कनाडा के गंभीर आरोप लगाने के 24 घंटे के बाद आज दिल्ली में ताबड़तोड़ मुलाकातों से कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। संसद का विशेष सत्र चल रहा है। इसी बीच आज सुबह विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच संसद भवन में बातचीत हुई है। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि दोनों के बीच कनाडा से बढ़े तनाव पर बातचीत हुई है। इस मामले में भारत सरकार का अगला कदम क्या होगा, इस पर भी चर्चा हुई है।
दरअसल, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपनी संसद में खुलेआम आरोप लगाया है कि वहां खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट्स का हाथ है। भारत ने इस पर ऐतराज जताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है और जैसे को तैसा वाला एक्शन लेते हुए कनाडा के भी एक राजनयिक को देश से बाहर कर दिया।
आज दूसरी बड़ी बैठक गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच हुई है। खास बात यह है कि इसमें भी खालिस्तानी ऐंगल ही प्रमुख था।
कनाडा ने अपने लोगों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। वहां सिखों की अच्छी खासी तादाद हैं। वे करीब 9 लाख की संख्या में हैं। पंजाब के लोग वहां नौकरी करने जाते हैं।
कनाडा की सरकार में भी सिखों का अच्छा-खासा प्रभाव है लेकिन हाल के समय में खालिस्तानी तत्वों की एक्टिविटीज काफी बढ़ी है। चिंता की बात यह है कि भारत सरकार के लगातार आग्रह के बावजूद कनाडा सरकार खालिस्तानियों को संरक्षण दे रही है और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों पर आंखें मूंदें बैठी है।
शाह-डोभाल में भी खालिस्तान पर बात?
आज संसद परिसर में शाह के ऑफिस में NSA अजीत डोभाल के पहुंचने से कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। टीवी रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों पर दोनों के बीच बातचीत हुई है। हाल में कश्मीर के अनंतनाग में हुए एनकाउंटर में खालिस्तानी कनेक्शन पता चला है। एनआईए जांच कर रही है। ऐसे में गृह मंत्री के ऑफिस में आज इसी मुद्दे पर बात हो सकती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कश्मीर के मुद्दे पर काफी एक्टिव रहते हैं। ऐसे में सरकार की तरफ से किसी बड़े फैसले पर भी बात हो सकती है। दोनों मुलाकातें इसलिए भी अहम हो जाती हैं क्योंकि कनाडा भी दूसरा पाकिस्तान बनता दिख रहा है।
जानिए, क्या फैसला हो सकता है
सोशल मीडिया पर चर्चा चल पड़ी है कि कनाडा के लिए भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले सभी कनाडाई OCI कार्डधारकों को भारत सस्पेंड कर सकता है। दरअसल, OCI भारत की ओवरसीज सिटीजनशिप होती है। यह इमिग्रेशन स्टेटस होता है जो भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों को अनिश्चितकाल के लिए भारत में रहने और काम करने का अधिकार देता है।
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