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आरोग्य फाउंडेशन का राष्ट्रीय अधिवेशन शुरूः वह दिन दूर नहीं जब भारत का हर व्यक्ति निरोगी होगा, भारत फिर बनेगा विश्व गुरु

HEALTH

14 राज्यों से 300 प्रतिनिधि भाग ले रहे, दिनेश जी ने किया उद्घाटन

उत्तर-पूर्वी राज्यों की आरोग्य सेविकाओं बताईं हैरान करने वाली बातें

Agra, Uttar Pradesh, India. आरोग्य फाउंडेशन ऑफ इंडिया एकल अभियान के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शनिवार को आगरा नगर के बाग फरजाना स्थित सांस्कृतिक भवन में शुरू हुआ। इसमें देश के 14 राज्यों से आईं आरोग्य सेविकाओं और उन्हें प्रशिक्षित करने वाले कार्यकर्ता सहित कुल 300 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। अधिवेशन का उद्घाटन आर.एस.एस. के वरिष्ठ प्रचारक व विहिप के मार्गदर्शक दिनेश जी, आयोजन समिति के अध्यक्ष पूरन डावर और अन्य पदाधिकारियों ने किया। भारत सरकार आयुष मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री सर्बानंद सोनोवाल नहीं आए। ‘चलो गांव की ओर’ के उद्देश्य से आयोजित अधिवेशन में बताया गया किस तरह से विपरीत परिस्थितियों में आरोग्य सेविकाएं काम कर रही हैं। निष्कर्ष निकाला गया कि वह दिन दूर नहीं जब भारत का हर व्यक्ति निरोगी होगा। उत्तर झारखंड की बबीता और असोम की लक्ष्मी सिंह ने अपने कार्यों के बारे में जानकारी दी। बबीता ने कहा कि आरोग्य फाउंडेशन का कार्य करने के कारण आज वह 10 गांवों की मुखिया बन गई है।

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उद्घाटन सत्र को संबोधित करते दिनेश दी।

मुख्य वक्ता के रूप में दिनेश जी ने कहा कि रथ को लक्ष्य तक पहुंचना है दो दोनों पहिए सही हों। एक पहिया दानदाता और दूसरा कार्य करने वाला। कार्यकर्ता नहीं है तो धन की उपयोगिता नहीं होगी। इसलिए दोनों में समन्वय आवश्यक है। हमारा लक्ष्य राष्ट्र को परमवैभव पर पहुंचाना है। जो हमारे संपर्क में आए, उस विचार को गांवों में रहने वाले भाई-बहनों को देना है। दूरस्थ गांव, तटीय, जलीय, द्वीप वासी को शिक्षा, स्वावलम्बन, स्वास्थ्य देना है। उन्होंने कहा कि एक लाख गांवों तक पहुंचने का लक्ष्य रखें। एकल अभियान में एक लाख गांवों तक पहुंच चुके हैं। उन्होंने डॉ. हरि भदौरिया से कहा कि गांवों में पर्चे वितरत करें कि किस मौसम में क्या खाएं, क्या न खाएं और पथ्य क्या है। आयुर्वेद में सब वर्णित है। हर व्यक्ति अपने नक्षत्र के हिसाब से पौधारोपण करे तो अनेक लाभ मिलते हैं। दिनचर्या, जीवनचर्या पर ध्यान दें तो स्वास्थ्य ठीक रहेगा। अधिक कार्यकर्ता खड़े करें।

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परंपरागत वेशभूषा में नृत्य।

उन्होंने कहा कि भारत का दर्शन सदैव परोपकार पर निर्भर रहा है। इसलिए परहित में कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। पिछले 70 वर्षों में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर विद्यालयों से संस्कृत खत्म तो संस्कृति खत्म हो गई। वास्तव में हमारे यहां 800 वर्षों के संघर्ष काल में भी व्यवस्था समाज आधारित थी। इसलिए सत्ताएं आईं और गईं लेकिन समाज अपने कर्तव्य को निभाता रहा। सरकार के तीन काम हैं, बाह्य सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा और विदेश नीति। शेष सब काम समाज के ऊपर हैं और समाज करता भी था। आने वाला समय भारत का है। कालचक्र के अनुसार भारत फिर से विश्व गुरु बनेगा। इसमें हम सब सहभागी बनें। अमेरिका में आज से 5 साल पहले 35 फीसदी लोगों ने हिन्दू संस्कृति के आचार-विचार अपना लिए हैं। 10 दिन पहले मुझे किसी ने बताया कि अब यह संख्या 65 फीसदी हो गई है।

इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे ट्रस्ट बोर्ड आरोग्य फाउण्डेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सजन बंसल ने अपने सम्बोधन में कहा है कि भारत आज भी विकासशील देश की रेस में है, जबकि हमारे काल में ही आज़ाद हुए जापान जैसे देश हमसे कहीं आगे निकल गए, यह चिंतन का विषय है। उन्होंने कहा कि संघ वर्तमान में 4 लाख गांवों को अपना कार्यक्षेत्र मानता है, तीन लाख गांवों में संघ पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि हम अपने हमें खुशी है कि संघ अपने प्रकल्पों के जरिये अपने इस लक्ष्य के और तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि अन्धेरा कितना भी घना हो मगर दीप जलना चाहिए और यही आशा का दीप सदैव लोगों के जीवन में कामयाबी का गवाह बनता है।

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उद्घाटन सत्र को संबोधित करते आयोजन समिति के अध्यक्ष पूरन डावर

आयोजन समिति के अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही है जो जन्म से लेकर मृत्यु तक व्यक्ति के संस्कार की चिन्ता करता है। जीवन के हर क्षेत्र में प्रकल्प चलाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ से लेकर कन्याकुमारी, उत्तर से दक्षिण तक, सुदूर गांवों तक का संगम यहां चल रहा है। सुदूर गांवों में काम चल रहा है।  पोषण वाटिका बनाई जा रही है। जहां चिकित्सा की सुविधा नहीं है, वहां अमेरिका में बैठे डॉक्टर के माध्यम से सेवा दिलाई जा रही है। ऐसी अनूठी व्यवस्था आरोग्य फाउंडेशन के माध्यम से चल रही है। देश के हर गांव तक आरोग्य फाउंडेशन का कार्य कैसे पहुंचे, यह संदेश ले जाना है। आरोग्य फाउंडेशन ऑफ इंडिया के कार्य से स्पष्ट लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब भारत का हर व्यक्ति निरोगी होगी।

आरोग्य एवं प्रकल्प के केन्द्रीय मार्गदर्शक डॉ. मुकुल भाटिया ने प्रकल्प के कार्यक्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आरोग्य फाउंडेशन इस समय 53 संच यानी कुल 1500 गावों में कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि हम आने वाले समय में इस आकड़ें को 15 हजार गावों तक ले जाएं। इसीलिए हमने इस अधिवेशन को ‘चलो गांव की ओर’ नारा दिया है।  सोकपिट के माध्यम से लाखों लीटर पानी रोज बचाया जा रहा है।

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सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति

फाउंडेशन के महासचिव मनोज मोदी ने भविष्य की कार्ययोजना की जानकारी दी। आरोग्य एकल अमेरिका के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने अमेरिका में इस फांउडेशन के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए इसे समाज के लिए आवश्यक बताया। वहीं केंद्रीय कार्यसमिति आरोग्य फाउण्डेशन अध्यक्ष रमेश माहेश्वरी, ट्रस्टी आरोग्य फाउण्डेशन ऑफ इंडिया रमेश सरावगी, एकल आरोग्य प्रकल्प के अध्यक्ष डॉ. रघुनन्दन मेहता, केंद्रीय कार्यकारिणी के सचिव आरोग्य फाउण्डेशन सतीश गुता सहित कई अन्य पदाधकारियों ने अपने सम्बोधन में प्रकल्प के देश भक्ति के साथ साथ मानव भक्ति का पर्याय बताया। इस मौके पर फाउंडेशन की एक वार्षिक स्मारिका का विमोचन भी हुआ।

 

उद्घाटन में कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, असम, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेश से आईं आरोग्य सेविकाओं ने अपनी संस्कृति को प्रदर्शित करती हुई सामूहिक नृत्य की प्रस्तुत की। रामचन्द्र सिटोली ने एकल गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का हास्यरस के साथ संचालन अखिलेश शर्मा ने किया। डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने आभार प्रकट किया।

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एसआरएस आय़ुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ग्वालियर रोड, आगरा के डॉ. हरिराम भदौरिया, डॉ. गजेन्द्र भदौरिया का सम्मान करते दिनेश जी और सजन बंसल।

एसआरएस आय़ुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ग्वालियर रोड, आगरा के डॉ. हरिराम भदौरिया, डॉ. गजेन्द्र भदौरिया, डॉ. राजेन्द्र बंसल,  डॉ. प्रशांत गुप्ता, डॉ. डीपी गोयल, समाज के चिकित्सक मुरारीलाल फतेहपुरिया, डॉ. कमल भारद्वाज, दीप, कमल नयन (कनाडा) को सम्मानित किया गया। डॉ. रंजना बंसल, डॉ. संदीप अग्रवाल, डॉ. डीवी शर्मा का नाम भी पुकारा गया लेकिन वे आए नहीं।

स्मारिका का विमोचन
स्मारिका का विमोचन करते अतिथि

इस अवसर पर लघु उद्योग निगम के उपाध्यक्ष राकेश गर्ग, पूर्व महापौर इंद्रजीत आर्य, डॉ. एसके कालरा, डॉ. पवन गुप्ता, डॉ. केजी कपूर, डॉ, गजेन्द्र भदौरिया, डॉ. अंकुर बंसल, एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. प्रशान्त गुप्ता, डॉ. एमपी सिंह राजपुरोहित, डॉ. रामदेव शर्मा, मुकेश चन्द्र शर्मा, मनोज शर्मा, संजय खरते, जतिनदास, संजय गोयल, अजय शर्मा, ब्रजेश शर्मा आदि विशेष रूप मौजूद रहे।

स्मारिका का विमोचन
स्मारिका का विमोचन करते अतिथि
Dr. Bhanu Pratap Singh