तो क्या ये तय है कि जब-जब चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस ने निजी हमला किया है उसे बड़ा नुकसान हुआ है? दरअसल, चार राज्यों के विधानसभा रिजल्ट के रुझानों में जिस तरीके से उत्तर के तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का प्रदर्शन दिख रहा है, वो इशारा तो इसी की तरफ कर रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजस्थान चुनाव प्रचार के दौरान न केवल पीएम मोदी पर ‘पनौती’ कहकर निजी हमला किया बल्कि उनपर तंज भी कसा। कुछ ऐसा ही राहुल की मां सोनिया गांधी ने गुजरात चुनावों के दौरान पीएम मोदी को ‘मौत का सौदागर’ बता दिया था। उसके बाद का परिणाम सबको पता है।
राहुल के बयान से कांग्रेस हिट विकेट!
राहुल गांधी ने राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी को ‘पनौती’ कहते हुए उन पर जमकर निशाना साधा था। उनके इस बयान का असर ऐसा लगता है कि राजस्थान के रिजल्ट पर भी पड़ता दिख रहा है। अशोक गहलोत के काम के नाम पर चुनाव लड़ रही पार्टी को यहां तगड़ा झटका लगता दिख रहा है। एग्जिट पोल्स के अनुमान से उत्साहित गहलोत पिछड़ गए। राहुल गांधी एक चुनावी रैली में बोल रहे थे तभी मुस्कुराते हुए पनौती की चर्चा छेड़ दी। कांग्रेस पार्टी ने 30 सेकेंड का वीडियो एक्स पर शेयर भी कर दिया। राहुल ने राजस्थान में कहा था, ‘क्या, पनौती (लोगों की आवाज सुनते हुए) अच्छा भला वहां पे हमारे लड़के वर्ल्ड कप जीत जाते… वहां पर पनौती हरवा दिया। टीवी वाले ये नहीं कहेंगे मगर जनता जानती है।’
नहीं लिया सबक तो 2024 में लगेगा झटका
जिस तरह सोनिया गांधी के ‘मौत के सौदागर’ बयान के बाद कांग्रेस गुजरात में पिछड़ती चली गई, उसी तरह राहुल के बयान का असर राजस्थान चुनावों पर भी साफ दिखा। अभी तक के चुनाव परिणामों ये साफ किया है कि पीएम मोदी पर निजी हमला विपक्षी दलों के लिए मुसीबत का सबब बनता रहा है। कांग्रेस ने कर्नाटक में पीएम मोदी पर हमले से परहेज किया था तो उसे इसका फायदा भी मिला और पार्टी वहां बंपर बहुमत के साथ सत्ता में आई। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने वहां तत्कालीन राज्य सरकार की कमियों पर हमला किया था। वहां के तत्कालीन सीएम बासवराज बोम्मई कांग्रेस के निशाने पर थे। अगर इन तीन राज्यों के रुझानों और नतीजों से समझें तो राहुल समेत पूरे विपक्ष को 2024 को लेकर सबक लेना होगा। अगर कांग्रेस यूं ही पीएम मोदी पर निजी हमले किए तो 2024 में ‘इंडिया गठबंधन’ को लग सकता है तगड़ा झटका।
बिलो द बेल्ट हमला, ये कैसी राजनीति?
दरअसल, कांग्रेस ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान सोशल मीडिया के जरिए पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। कुछ वीडियो और ट्वीट तो बिलो द बेल्ट जैसे थे। हालांकि, बीजेपी ने भी जवाब में कई ऐसे ट्वीट किए जो बिलो द बेल्ट वाले थे। लेकिन कांग्रेस यहां दो राज्यों में सत्ता में थी और उसे एंटी इनकंबेंसी से भी जूझना पड़ रहा था। ऐसे में पीएम मोदी और बीजेपी के समर्थकों के लिए ये अटैक एकजुट करने वाले साबित हुए। हाल के सालों में राजनीति में बिलो द बेल्ट हमले काफी देखने को मिले हैं लेकिन विपक्ष ने जब-जब ऐसा किया है, उसको फायदा के बदले नुकसान ही हुआ है।
नेगेटिव कैंपेन से तौबा करेगी कांग्रेस?
5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में इसबार कांग्रेस ने काफी नेगेटिव और आक्रामक कैंपेन चलाया था। लेकिन उसको तेलंगाना छोड़कर कहीं फायदा होता नहीं दिख रहा है। जैसाकि कि ऊपर पहले ही इस बात का जिक्र किया जा चुका है कि कर्नाटक में कांग्रेस ने सधा हुआ प्रचार करके जीत हासिल की थी। ठीक ऐसा ही तेलंगाना में भी पार्टी ने के चंद्रशेखर राव सरकार और उसकी कमियों को ही निशाना बनाया। इसके अलावा कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किए गए वादों को पार्टी ने तेलंगाना में भी लागू किया और यहां पार्टी को उसका खूब फायदा होता दिख रहा है। यानी सबक कांग्रेस के लिए भी कि अगर वो सही मुद्दे और स्थानीयता को लेकर आगे बढ़ेगी तभी उसे फायदा मिलेगा। वरना 2024 में चुनाव दूर की कौड़ी हो सकती है।
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