डॉ. भानु प्रताप सिंह
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. शास्त्रीपुरम जनसेवा समिति आगरा पंजीकृत का अध्यक्ष होने के नाते मैं उन सबके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने कच्चा नाला बनवाने के लिए संघर्ष किया। ‘गिलहरी प्रयास’ ही सही, हमारा साथ दिया। हमारा हौसला बढ़ाया। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल, पूर्व डीएम भानु चंद्र गोस्वामी, पार्षद प्रवीणा राजावत और शास्त्रीपुरम निवासियों के साथ समिति के सचिव डॉ. लाखन सिंह का आभार है। डॉ. लाखन सिंह ने त्रिदिवसीय धरना के लिए दिनरात एक कर दिया।
मैं आभारी हूँ शास्त्रीपुरम के समस्त निवासियों का, जिन्होंने तीन दिन तक चले धरना-प्रदर्शन में अपरमित सहयोग दिया। कम संख्या में ही सही, प्रातः 10 से शाम पांच बजे तक डटे रहे। रात्रि का मोर्चा श्री रवीद्र वर्मा तोता ने संभाला, सो उनका आभार।
शास्त्रीपुरम ए ब्लॉक के निवासियों के घरों में सबसे पहले वर्ष 2016 में जलभराव हुआ था। तभी से समस्या के निदान के लिए पत्राचार चल रहा है। सितंबर माह में दो बार घरों में पानी घुस गया। एक से दो फीट तक पानी। आप अनुमान लगा सकते हैं कि घरों में पानी घुसता है तो क्या हाल हाता है।
इससे पहले समिति के ऊर्जावान सचिव डॉ. लाखन सिंह, कोषाध्यक्ष देवेंद्र सिंह परमार, राजवीर सिंह आदि अधिकारियों से मिलते रहे। आगरा विकास प्राधिरण ने कहा नाला बनवाने के लिए वन विभाग से पेड़ काटने की अनुमति लानी होगी। वह भी काम कर दिया। समिति ने कच्चा नाला बनाने का प्रस्ताव दिया। श्री परमार तकनीकी जानकारी रखते हैं।
इसके बाद भी नाला बनवाने के लिए एडीए ने कोई कारगर प्रयास नहीं किया। यह स्थिति तब है जबकि मंडलायुक्त बैठकें करके शास्त्रीपुरम नाला बनवाने का निर्देश देते रहे। बैठक और निर्देश का खेल चलता रहा और हमारे घरों में पानी घुसता रहा। सड़कें लघु नदी का रूप लेती रहीं।

महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाहा, सांसद राजकुमार चाहर, आगरा ग्रामीण विधासभा क्षेत्र की विधायक और यूपी सरकार में मंत्री बेबीरानी मौर्य, पूर्व महापौर नवीन जैन, आगरा विकास प्राधिकरण, नगर निगम, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी सबको अवगत कराते रहे। पूर्व महापौर नवीन जैन ने 25 करोड़ का प्रस्ताव बनवाया लेकिन एडीए ने इसे 80 करोड़ रुपये का कर दिया। नगर निगम 5 करोड़ रुपये देने को भी तैयार था, लेकिन एडीए के मन में पता नहीं क्या था। एडीए ने शास्त्रीपुरम का नाला विश्व में अजूबा बनाया है। पानी नाले में ही घूमता रहता है। इसका कहीं भी निकास नहीं है।
सितंबर में जलभराव हुआ तो हमने नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल और निवर्तमान जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी को फोन तथा वॉट्सअप किए। रात्रि में ही तत्काल कार्यवाही हुई। सकिंग मशीनें आईं। मोटर चालू कराई गईं। अतिवृष्टि के कारण प्रयास सफल नहीं हुए, यह अलग बात है। इसलिए दोनों आईएएस अधिकारी अंकित खंडेलवाल और भानु चंद्र गोस्वामी का आभार।
अंततः 15, 16, 17 नवम्बर को अवंतीबाई चौराहा, शास्त्रीपुरम पर धरना देना पड़ा। क्षेत्रीय पार्षद प्रवीणा राजावत सक्रिय तो पहले से ही थीं लेकिन धरना शुरू होने के बाद उनकी सक्रियता देखते ही बनती थी। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों और शास्त्रीपुरम जनसेवा समिति के पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित किया। 17 सितंबर को मौके पर अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र यादव आए। साथ में निर्माण विभाग की टीम लेकर आए। आश्वासन दिया कि एक माह में 4.05 करोड़ रुपये से कच्चा नाला बन जाएगा ताकि जलभराव न हो। जब शासन से पैसा आ जाएगा तो पक्का नाला बन जाएगा।
17 सितंबर को धरना समाप्त होते ही बारिश शुरू हो गई। 18 सितंबर को भी बारिश का प्रवाह जारी रही। ऐसा लगा कि एक बार फिर बारिश शुरू होगी। नगर निगम ने जलभराव से निपटने की व्यवस्था पहले ही कर रखी थी। पानी घरों की स्लैब तक आकर रह गया। सुबह सड़क पर पानी नहीं था। द्वाराकिपुरी वाली सड़क पर भी जलशून्य हो गई। इस व्यवस्था के लिए नगर निगम का आभार है।
धरनास्थल पर आए समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष चौधरी वाजिद निसार, सारथी फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष दिनेश कुमार वर्मा सारथी, फौजी विकास समिति दहतोरा के हरिकिशन फौजी, भाजपा के युवा नेता डॉ. सुनील राजपूत, जाट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह सोलंकी, वायु विहार संघर्ष समिति के श्री नरवार, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. देवी सिंह नरवार, जिलाध्यक्ष डॉ. योगेंद्र सिंह, जाने-माने अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता और पत्रकार मेघ सिंह यादव, भाजपा पार्षद दल के सचेतक शरद चौहान, निखिल एनक्लेव सोसाइटी के अध्यक्ष बीएम सिंह भदौरिया, नीलम भदौरिया आदि का आभार है।
अगर मैं पर्दे के पीछे रहकर काम करने वाले शास्त्रीपुरम जनसेवा समिति के पदाधिकारी सुनील शर्मा, अजय सिकरवार, तरुन कुमार, किशन सिंह चाहर, मनोज शर्मा, राजकिशोर सिंह परमार, मनोज कुमार शर्मा, भारत भूषण, सुरेंद्र सिंह, संयुक्त सचिव राजवीर सिंह, जगदीश सोलंकी, संगठन सचिव सुनील शर्मा, सुभाष राठौर, मुन्नालाल राजपूत, आदित्य गौतम, संदीप सिंह, जीएस कुशवाहा एडवोकेट, मनीष अग्रसेना, श्रीमती वंदना सिंह, राजेश्वरी राजपूत, इंदु सिंह आदि का आभार प्रकट न करूं तो बहुत गलत होगा।
मैं उनका भी आभारी हूँ जो घरों में बैठकर गाल बजाते रहे और धरनास्थल पर नहीं आए। मैं उनके बारे में क्या हूँ जो वॉट्सअप पर पार्षद श्रीमती प्रवीणा राजावत एडवोकेट को कोसते रहे और उनका काम देखने नहीं आए। मैं उन्हें बता दूँ कि शास्त्रीपुरम में जब भी जलभराव होता है तो पार्षद तत्काल सक्रिय हो जाती हैं। अफसरों से बात करके आवश्यक इंतजाम करती हैं। उन्हें अपने कार्यों का प्रचार भी करना चाहिए ताकि क्षेत्रीय जनता को पता चले कि क्या करती हैं।
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