Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। अधिकारी पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए बैठक कर रणनीति बनाते रहे और उधर किसानों ने औसत रकवा से ज्यादा में धान रोप दिया। अब यह तय है कि इस बार पराली का उत्पदान ज्यादा होगा और उसके निस्तारण के लिए मशक्कत भी ज्यादा करनी होगी। यह हाल तब है जब जनपद में भूगर्भीय जल की समस्या लगातार जटिल हो रही है। पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) सख्त हो गया है।
अधिकतर मामले छाता तहसील में सामने आए थे
पिछले साल सैटेलाइट से कराई गई निगरानी में जिले में 464 मामले पराली जलाने के सामने आए थे। अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पराली जलाने के 6 मुकदमे दर्ज हुए थे। 21 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया था। किसानों से 6.33 लाख रुपये का जुर्माना वसूल किया गया। अधिकतर मामले छाता तहसील में सामने आए थे। अक्टूबर में धान की फसल पक जाएगी। इसके बाद किसान गेहूं की बुवाई के लिए खेत तैयार करेंगे। बुवाई में देरी नही हो, इसलिए वे खेतों में ही पराली को जलाते रहे हैं।
पराली से खाद बनाने की तकनीक भी किसानों को बताई
पराली को जलाने के बजाए खेतों में ही उसका इस्तेमाल करने के लिए पिछले साल पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान के कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानियों ने किसानों को जागरूक किया और इसके साथ ही पराली से खाद बनाने की तकनीक भी किसानों को बताई। मगर इसके सुखद परिणाम सामने नहीं आए। जनपद में धान का औसत रकवा 50 हजार 500 हैक्टेयर है जबकि इस बार किसान लगभग 55 हजार हैक्टेयर धान की रोपाई कर चुके हैं।
पराली जलाई जाती है तो संबंधित ग्राम पंचायत के प्रधान का भी दायित्व तय किया जाएगा
दूसरी ओर जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने सभी ग्राम प्रधानों को पत्र लिखें हैं। जो गांव-गांव कृषि विकास विभाग प्रधानों को रिसीव करा रहा है। डीएम ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी गांव में पराली जलाई जाती है तो संबंधित ग्राम पंचायत के प्रधान का भी दायित्व तय किया जाएगा।
बिना बेलर के कम्बाइन हार्वेस्टर सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, स्ट्रा रीपर, स्ट्रा रेक चलने पर होगी कार्यवाही
उप कृषि निदेशक धुरेन्द्र कुमार ने अवगत कराया है कि कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, स्ट्रा रीपर, स्ट्रा रेक एवं बेलर के बगैर चलती हुयी पायी जाये, तो उसको तत्काल सीज कर लिया जाये और कम्बाइन मालिक के स्वयं के खर्चे पर सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगवाकर ही छोड़ा जायेगा। श्री कुमार ने बताया कि धान कटाई से पूर्व अपने कम्बाइन हार्वेस्टर में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, स्ट्रा रीपर, स्ट्रा रेक एवं बेलन लगवाना सुनिश्चित करें, अन्यथा आपके कम्बाइन हार्वेस्टर को धान कटाई से प्रतिबन्धित कर दिया जायेगा और यदि आपका कम्बाइन बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाये कटाई करता हुआ पकड़ा गया या किसी स्तर से इसकी सूचना मिली तो उसे सीज करा दिया जायेगा और संबंधित के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में विधिक कार्यवाही की जायेगी।
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