लखनऊ। भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1971 में हुए युद्ध के दौरान 54 साल पहले सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल हुई थी। अब पहलगाम आतंकी हमले के बाद बिगड़े हालातों के बीच एक बार फिर सात मई को देश में ऐसा अभ्यास कराया जा रहा है।
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान से तनाव के बीच कल देश के 244 इलाकों में युद्ध के दौरान बचाव के तरीकों की मॉक ड्रिल होगी। गृह मंत्रालय ने इन इलाकों को सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट के तौर पर लिस्ट किया है। ये सामान्य प्रशासनिक जिलों से अलग हैं। सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है। कैटगरी-1 सबसे संवेदनशील और कैटेगरी-3 कम सेंसेटिव है। गृह मंत्रालय ने 5 मई को सभी राज्यों को मॉक ड्रिल कराने के आदेश जारी किए थे।
दिल्ली में गृह मंत्रालय में आज हुई हाईलेवल मीटिंग में मॉक ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की गई। इसमें राज्यों के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस चीफ समेत कई हाई रैंक ऑफिसर मौजूद थे।
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को मॉक ड्रिल वाले जिलों की लिस्ट जारी की। इनमें राज्यवार संवेदनशीलता के आधार पर जिलों को बांटा गया है। देश के 25 राज्यों के कुल 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को कैटेगरी-1 से 3 के बीच रखा गया है।
दरअसल, मिनस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने देश के कुल 35 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट बनाए हैं। जरूरी नहीं ये सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट सामान्य एडमिनिस्ट्रेटिव डिस्ट्रिक्ट हों। जैसे – उत्तर प्रदेश में कुल 19 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट बनाए गए हैं। इनमें कानपुर, लखनऊ, मथुरा जैसे एडमिनिस्ट्रेटिव जिले भी हैं, और बक्शी-का-तालाब, सरवासा जैसे इलाके हैं जो लखनऊ और सहारनपुर में हैं। यहां एयर फोर्स स्टेशन मौजूद है।
3 कैटेगरी में बंटे हैं कुल 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट
कुल 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को इनके इंपोर्टेंस या सेंसेटिविटी के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है। कैटेगरी 1 में वो डिस्ट्रिक्ट हैं जो सबसे सेंसेटिव हैं। ऐसे कुल 13 डिस्ट्रिक्ट हैं। जैसे- उत्तर प्रदेश में केवल 1 डिस्ट्रिक्ट – बुलंदशहर कैटेगरी 1 में है क्योंकि यहां नरौरा न्यूक्लियर प्लांट मौजूद है। इसी तरह कैटेगरी 2 में 201 जबकि कैटेगरी 3 में 45 डिस्ट्रिक्ट हैं।
देशभर में मॉक ड्रिल कल यानी 7 मई को की जानी है। इससे पहले लखनऊ, श्रीनगर और मुंबई में पुलिस, SDRF समेत अन्य रेस्क्यू टीमों को युद्ध के दौरान बचने की ट्रेनिंग दी जा रही है। देश में पिछली बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी। तब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। यह मॉक ड्रिल युद्ध के दौरान हुई थी। हालांकि रविवार-सोमवार रात पंजाब के फिरोजपुर छावनी में ब्लैकआउट प्रैक्टिस की गई। इस दौरान गांवों और मोहल्लों में रात 9 बजे से 9:30 बजे तक बिजली बंद रही।
यूपी के कई जिलों में भी होगी मॉक ड्रिल
देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 244 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। ये जिले सिविल डिफेंस के लिए पहले से चिह्नित किए गए हैं। इस दौरान आम जनता को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
इस बीच उत्तर प्रदेश के DGP प्रशांत कुमार ने भी राज्य के जिलों को आम जनता के साथ समन्वय स्थापित कर किसी भी स्थिति से निपटने और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए मॉक ड्रिल करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
छा जाएगा अंधेरा और बजेंगे जंग वाले सायरन
इससे पहले बीते दिन गृह मंत्रालय ने जारी निर्देश में कहा कि 7 मई को प्रभावी तरीके से नागरिक सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाए। ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे किसी भी आपात स्थिति में नागरिक अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।
– हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाना
– हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए नागरिक सुरक्षा पहलुओं पर नागरिकों, छात्रों को ट्रेनिंग देना।
– दुश्मन के हमला करने पर ब्लैक आउट करना
– महत्वपूर्ण संयंत्रों/प्रतिष्ठानों को समय से पहले छिपाने के उपाय
– हमला होने की स्थिति में जल्द से जल्द जगह खाली करने का अभ्यास किया जाएगा।
-साभार सहित
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