लंदन में निर्वासित जीवन जी रहे गुलाम कश्मीर के नेता सरदार शौकत अली कश्मीरी ने इस्लामोफोबिया पर दिए बयान को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बुरी तरह से कोसा है। उन्होंने कहा है कि इमरान खान को कभी ये दिखाई ही नहीं दिया। ऐसा तब है जब पाकिस्तान में कोई भी दूसरी कम्युनिटी, चाहे वो सिख हो, इसाई हो या हिंदू खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता है। यही पाकिस्तान का इतिहास भी रहा है।
इमरान खान पर गुस्साए शौकत
इस्लामोफोबिया पर दिए बयान के बाद उन्होंने कहा कि यदि हम अपनी आंखें मूंद लेते हैं तो ये आतंकियों का समर्थन करने जैसा है। लेकिन हकीकत ये है कि लोगों में फैले डर के हम गवाह हैं। शौकत अली ने इमरान खान की तरफ इशारा करते हुए कहा है कि यूरोपीय देशों में इस्लामोफोबिया नहीं है। ऐसे लोग अपने गुनाहों और अपनी नीतियों को छिपाने के लिए वहां पर रिफ्यूजी बन जाते हैं। उन्होंने ये बातें पब्लिकेशन ऑफ वायस ऑफ जम्मू-कश्मीर के साथ हुई बातचीत के दौरान कही हैं।
साइकेट्रिस्ट से अपना इलाज करवाएं इमरान
उन्होंने यहां तक कहा कि मुस्लिमों के दिमाग में इस तरह की बात डालने के लिए इमरान खान को पहले साइकेट्रिस्ट से अपना इलाज करवाना चाहिए। बता दें कि शौकत का ये बयान ऐसे समय में आया है जब इस्लामाबाद में इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों का सम्मेलन चल रहा है। इस सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के दौरान इमरान खान ने कहा था कि इस्लामोफोबिया में तेजी न्यूयार्क में 9/11 हमले के बाद आई है। इमरान ने कहा कि उन्होंने अपना अधिकतर समय इंग्लैंड में बिताया है और एक अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी के तौर पर उन्हें दुनिया के कई देश घूमने का मौका मिला है। उनका मानना है कि पश्चिमी सभ्यता अधिकतर लोगों से अच्छी है।
इस्लामोफोबिया का डर व्याप्त
इसके जवाब में शौकत ने कहा कि यूरोपीय देशों में रहते समय हम कभी इस्लामोफोबिया से बाहर गए ही नहीं, लेकिन हम इसके गवाह है कि वहां लोगों के मन में इसको लेकर डर का वातावरण व्याप्त है। इमरान खान ने ओआईसी के सम्मेलन में कहा कि इस्लामिक देश इस बात को देखने की कोशिश ही नहीं करते हैं कि इस्लाम को आतंकवाद से क्यों जोड़ा जाता है। शौकत ने कहा कि इमरान खान ने अपने बयान में ये मान लिया कि इस्लामोफोबिया दुनिया के लिए एक अभिशाप बन चुका है।
25 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव का होगा सामना
आपको बता कि 25 मार्च को इमरान खान के खिलाफ नेशनल असेंबली में विपक्ष के लाए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होनी है। इमरान खान को इस बात का पूरा अहसास है कि इस दौरान उनकी सरकार जा भी सकती है। विपक्षी दलों के अलावा उनकी ही पार्टी के सांसद उनके खिलाफ आवाज बुलंद किए हुए हैं। इमरान खान पर देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का भी आरोप लग रहा है। यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि इमरान खान भले ही अपनी छवि को मुस्लिम हितैषी और मुस्लिमों के बड़े नेता के तौर पर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि उन्होंने अपने चीन के दौरे पर उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों के मुद्दे पर चीन का खुलकर साथ दिया था।
-एजेंसियां
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