नेशनल चैंबर के पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा की पहल पर आगरा की औद्योगिक इकाइयों को आयकर में सबसे बड़ी राहत की उम्मीद, मुख्य आयकर आयुक्त सहमत

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मुख्य आयकर आयुक्त (कानपुर रेंज) शिशिर झा के आगरा आगमन पर चैम्बर के प्रतिनिधिमंडल ने की शिष्टाचार भेंट

आगरा से आयकर संग्रह संतोषजनक न होने की बात पर चैम्बर ने आगरा की विषम परिस्थितियों से अवगत कराया,
मुख्य आयकर आयुक्त ने जताई सहमति

चैम्बर ने मांग, आगरा को पिछड़ा मानते हुए उद्योग व्यापार को धारा 80 एचएच एवं 80 आई के तहत कर में दी जाये रियायत।

प्रपत्र 10 बी दाखिल करने हेतु 30 नवंबर 2023 बढ़ाया जाए समय।

 

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. आयकर विभाग में मुख्य आयकर आयुक्त शिशिर झा के आगरा आए। नेशनल चैम्बर के आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा के नेतृत्व में चैम्बर का एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य कर आयुक्त से शिष्टाचार भेंट की । मुख्य आयकर आयुक्त ने अवगत कराया कि आगरा से आयकर का संग्रह संतोषजनक नहीं है,आगरा का आयकर संग्रह बढ़ाया जाए।

इस सम्बन्ध में आयकर प्रकोष्ठ चेयरमैन अनिल वर्मा एवं अन्य सदस्यों द्वारा बताया गया कि आगरा में उद्योग प्रति वर्ष उजड़ते जा रहे हैं। किसी समय में आगरा में चलने वाले कई प्रमुख उद्योग जैसे दाल मिल, कपडा मिल, राइज मिल, फाउंड्री उद्योग लगभग समाप्ति की ओर हैं। वे फाउंड्री उद्योग ही आगरा में संचालित हैं जो प्राकृतिक गैस पर निर्भर हैं। आगरा में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार कुछ उद्योगों को छोड़कर न तो नये उद्योग लगाये जा सकते हैं और न ही पुराने उद्योगों का विस्तारीकरण किया जा सकता है। इससे आगरा की औद्योगिक बढोत्तरी खत्म हो गई है। इस कारण आगरा में औद्योगिक प्रबन्धन हेतु विशेषज्ञ भी नहीं आना चाहते हैं, क्योंकि उनका यहां कोई भविष्य नहीं है।

श्री अनिल वर्मा ने बताया कि आगरा के शिक्षित नवयुवक रोजगार हेतु अन्य शहरों में निरन्तर पलायन कर रहे हैं। आगरा में जो फाउंड्री उद्योग केवल गैस पर ही निर्भर हैं उनके लिए गैस भी सीमित मात्रा में दी जा रही है। साथ ही यहां के उद्योग गैस पर निर्भर होने से समय की मांग के अनुसार अन्य उत्पाद को भी प्रारम्भ नहीं कर सकता है। होटल उद्योग को लाइसेंस नहीं मिल पा रहे हैं। लैदर पार्क पेड़ काटने के कारण स्थापित नहीं हो पा रहा है। बहुप्रतीक्षित सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ( एसटीपीआई) भी गतिपूर्वक चालू नहीं हो पा रहा है। कुल मिलाकर आगरा शहर बूढों का शहर बनता जा रहा है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में आगरा से जो कर का संग्रह हो रहा है, उसे ही पर्याप्त माना जाये।

श्री अनिल वर्मा ने कहा कि आगरा के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आगरा को औद्योगिक क्षेत्र में पिछड़ा मानते हुए धारा 80 एचएच एवं 80 आई के तहत कर में रियायत प्रदान की जाये। यहां एनजीटी द्वारा पर्यावरण के सुधार हेतु उद्योगों पर तदर्थ रोक लगा रखी है। नेशनल चैंबर के पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा एडवोकेट ने बताया कि आयकर की इन धाराओं के तहत उत्पादक इकाइयों पर 5 साल तक कोई आयकर नहीं लगता है और अगले वर्षों तक भी आयकर में एक निश्चित प्रक्रिया के तहत छूट मिलती है। इसी धारा के कारण उत्तराखंड में औद्योगिक विस्तार हुआ है।

चैम्बर द्वारा प्रेषित पक्ष पर मुख्य आयकर आयुक्त द्वारा सहमति व्यक्त की गई। उन्होंने माना कि आगरा का उद्योग विषम परिस्थितियों में संचालित है।

अनिल वर्मा
मुख्य आयकर आयुक्त कानपुर रेंज शिशिर झा का स्वागत करते अनिल वर्मा एवं चैंबर के अन्य प्रतिनिधि।

चैम्बर द्वारा प्रपत्र 10ब दाखिल करने हेतु 31 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक की समयावधि की मांग के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि इसे वित्त मंत्री को भेजा जाये। इसी प्रकार पूर्व में एमएसएमई हेतु 43बी, जिसमें क्रेता को भुगतान करने की शर्तें निर्धारित की गयी हैं, को भी वित्त मंत्री को प्रेषित किया जाए। वे अपने स्तर से इन पर अग्रिम कार्यवाही करेंगे।

बैठक में मुख्य आयकर आयुक्त शिशिर झा के साथ आगरा से प्रधान आयकर आयुक्त एस. नायर अली नज़्मी भी उपस्थित थे।

चैम्बर प्रतिनिधिमंडल में नेशनल चैंबर आयकर प्रकोष्ठ चेयरमैन एवं पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष मनोज बंसल, पूर्व अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, नरेन्द्र सिंह, सीए दीपेन्द्र मोहन, सदस्यों में पंकज गर्ग, अम्बा प्रसाद गर्ग, नुनिहाई फैक्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष किशोर नारायण खन्ना, व्यापार मंडल के अध्यक्ष टी. एन. अग्रवाल, फेडरेशन ऑफ इंडिया से भूपेंद्र सोवती उपस्थित थे।

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