मूल्यांकन के लिए शिक्षकों को दिए जाने वाले 37,22,42,500 रुपये से एजूकेशन एंड हेल्थ केयर फंड बनाया जाए
कक्षा 10 के छात्रों को उनके ऐच्छिक विषयों के साथ कक्षा 11 में प्रोन्नत किया जाए, मूल्यांकन समिति स्वीकार नहीं
Agra, Uttar Pradesh, India. नेशनल इंडिपेंडेंस स्कूल एलायन्स (नीसा) के एजूकेशन फण्ड के राष्ट्रीय संयोजक, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के क्षेत्रीय संयोजक और एसोसिएशन ऑफ़ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ़ आगरा के अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ स्कूल एजूकेशन (CBSE), नई दिल्ली के अध्यक्ष को पत्र लिखा है। इसमें कक्षा दस के छात्रों को उनके ऐच्छिक विषयों के साथ कक्षा ग्यारह में प्रोन्नति के संदर्भ में कई बिन्दुओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। सीबीएसई से एजूकेशन एंड हेल्थ केयर फंड बनाने की मांग है। साथ ही छात्रों के उचित एवं निष्पक्ष प्रोन्नति के निर्णय की सराहना करता है। इस बारे में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को भी अवगत कराया गया है।
मूल्यांकन समिति संभव नहीं
सीबीएसई ने नोटीफिकेशन संख्या CBSE/CE/2021 ,जो कि 01/05/2021को जारी किया गया है, के संबंध में डॉ. सुशील गुप्ता ने सुझाव दिया है- नोटीफिकेशन में कक्षा दस की बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन/अंकगणना की नीति निर्देशित की गई है, जो विद्यालयों द्वारा वर्ष भर किए गए मूल्यांकन, आवधिक परीक्षणों, सत्र परीक्षा और प्री बोर्ड पर आधारित है। इस महामारी के समय यह निर्देश पूरी तरह ख़तरे से भरा है, सारा देश स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है और इस समय इस मूल्यांकन समिति बनाना आसान प्रक्रिया नहीं है। अधिकांश राज्यों में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत लॉकडाउन लगा दिया गया है और राज्य के शिक्षा विभाग ने विद्यालयों को पूरी तरह बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।
विद्यालयों को भौतिक रूप से खोलना पड़ेगा
एक अन्य चुनौती यह है कि विद्यालय के संचालन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। विद्यालयों को CBSE के निर्देशानुसार दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए भौतिक रूप से विद्यालय खोलने के लिए सहायक कर्मचारियों एवं आईटी टीम की आवश्यकता होगी। देश भर में इस समय हजारों शिक्षक कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं और यह शिक्षक वर्ग पर मूल्यांकन के नाम पर थोपा गया मानसिक तनाव होगा। लॉकडाउन के चलते वाहनों का आवागमन नहीं हो रहा है और समिति के सदस्यों, सहायक शिक्षकों एवं सहायक कर्मचारियों के लिए यह मूल्यांकन प्रक्रिया बहुत कठिन होगी। नीसा के अनुसार, यह नोटीफिकेशन इस स्वास्थ्य आपदा के समय प्रासंगिक तो है पर मानवीयता से परे है। यह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में निर्दिष्ट लॉकडाउन के निर्देश और राज्य के शिक्षा विभाग के विद्यालयों को भौतिक रूप से न खोलने के आदेश की अवहेलना है।
शिक्षकों की कीमत तुच्छ समझने पर दुख
CBSE द्वारा मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को मात्र 2500/- मानदेय दिया जाना अत्यंत दुखद है और ऐसा आभास होता है कि शिक्षक समुदाय की जान की कीमत CBSE की नजरों में इतनी तुच्छ है। इसलिए हमारा CBSE से निवेदन है कि कक्षा दस के उचित एवं निष्पक्ष परीक्षाफल को तैयार करने के लिए प्रासंगिकता के साथ ही साथ मानवीयता के साथ विचार करे। और कक्षा दस के छात्रों को उनके ऐच्छिक विषयों के साथ कक्षा ग्यारह में प्रोन्नत किया जाए।
37.22 करोड़ रुपये तत्काल मिल जाएंगे फंड में
उन्होंने मांग की है कि CBSE इस कठिन समय में एजूकेशन एंड हेल्थ केयर फंड बनाए। इन 2500/- ( प्रति शिक्षक) x 21721( विद्यालय ) x 7( प्रति विद्यालय के शिक्षकों की संख्या ) 37,22,42,500 /- रुपेय की धनराशि होगी। इस धनराशि का प्रयोग CBSE कोविड महामारी के चलते ऑक्सीजन की आपूर्ति से बुरी तरह प्रभावित राज्यों में कोविड से पीड़ित रोगियों के लिए सहायता राशि के रूप में कर सकता है या प्रधानमंत्री केयर फंड में योगदान दे सकता है।
फीस के 282,77,93,100 रुपये लौटाए जाएं
उन्होंने सीबीएसई से बोर्ड परीक्षा शुल्क की वापसी की मांग की है। कक्षा दस में 17,13,314 ( नामांकित छात्रों की संख्या) x 1650/- ( प्रति छात्र),कुल प्राप्ति 282,77,93,100/-(दो सौ बयासी करोड़,सतत्तर लाख, तिरानवे हजार और सौ रुपए) छात्रों एवं अभिभावकों को लौटाई जाए। यह धनराशि आपदा के समय परिवारों के लिए बहुत सहायक होगी। इसके अलावा, ऐसे लाखों शिक्षकों की इस आपदा के दौरान नौकरी नहीं रहीं,उनको इस आपदा में आर्थिक सहायता की आवश्यकता है। इस धनराशि से उनकी जीविका चलाने में मदद की जा सकती है।
नीसा की महत्ता
द नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स एलाइंस (नीसा) एक मंच है,जो देश भर के प्राइवेट स्कूल्स को संविधान एवं उपनियमों के संदर्भ में अपनी संयुक्त आवाज मुखर करने और विद्यालयों की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करता है। इसका संपूर्ण प्रयास प्राइवेट स्कूल्स को एक मजबूत मंच प्रदान करना और उनमें जागृति पैदा करना है। नीसा 24 राज्यों में 65,400 विद्यालयों का प्रतिनिधित्व करता है,जो 12.35 मिलियन बच्चों की शिक्षा के लिए कटिबद्ध हैं।
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