बने लेकिन ‘वन मैन आर्मी’ की तरह डटे हुए हैं। उन्हें आज भी आशा है कि सफलता मिलेगी। हमेशा उत्साह से भरे रहते हैं। आगरा में यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की महागाथा उनकी जिह्वा पर रहती है। हर आंदोलन की तारीख याद है। आइए जानते हैं संघर्ष की इस गाथा को-

 

यूपी बोर्ड का काम

माध्यमिक शिक्षा परिषद् उत्तर प्रदेश, प्रयागराज (इलाहाबाद) का गठन 30 सितम्बर 1921 को हुआ। इस परिषद् के तीन प्रमुख कार्य हैंः- (1) हाई स्कूल (कक्षा-9 एवं 10) तथा इण्टरमीडिएट (कक्षा-11 एवं 12) स्तर के विद्यालयों को मान्यता प्रदान करना। (2) हाई स्कूल एवं इण्टरमीडिएट के विषयों का निर्धारण, विषयवार पाठ्यक्रम का निर्धारण तथा विषयवार पाठ्य पुस्तकों की व्यवस्था करना। (3) हाईस्कूल (कक्षा-10) तथा इण्टरमीडिएट (कक्षा-11वीं कृषि वर्ग तथा 12 वीं) की परीक्षाओं का आयोजन करना एवं उनको सम्पन्न कराना।

 

कहां हैं क्षेत्रीय कार्यालय

प्रतिवर्ष यू0पी0 बोर्ड की परीक्षा में परीक्षर्थियों की संख्या में निरन्तर तेजी से वृद्धि के कारण बोर्ड का विकेन्द्रीकरण करके क्रमशः पाँच क्षेत्रीय कार्यालय- मेरठ (वर्ष 1972), वाराणसी (वर्ष-1978), बरेली (वर्ष 1981), इलाहाबाद (प्रयागराज वर्ष 1997) तथा गोरखपुर (वर्ष 2017) में खोले गये।

 

आगरा का प्रस्ताव 1999 में भेजा गया

आगरा में बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय स्थापना के लिए पहली बार उ0प्र0 शासन द्वारा माँगे गये प्रस्ताव के अनुपालन में तत्कालीन शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) उ0प्र0 एवम् माध्यमिक शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश के पदेन सभापति अमृत प्रकाश ने 05.03.1999 को प्रस्ताव उ0प्र0 शासन के तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा सचिव प्रदीप शुक्ला को भेजा था। प्रेषित प्रस्ताव में इलाहाबाद तथा मेरठ बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों का विकेन्द्रीकरण कर प्रस्तावित आगरा के बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय के अन्तर्गत आगरा मण्डल, झाँसी मण्डल तथा चित्रकूट धाम मण्डल के 14 जनपदों को सम्मिलित करने का उल्लेख किया गया।

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आंदोलनरत डॉ. देवी सिंह नरवार, डॉ. योगेन्द्र सिंह एवं अन्य।

2001 में दोबारा प्रस्ताव भेजा

दूसरी बार राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ0प्र0 के पत्र 03.01.2001 पर प्रभावी कार्यवाही करते हुए उ0प्र0 शासन के अनुसचिव अखिलेश चन्द्र गुप्ता ने शिक्षा निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) उ0प्र0 को अपने पत्र दिनांक 29 मई 2001 के द्वारा आगरा में बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना हेतु शासन को तुरन्त आख्या उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया। इसी क्रम में कार्यवाही करते हुए आगरा मण्डल, आगरा के तत्कालीन मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक सत्यवान ने दिनांक 04.06.2001 को प्रस्ताव शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) उ0प्र0 को भेजा। इसी तारतम्य में शिक्षा निदेशक (मा0) उ0प्र0 एवं सभापति, माध्यमिक शिक्षा परिषद् उ0प्र0 ने दिनांक 11.06.2001 को जे0डी0 आगरा के उक्त प्रस्ताव को उ0प्र0 शासन के माध्यमिक शिक्षा सचिव श्री पी0के0 झा को भेजा। प्रेषित प्रस्ताव में स्पष्ट उल्लेख किया गया कि इलाहाबाद (प्रयागराज) तथा मरेठ के बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों का विकेन्द्रीकरण कर एक नवीन क्षेत्रीय कार्यालय आगरा में खोला जाय।

 

तीसरी बार प्रस्ताव 2017 में भेजा

आगरा के बोर्ड-क्षेत्रीय कार्यालय के लिए आगरा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में जे0बी0टी0सी0 छात्रावास के 30 कक्षों को चिह्नित किया गया। जिसमें 18 कक्ष 18गुणा 18 फीट प्रत्येक, 8 कक्ष 14गुणा18 फीट प्रत्येक और 4 कक्ष 10गुणा 10 फीट प्रत्येक साइज के हैं। सभी कक्षों के आगे 6 फीट का बरामदा है। निर्मित और खाली भूमि का कुल क्षेत्रफल एक एकड़ है। जिसमें माध्यमिक शिक्षा परिषद् उ0प्र0 का क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया जा सकता है। 28 अगस्त 2017 को पुनः तीसरा प्रस्ताव मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, आगरा ने सचिव, माध्यमिक शिक्षा, परिषद् उ0प्र0 प्रयागराज को भेजा।

 

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आंदोलन के बारे में मीडिया को बताते डॉ. देवी सिंह नरवार।

क्षेत्रीय कार्यालयों में छात्रों की संख्या

उल्लेखनीय तथ्य यह है कि वर्तमान में मरेठ क्षेत्रीय कार्यालय के अन्तर्गत 17 जनपद, प्रयागराज (इलाहाबाद) क्षेत्रीय कार्यालय के अन्तर्गत 23 जनपद तथा इसी तरह वाराणसी के अन्तर्गत 15 जनपद, बरेली के अन्तर्गत 09 जनपद और गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालय के अन्तर्गत 11 जनपद सम्मिलित किये गये हैं। सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत माँगी गयी सूचना के आधार पर वर्ष 2022 में हाईस्कूल तथा इण्टामीडिट दोनों को मिलाकर कुल पंजीकृत परीक्षार्थियों की संख्या क्षेत्रीय कार्यालयवार इस प्रकार है- मेरठ- 10,32,969 बनारस- 13,62,973 बरेली-5,070,822 इलाहाबाद (प्रयागराज) 14,31,76 तथा गोरखपुर- 7,97,158 है।

 

आगरा में 15 जनपदों को मिलाने का प्रस्ताव

ज्ञात हो शासन को पूर्व प्रेषित प्रस्तावों में स्पष्ट उल्लेख है कि मेरठ तथा प्रयागराज के बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों का विकेन्द्रीकरण कर के आगरा में एक नवीन क्षेत्रीय कार्यालय खोला जाय। इसी क्रम में हमारी माँग है कि आगरा मण्डल के चार जनपद- आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनुपरी, अलीगढ़ मण्डल के चार जनपद- अलीगढ़, हाथरस, एटा व कासगंज, झाँसी मण्डल के तीन जनपद-झाँसी, जालौन (उरई) व ललितपुर तथा कानपुर मण्डल (आंशिक) के चार जनपद- इटावा, फर्रुखाबाद, औरेया व कन्नौज। इन 15 जनपदों को आगरा के प्रस्तावित बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में सम्मिलित किया जाय। इन 15 जनपदों में हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट वर्ष 2022 में पंजीकृत कुल परीक्षार्थियों की संख्या 8,65,528 है।

 

गत 22 वर्षों से किए जा रहे प्रयास

वर्ष 1999 से अनवरत विभिन्न अवसरों पर मुख्यमंत्री उ0प्र0 के सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी, आगरा मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, आगरा एवं अलीगढ़ मण्डल, उप शिक्षा निदेशक, आगरा व अलीगढ़ मण्डल, जिला विद्यालय निरीक्षक, आगरा, मथुरा व अलीगढ़ जनपद को ज्ञापन सौपें गये। उसके अतिरिक्त वर्ष 1999 से वर्ष 2017 की मध्यावधि में सैकड़ों ज्ञापन मुख्यमंत्री उ0प्र0 को भेजे गये।

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चौ लक्ष्मी नारायण और डॉ. दिनेश शर्मा को ज्ञापन सौंपते डॉ. देवी सिंह नरवार और डॉ. योगेन्द्र सिंह।

मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन इन जनप्रतिनिधियों को प्रेषित

तत्कालीन उप मुख्यमंत्री व माध्यमिक व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा, भाजपा विधानमण्डल के मुख्य सचेतक व पूर्व राजस्व मंत्री स्व0 वीरेन्द्र सिंह सिरोही, प्रदेश के पूर्व कैबीनेट मंत्री एवं वर्तमान में केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रो0 एस0पी0 सिंह बघेल, प्रदेश सरकार के तत्कालीन मंत्री श्रीकान्त शर्मा, कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चैधरी सांसद प्रो0 रामशंकर कठेरिया, पूर्व सांसद व विधायक चैधरी बाबूलाल, उच्च शिक्षामंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, उ0प्र0 विधान परिषद् की विशेषाधिकार समिति के पूर्व कार्यकारी सभापति एवं एम0एल0सी0 (मुरादाबाद, बरेली स्नातक सीट) डॉ0 जयपाल सिंह ‘व्यस्त‘, पूर्व विधायक राम प्रताप सिंह चैहान, श्रीमती हेमलता दिवाकर कुशवाहा, महेश गोयल, स्व0 जगन प्रसाद गर्ग, विधायक पुरूषोत्तम खण्डेवाल, विधायक, डॉ. धर्मपाल सिंह, पूर्व राज्यमंत्री एवं विधायक डॉ. जी0एस0 धर्मेश, कैबिनेट मंत्री डॉ. जयवीर सिंह को ज्ञापन सौंपे गये हैं।

 

विधानसभा में सवाल, जवाब और असंतुष्टि

ज्ञात हो कि एत्मादपुर आगरा के तत्कालीन विधायक श्री रामप्रताप सिंह चौहान ने नियम-301 के अन्तर्गत 15 फरवरी 2018 को उ0प्र0 विधानसभा में आगरामुख्यालय पर यू0पी0 बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने सम्बन्धी प्रश्न उठाया। इसका उत्तर देते हुए उप मुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने  अपने पत्र दिनांक 03.04.2018 के द्वारा दिये गये बयान के बारे में बताया कि गोरखपुर में यू0पी0 बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने से क्षेत्रीय कार्यालयों की संख्या पाँच हो गयी है। वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की कमी को दृष्टिगत रखते हुए अब और नवीन क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना का औचित्य नहीं है। डॉ0 दिनेश शर्मा द्वारा दिया गया उत्तर न तो न्याय संगत है और न औचित्यपूर्ण है। क्योंकि गोरखपुर के क्षेत्रीय कार्यालय से आगरा का किसी प्रकार कोई तालमेल नहीं है। फलतः संघर्ष समिति के संयोजक एवं अध्यक्ष डा. देवी सिंह नरवार ने दिनांक 09 अगस्त 2018 को इस सम्बन्ध में भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को पत्र भेजे गये। फिर भी इस सम्बन्ध में सुखद परिणाम नहीं मिल सका। विशेष अभियान के तहत 29 नवम्बर से 2 दिसम्बर 2014 तक उचित माध्यम द्वारा ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजे गये।

 

धरना-प्रदर्शन के प्रमुख कार्यक्रम

  1. 30 सितम्बर, 2005, स्थान-कार्यालय मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, आगरा।
  2. 18 जनवरी, 2018 स्थान-कार्यालय मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, आगरा।
  3. 16 मई 2018 से 31 मई 2018 तक स्थान-कार्यालय मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, आगरा।
  4. 22 मार्च 2021 से 25 मार्च 2021 तक 4 दिवसीय सांकेतिक धरना। स्थान कार्यालय-मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, आगरा।

 

जन जागरण एवं जन सम्पर्क समर्थन अभियान

  1. 11 दिसम्बर 2014 से 26 दिसम्बर 2014 तक विभिन्न विद्यालयों में द्वार सभायें आयोजित की गयी।
  2. 4 दिसम्बर 2017 से 31 दिसम्बर 2017 तक विशेष अभियान चला कर समर्थन जुटाया गया।
  3. 04 जनवरी 2018 जन सम्पर्क शिविर जे0डी0 कार्यालय, आगरा।

 

भूमि पूजन एवं पौधारोपण कार्यक्रम

  1. 01 जनवरी 2018 स्थान-डायट, आगरा जे0बी0टी0सी0 छात्रावास परिसर।
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उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को ज्ञापन सौंपने से पहले राम-राम करते डॉ. देवी सिंह नरवार।

मुख्यमंत्री उ0प्र0 के नाम पोस्ट कार्ड भेजो अभियान

  1. 13 जनवरी 2015 से 22 जनवरी 2015 तक।

‘‘आगरा में माध्यमिक शिक्षा परिषद् उ0प्र0 के क्षेत्रीय कार्यालय की आवश्यकताः  औचित्य, प्रयास और सुझाव।‘‘ परिचर्चायें आयोजित की गयीः-

  1. 04 मार्च 2021, स्थान- नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा के ‘पुस्तकालय कक्ष में।
  2. 16 मार्च 2021, स्थान- पाली इण्टर कॉलेज, शिकोहाबाद, फिरोजाबाद।
  3. 18 मार्च 2021, स्थान-प्रेम देवी अग्रवाल गर्ल्स इं0का0, मथुरा।
  4. 09 अप्रैल 2021, हिन्दू इण्टरमीडिएट कॉलेज, अलीगढ़।
  5. 10 अप्रैल 2021, श्री रामबाग, इण्टर कॉलेज, हाथरस।

 

विशेष सहयोग का आश्वासन

प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रो0 एस0पी0 बघेल, सांसद राजकुमार चाहर, विधायक चौ. बाबूलाल एवं डॉ. धर्मपाल सिंह ने विशेष सहयोग और समर्थन का आश्वासन दिया है।

 

हस्ताक्षर अभियान चलाया

माँग के समर्थन में सैकड़ों विद्यालयों में पहुँचकर छात्रों, अध्यापकों एवं अभिभावकों की सभायें की और माँग के लिए समर्थन जुटाया और समर्थन में निर्धारित प्रारूप प्रपत्र पर उनके हस्ताक्षर कराये गये। माँग के समर्थन में कई हजारों छात्रों, अध्यापकों एंव अभिभावकों का समर्थन जुटाया गया है। जो अपने आप में एक कीर्तिमान है।

डॉ. नरवार कहते हैं- भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहाँ व्यापक जनहित में जनता की न्यायोचित माँग को पूरा करना सरकार का परम दायित्व है। आगरा में बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय को खोले जाने का प्रावधान सरकार की बोर्ड कार्यालय के विकेन्द्रीकरण की नीति का भी हिस्सा है। अब तक बोर्ड के पाँच क्षेत्रीय कार्यालय खोले जा चुके है। परन्तु उनके लिए इतना लम्बा संघर्ष कभी भी नहीं किया। आगरा में बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना के लिए निरन्तर 22 वर्षों से किया जा रहा संघर्ष अपने आप में एक कीर्तिमान है।

 

आंदोलन में सहयोग के लिए डॉ. देवी सिंह नरवार से यहां संपर्क कर सकते हैं

मो0नं0  9410251242, 9557746977

व्हाटसप्  9528588847

ई0मेल0आई0डी0- [email protected]

Dr. Bhanu Pratap Singh