मोदी सरकार ने बदला नेहरू मेमोरियल का नाम… अब हुआ पीएम मेमोरियल, कांग्रेस ने जताया कड़ा ऐतराज – Up18 News

मोदी सरकार ने बदला नेहरू मेमोरियल का नाम… अब हुआ पीएम मेमोरियल, कांग्रेस ने जताया कड़ा ऐतराज

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नई दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदल कर प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी रखा गया है। नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा, संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है।

दिल्ली के नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम केंद्र सरकार ने बदल दिया है। अब नेहरू मेमोरियल को नए नाम से जाना जाएगा। नेहरू मेमोरियल का नया नाम अब प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी रखा गया है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आधिकारिक निवास तीन मूर्ति परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करने के लगभग एक साल बाद नेहरू का नाम परिसर से हटा दिया गया।

राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में लिया गया था फैसला

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक जिसकी अध्यक्षता सोसाइटी के उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। राजनाथ सिंह नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के उपाध्यक्ष हैं। प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हैं। इन दोनों के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी, अनुराग ठाकुर समेत 29 अन्य सदस्य इस सोसाइटी में शामिल हैं।

नेहरू मेमोरियल का इतिहास

आजादी से पहले नेहरू मेमोरियल का नाम तीन मूर्ति भवन था। इस भवन का निर्माण 1929-30 में एडविन लुटियंस की इंपीरियल कैपिटल प्रोजेक्ट के तहत हुआ था। अंग्रेजों के शासन काल में तीन मूर्ति भवन अंग्रेजी शासन में भारत के कमांडर इन चीफ रहा करते थे। साल 1948 में जब पंडित नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने तो तीन मूर्ति भवन उनका आधिकारिक आवास बन गया।

16 साल तक नेहरू का आवास रहा

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू 16 साल तक इस भवन में रहे। ऐसे में तीन मूर्ति भवन देश के शासन की बागडोर संभालने वाला भवन बना रहा। पंडित नेहरू का निधन भी इसी भवन में हुआ था। 27 मई 1964 को पंडित नेहरू ने इसी भवन में अंतिम सांस ली थी। नेहरू के निधन के बाद इस भवन को उनकी यादों को संरक्षित रखने के लिए समर्पित कर दिया गया।

14 नंवबर 1964 को नेहरू मेमोरियल बना

जिस साल नेहरू का निधन हुआ, उसी साल 14 नंवबर को उनकी जयंती के अवसर पर तीन मूर्ति भवन को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के रूप में बदल दिया गया। तब के राष्ट्रपति एस राधाकृष्णनन ने नेहरू मेमोरियल भवन को राष्ट्र के नाम समर्पित किया था। इसके बाद से यह नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के रूप में था। अब इसे मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड सोसाइटी का नाम दे दिया है।

2016 में पीएम मोदी ने रखा था प्रस्ताव

नेहरू मेमोरियल को बदल कर पीएम मेमोरियल बनाए जाने का प्रस्ताव साल 2016 में पीएम मोदी ने रखा। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि तीन मूर्ति परिसर में देश के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक म्यूजियम का निर्माण किया जाएगा। उसी साल 25 नवंबर को एनएमएमएल की 162वीं बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बीते साल 21 अप्रैल को प्रधानमंत्री संग्रहालय को जनता के लिए खोल दिया गया था। अब इसका नाम बदल दिया गया।

कांग्रेस ने सरकार के फैसले की आलोचना की

मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र के इस फैसले की आलोचना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘नाम में बदलाव प्रतिशोध और संकीर्णता का नतीजा है। बीते 59 सालों से नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी वैश्विक बौद्धिकता का अहम स्थान और किताबों का खजाना रहा है। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के वास्तुकार के नाम और विरासत को विकृत, तिरस्कृत और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे। असुरक्षाओं के बोझ तले दबे एक छोटे कद के व्यक्ति स्वयंभू विश्वगुरु हैं।’

Dr. Bhanu Pratap Singh