फीस माफी को लेकर कोई कम करने को तैयार नहीं, किसी ने कर दी पांच महीने की फीस माफ

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Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। कोरोना संकट के दौरान शिक्षण संस्थाएं भी बंद रहीं। अभी तक स्कूल कालेज बंद हैं। ऐसे में इन महीनों की फीस को लेकर स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच तर्क वितर्क जारी है। सरकार और प्रशासन तक मामला पहुंच है। कुछ दिशानिर्देश भी जारी हुए हैं लेकिन हो वही रहा है जैसी स्कूल प्रबंधन की सोच है। तमाम स्कूलों के प्रबंधक एक कौडी कम करने को तैयार नहीं हैं। वहीं कुछ शिक्षण संस्थाएं ऐसी हैं जिन्होंने अपनी तरफ से ही पांच महीने तक की फीस माफी का ऐलान कर दिया है। जिला विद्यालय निरीक्षक के साथ हुई प्रबंधकों की बैठक का नतीजा भी यही निकला था कि जो माफ करना चाहे फीस मांफ कर सकता है और जो वसूली करना चाहे वसूल सकता है।

सरकार अथवा प्रशासन स्पष्ट नीति तय करे, स्कूल प्रबंधन की मर्जी पर न छोड़ा जाए


 इस बीच छात्र अभिभावक कल्याण संघ लगातार इस बात के लिए प्रयासरत है कि किसी तरह जिला प्रशासन की ओर से ऐसी गाइड लाइन जारी हो जो सभी प्राइवेट स्कूलों पर लागू की जाये। जिससे अभिभावकों को राहत मिल सके।  छात्र अभिभावक संघ का गठन करने वाले शशिभानु गर्ग का कहना है कि सरकार अथवा प्रशासन स्पष्ट नीति तय करे। इसे स्कूल प्रबंधन की मर्जी पर नहीं छोडना चाहिए। ऐसा किये जाने पर अभिभावक खुद को ठगा हुआ महसूस करेंगे और स्कूल संचालक मनमानी पर उतर आएंगे।
इसी प्रयास में छत्र अभिभावक संघ का एक प्रतिनिधि मंडल बल्देव क्षेत्र के विधायक पूरन प्रकाश, प्रदेश सरकार में मंत्री चौधरी लक्ष्मीनरायण और व्यापारी कल्यार्ण बोर्ड के अध्यक्ष रविकांत गर्ग मिल कर अपनी बात उठा चुका है। नरेंद्र एम चतुर्वेदी ने बताया कि जनप्रतिनिधियों ने हमारी मांगों को उचित बताया है, लेकिन अभी तक कुछ ठोस होना बाकी है। आश्वासनों से आगे बात बढ नहीं रही है और स्कूल प्रबंधन अभिभावकों पर लगातार दबाव बनाये हुए है। ऐसे में स्थिति पेचीदा हो गई है।

प्रदेश सरकार का आदेश अभिभावकों फीस के लिए प्रताड़ित नहीं किया जा सकता


उन्होंने बताया कि मंत्री चौधरी लक्ष्मीनरायण ने प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश सरकार की मौजूदगी में एक बैठक द्वारा इस समस्या के समाधान की बात करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में ही आदेश दिया जा चुका है कि आप अभिभावकों फीस के लिए प्रताड़ित नहीं किया जा सकता है अगर कोई विद्यालय ऐसा करता है तो उनके खिलाफ शासन की मंशा के अनुसार कार्यवाही की जाएगी, लेकिन अभी तक देखने में यही आया है कि प्रशासन स्कूल संचालकों के साथ है।
 प्रतिनिधि मंडल में शशि भानू गर्ग, नरेंद्र एम चतुर्वेदी, जगत बहादुर अग्रवाल, अंकुर बंसल, अनिल बंसल, अशोक वाष्र्णेय, महेश वाष्र्णेय, राजीव मित्तल, विजय प्रकाश, विनीत प्रकाश, तीरथ राज उमेश गर्ग, चतुर्भुज गौतम, राजू राजपूत, नन्दलाल, रवि यादव, कुश अग्रवाल, चंदन सैनी, धीरज यादव, अनिल ठाकुर, राज आर्यन आदि शामिल थे।

पांच माह की स्कूल फीस माफ कर एसएमडी स्कूल ने की सार्थक पहल

विकास खण्ड राया के गांव बील सोनई स्थित एसएमडी स्कूल के प्रबंधक एवं मैनेजिंग डायरेक्टर एलपी उपाध्याय एवं प्रधानाचार्य प्रियंका उपाध्याय के सार्थक प्रयास ने  स्कूल में अध्ययनरत बच्चों की पांच माह की फीस माफ कर दी है। साथ ही स्कूल की प्रधानाचार्या प्रियंका उपाध्याय ने सभी स्कूल संचालकांे से अपील की है कि कोरोना जैसी महामारी में बच्चों की फीस माफ कर दी जाए। एसएमडी स्कूल के प्रधानाचार्या प्रियंका उपाध्याय ने स्कूल में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के लिए जो सार्थक कदम उठाया उसके लिए स्थानीय लोगों ने उनका दिल से स्वागत किया।