भागवत कथा के पंचम दिन अंतरराष्ट्रीय भागवत प्रवक्ता संजय शास्त्री जी महाराज ने बच्चों को मोबाइल से दूर रखने और लक्ष्मी प्राप्ति की सरल तकनीकि बताई, आज कृष्ण-रुक्मणि विवाह

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कई रोचक कथाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को हरि में आस्था रखने की प्रेरणा दी, 10 जनवरी को रुक्मणि-कृष्ण विवाह की कथा

डॉ. भानु प्रताप सिंह

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.  भागवत कथा के पंचम दिन अंतरराष्ट्रीय भागवत प्रवक्ता संजय शास्त्री जी महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने बच्चों को मोबाइल से दूर रखने और लक्ष्मी प्राप्ति की सरल तकनीकि बताई। माताओं के उनके कर्तव्य याद दिलाए। कई रोचक कथाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को हरि में आस्था रखने की प्रेरणा दी। ऐसे सूत्र बताए जो हर किसी को अपने जीवन में उतारने चाहिए। गोवर्धन पूजा हुई। 10 जनवरी को रुक्मणि-कृष्ण विवाह की कथा है।

लाड़ली किशोरी जी सेवा ट्रस्ट श्रीधाम वृंदावन, मथुरा द्वारा श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ 5 जनवरी से 12 जनवरी, 2024 तक किया जा रहा है। ट्रस्ट के अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय भागवत प्रवक्ता संजय शास्त्री जी महाराज के श्रीमुख से कथा हो रही है। स्थान है- 119, एमआईजी, ए ब्लॉक, शास्त्रीपुरम के सामने वाला पार्क। समय है- दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक। मुख्य यजमान हैं- शास्त्रीपुरम (सिकंदरा) निवासी मनोज कुमार शर्मा और श्रीमती पूरन शर्मा (दोनों प्रधानाध्यापक)।

भागवत कथा में गोवर्धन पूजा करते मुख्य यजमान।

अंतरराष्ट्रीय भागवत प्रवक्ता संजय शास्त्री जी महाराज के प्रवचन की प्रमुख बातें

  1. भागवत कथा केवल कोमल स्वभाव वाला ही सुन पाएगा।
  2. दूसरों के विषय में बुरा सोचने वाला भजन नहीं कर सकता।
  3. कलयुग में मूर्ति पूजा से अधिक महिमा भजन की है।
  4. भगवान माला, फल मिठाई चढ़ाने से नहीं, नाम जाप से हरि मिलेंगे।
  5. कथा का मूल उद्देश्य यही है कि हरि नाम से परमात्मा मिलेगा। बाकी बातें भटकाती हैं। भागवत का यही प्रसाद है।
  6. हरि नाम जाप के साथ अपना कर्तव्य पूरा करना है, जो ईश्वर ने सौंपा है।
  7. विश्वास से फल की प्राप्ति होती है।
  8. माया ऐसी ठगनी है जो भजन नहीं होने देती है।
  9. भगवान वह भोजन ग्रहण करता है जो पवित्र होता है।
  10. अगर पवित्रता से बनाई गई है तो पहली रोटी सिकते ही पितृ ग्रहण कर लेते हैं
  11. अगर रसोई में कुछ खा लिया तो पवित्रता में सवा माह लग जाता है।
  12. त्योहारों पर गुरु, संत, ब्राह्मण को निमंत्रित करें।
  13. भोजन बनाते समय मुख को ढककर रखें ताकि जल की छीटें भोजन पर न पड़ें, अगर पड़ीं तो भगवान ग्रहण नहीं करेंगे।
  14. माता की जिम्मेदारी है कि बच्चों को भोजन देते समय कहे कि प्रसादी ग्रहण करो। जो कहे खाना दो, उसे खाना न दें। आदत डालें कि सब भोजन देने की बात करें।
  15. बच्चों को संस्कार देना माता का काम है। इसीलिए माता की प्रशंसा होती है, पिता की नहीं।
  16. बच्चा रोए तो मोबाइल की जगह ठाकुर जी की मूर्ति हाथ में दे दो।
  17. बच्चा स्कूल से आए तो उसे मैगी बनाना मत सिखाओ। गलत आदतें हटानी होंगी।
  18. लक्ष्मी चाहिए तो विष्णु जी को भी बुलाओ। बिना विष्णु जी के लक्ष्मी नहीं आतीं। इसलिए लक्ष्मी के साथ विष्णु जी का भी पूजन करो।
  19. जहां भी जाओ, वहां प्रेम की स्थापना करो।
    भागवत कथा सुनते श्रद्धालु।

    आजकल की स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय भागवत प्रवक्ता संजय शास्त्री जी महाराज ने ये पंक्तियां सुनाईं

ये जगत हवश की मंडी है, अनमोल रतन बिक जाते हैं,

कागज के चमकते नोटों पर, दुनिया के चमन बिक जाते हैं।

मुल्लों के सजदे बिकते हैं, पंडित के भजन बिक जाते हैं,

बिकती हैं दुल्हन की रातें, मुर्दों के कफन बिक जाते हैं।

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Dr. Bhanu Pratap Singh