Live Story Time
Aga, Uttar Pradesh, India, Bharat. अंतर्राष्ट्रीय संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय एवं राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन (RE & RF) के मीडिया विंग द्वारा गुरुवार 26 सितंबर से सोमवार 30 सितंबर, 2024 तक राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन आयोजित या जा रहा है। इसका विषय है- “स्वस्थ और सुखी समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण – मीडिया की भूमिका” (Spiritual Empowerment for Healthy & Happy Society – Role of Media)। स्थान है- संस्था का अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू, राजस्थान के आनंद सरोवर (शांतिवन) परिसर। National Media Conference from 26th to 30th September 2024 at Brahma Kumaris HQ, Anand Sarovar Campus, Near Shantivan, Abu Road, Rajasthan. राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन में देशभर से 1500 से अधिक मीडियाकर्मी भाग लेंगे।
ये हो सकते हैं शामिल
इस महासम्मेलन में न्यूज़पेपर्स, मैगज़ीन के मालिक, प्रकाशक, सम्पादक,व्यवस्थापक, ब्यूरो प्रमुख, संवाददाता (प्रेस रिपोर्टर), रेडियो, टी.वी. चैनल्स के सीईओ, डायरेक्टर, संपादक, कार्यक्रम अधिकारी, सूचना मंत्रालय के अधिकारी, जन संपर्क अधिकारी (P.R.O), न्यूज़ एजेंसी, मीडिया प्रोफेसर, मीडिया स्टूडेंट, केबल टी.वी. ऑपरेटर, लेखक, स्क्रिप्ट राइटर, फिल्म प्रोड्यूसर, प्रेस फोटोग्राफर्स तथा वीडियोग्राफर्स, सोशल मीडिया, यूट्यूबर्स, स्वतंत्र पत्रकार, पब्लिकेशन्स, वेब न्यूज पोर्टल,पोस्टल विभाग के अधिकारी आदि भाग ले सकते हैं।
प्रेस कार्ड और आईकार्ड जरूरी
मीडिया सदस्य वैलिड प्रेस कार्ड तथा मीडिया के छात्र आईडी कार्ड के माध्यम से इस मीडिया महासम्मेलन में भाग ले सकते हैं|
यात्रा खर्च स्वयं वहन करना होगा
इस मीडिया महासम्मेलन में मीडिया सदस्य को ट्रेन अथवा फ्लाइट द्वारा यात्रा का खर्च स्वयं वहन करना पड़ेगा| आवास निवास , भोजन की व्यवस्था संस्था द्वारा निःशुल्क होगी।
ऑनलाइन पंजीकरण कराएं
ब्रह्माकुमारीज के स्थानीय सेवाकेंद्र या मुख्यालय माउंट आबू के मीडिया विंग वेबसाइट मीडिया विंग डॉट ओ आर जी (https://mediawing.org) पर पंजीकरण करा सकते हैं।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के बारे में
संस्था की स्थापना प्रजापिता ब्रह्मा, जो दादा लेखराज के नाम से जाने जाते थे, द्वारा सन् 1936 में अविभाजित भारत के हैदराबाद, सिंध प्रांत में की गई थी, जो कि बाद में सन् 1950 में, माउंट आबू, राजस्थान, भारत में स्थानांतरित कर दिया गया। आज अपने ही तरह का यह अनूठा आध्यात्मिक संगठन; पूरी दुनिया के 5 महाद्वीपों में 140 से अधिक देशों में अपनी पहचान और सफलता का परचम लहरा रहा है और समाज के लगभग सभी वर्गों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है।
इस संगठन के आध्यात्मिक ज्ञान की यात्रा माउंट आबू से शुरू होकर धीरे-धीरे देश के विभिन्न हिस्सों में कईं सेवाकेंद्रो के रूप में फैल गई।
इसके बाद सन् 1971 में, इस संस्था के राजयोग का आध्यात्मिक ज्ञान का अभ्यास विदेशों तक भी पहुंच गया।
संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा परमात्मा द्वारा विश्व में शांति, पवित्रता और संपन्नता को पुनः स्थापित करने के कार्य में सदा आगे रहे और तन, मन, धन से इस ईश्वरीय कार्य के प्रति समर्पित रहे।
इस संस्था का मूल उद्देश्य; सम्पूर्ण मानव प्रजाति को अज्ञानता, दुख तथा नैतिक पतन से ऊपर उठाने और ईश्वर द्वारा प्राप्त आध्यात्मिक ज्ञान संदेशों के माध्यम से जागृति लाने हेतु स्थापित किया गया था।
क्योंकि हमारे स्वयं के परिवर्तन से ही विश्व परिवर्तन संभव है।
विश्व की एकमात्र महिला नेतृत्व वाली आध्यात्मिक संस्था
साथ ही विश्व की एकमात्र महिला नेतृत्व वाली यह संस्था “यूनाइटेड नेशंस डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक रिलेशन” से संबद्ध एक अन्तर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन के रूप में काम कर रही है जो प्रत्येक व्यक्ति को उसकी श्रेष्ठ वास्तविक पहचान; शांति और गरिमा के आधार पर स्वयं के मूल स्वरूप को पहचानने और बदलने के प्रति समर्थन करती है।
ब्रह्माकुमारीज़ विश्व का एकमात्र महिलाओं के नेतृत्व वाला संगठन है। यद्यपि इसके संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा थे, परंतु इस महिला संगठन की पहली प्रशासनिक प्रमुख “मातेश्वरी जगदम्बा” थीं, जिन्हें प्यार से सभी “मम्मा” कहकर बुलाते थे।
1965 में मातेश्वरी जगदम्बा और 1969 में प्रजापिता ब्रह्मा के शरीर त्यागने और अव्यक्त रूप में स्थित होने के बाद, राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी को संस्था का अगला प्रशासनिक प्रमुख नियुक्त किया गया, जिन्होंने इस संगठन की सेवाओं का विस्तार पूरे भारत वर्ष और विश्व के 140 देशों में अति गौरवपूर्ण और प्रभावशाली तरीके से किया।
और जब 2007 में राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी ने अपने नश्वर शरीर का त्याग किया तब राजयोगिनी दादी जानकी जी को मुख्य प्रशासनिक प्रमुख बनाया गया, जिन्होंने विश्व के लगभग सभी देशों में परमात्म संदेश फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दादी जानकी जी ने अपनी अथक मेहनत और समर्पण के साथ इस संस्था का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया और वर्ष 2020 में 104 वर्ष की आयु में अव्यक्त अवस्था को प्राप्त किया।
बाद में, दादी हृदयमोहिनी जी जिनको प्यार से सभी दादी गुलजार कहकर बुलाते थे, को ब्रह्माकुमारीज़ का मुख्य प्रशासनिक प्रमुख नियुक्त किया गया। दादी गुलजार जी को स्वयं परमात्मा ने अपने संदेशवाहक के रूप में चुना था। परमातम ज्ञान और शिक्षाओं को अति सुंदर रूप में और प्रसन्नचित अवस्था में स्थित होकर अपनी सेवाओं का निर्वहन करते हुए दादी गुलजार ने वर्ष 2021 में शरीर त्यागा।
उनके पश्चात् दादी रतनमोहिनी जी को मुख्य प्रशासनिक प्रमुख बनाया गया, जो 100 साल की उम्र में भी अथक परिश्रम के साथ संगठन की जिम्मेदारियों और सेवाओं को सफलतापूर्वक संपन्न कर रही हैं।
वर्तमान में संस्था
वर्तमान में संस्था राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के 20 प्रभागों द्वारा समाज के सभी वर्गों को राजयोग मेडिटेशन द्वारा जीवन में नैतिक मूल्यों की धारणा एवं आध्यात्मिकता के समावेश का सन्देश समूचे विश्व में निशुल्क रूप से दे रही है |
- अब काशी में दिखी कुंभ की झलक, नागा संन्यासियों के दर्शनों के लिए उमड़ा रहा जनसैलाब - February 16, 2025
- हिंदू समाज देश का जिम्मेदार समाज, इसे एकजुट और संगठित करने की जरूरत: संघ प्रमुख भागवत - February 16, 2025
- गृह मंत्री अमित शाह से मिले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, सभी वीडियो फुटेज को सुरक्षित करने का आदेश - February 16, 2025