लोक पहल संस्था के कार्यक्रम में एमएलसी डॉ. मानवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा- हमें 400 पार की जरूरत है क्योंकि जनसंख्या नीति लानी है
डॉ. भानु प्रताप सिंह
Live Story Time
Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. सरकार और समाज के बीच सेतु की तरह काम करने वाली लोक पहल संस्था ने विचारोत्तेजक कार्यक्रम किया। अवसर था- ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की जयंती। विषय था- समरस समाज के मजबूत स्तंभ महंत अवैद्यनाथ। कार्यक्रम में अधिसंख्य शिक्षक और अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) के छात्र थे। इन सबको जाग्रत किया। भारत को भारत बनाने का आह्वान किया गया। मुस्लिमों की बढ़ती जनसंख्या से सावधान किया गया। स्पष्ट तौर पर कहा गया कि सामाजिक समरसता ताकत से आती है। योगी आदित्यनाथ ताकतवर हैं तो उत्तर प्रदेश में समरसता है और इसी कारण कोई दंगा नहीं हुआ है। यह कार्यक्रम डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, विवेकानंद परिसर, खंदारी के अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईईटी) के एनबी सभागार में हुआ। लगभग ढाई घंटा तक विद्वतजन बोलते रहे और श्रोता सुनते रहे। सभागार में भारत माता की जय और वंदे मातरम की गूंज होती रही।
आगरा क्षेत्र स्नातक सीट से विधान परिषद सदस्य डॉ. मानवेंद्र प्रताप सिंह (अलीगढ़) ने भारत माता की जयकार के साथ अपनी बात शुरू की। उनकी बातों का सार बिंदुवार इस तरह है-
- देश हिन्दू-मुस्लिम के आधार पर चल रहा है। 1192 में पृथ्वीराज चौहान की पराजय के बाद से ही सामाजिक समरसता नहीं हो पाई है। मुगल काल में हमने मां-बहनों पर अत्याचार देखा है।
- अकबर ने मीना बाजार लगाकर समाज को तहस-नहस कर दिया। अकबर के साथ हमारे ही लोग थे।
- पं. दीनदयाल उपाध्याय द्वारा दिया गया अंत्योदय ही सामाजिक समरसता का मंत्र है।
- गोरक्षपीठ ने तुर्कों, मुगलों और अंग्रेजों से युद्ध करने का काम किया।
- 2017 के बाद से यूपी में एक भी जगह कर्फ्यू नहीं लगा है। स्पष्ट है कि सामाजिक समरसता ताकत से आती है। पहले हर जिले में माफिया था और आज हर जिले में प्रोडक्ट है। योगी जी ने सांपों के फन कुचले हैं तो सामाजिक समरसता आई है।
- गोरक्ष पीठ ताकतवर है, इसीलिए गोरखपुर में समाजिक समरसता है। योगी जी गोरखपुर में कहीं जाते हैं तो वहां केसरिया झंडे लग जाते हैं और मस्जिदों पर पर्दे पड़ जाते हैं। इसी ताकत से सामाजिक समरसता आती है।
- 2012 में यूथ फॉर नेशन और अंगेस्ट करप्शन अभियान चलया गया। अब वही केजरीवाल कितनी निर्दयता से चीजें प्रस्तुत करता है। कहां है सामाजिक समरसता?
- सभी राजनीतिक दल मुस्लिम तुष्टीकरण से देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। एक और बँटवारा चाहते हैं।
- पाकिस्तान, बांग्लादेश, बंगाल में बहू-बेटियों के साथ बलात्कार होता है तो विश्व हिन्दू परिषद और संघ (आर.एस.एस.) ही बोलता है, अन्य कोई नहीं।
- मोदी अकेला है और हम जातियों में बँटे हुए हैं। हमें 400 पार की जरूरत है क्योंकि जनसंख्या नीति लानी है। मोदी ने वसुधैव कुटुम्बकम को चरितार्थ किया है।
- यह झूठ की पराकाष्ठा है कि मोदी सत्ता में आए तो संविधान खत्म कर देंगे। इंडी गठबंधन वाले जेल में हैं या बेल पर है और ये देश का नेतृत्व करना चाहते हैं।
- यूक्रेन और रूस के युद्ध में भारत के छात्रों को एक फोन पर बाहर निकाला। जब छात्र तिरंगा लेकर निकले तो सेनाओं के हथियार झुक गए थे। यह इसलिए हुआ कि भारत ताकतवर देश है।
- यह सोचें कि अगर मोदी नही रहे तो क्या होगा? ईरान, हिंदुकुश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान सब हिंदू राष्ट्र थे। पाकिस्तान में 27 फीसदी से घटकर 1.5 प्रतिशत और बांग्लादेश में 37 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हिंदू रह गए हैं। भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या 52 फीसदी बढ़ी है। यही हाल रहा तो 20 वर्ष बाद फिर से मीना बाजार लगेगा। भारत को भारत बनाना है तो 20 वर्ष के भारत का विजन लेकर चलें।

लोक पहल के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. विजय कुमार सिंह ने कहा-
- लोक पहल के आदर्श महापुरुष हैं- प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया, महंत अवैद्यनाथ, अशोक सिंघल, मदन मोहन मालवीय।
- हमारा काम भारतीय संस्कृति की रक्षा, सनातन संस्कृति के प्रति स्वाभिमान जाग्रत करना, सरकार की नीतियों को जनता तक पहुंचाना और जनाकांक्षाओं को सरकार तक पहुंचाना है।
- हम जाति-परिवार में फँस जाते हैं। इससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने आइना दिखाया है कि हिंदु-मुस्लिम, अपर-लोअर की चर्चा के बजाय किसान, मजदूर, महिला और युवा के बारे में सोचें। इनके लिए काम करेंगे तो भारत के सारे दुख दूर होंगे।
- महंत अवैद्यनाथ गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर थे। सांसद और विधायक रहे। भारत की सनातन संस्कृति के रक्षक थे। राम मंदिर की पृष्ठभूमि में उनकी भूमिका अतुलनीय है। काशी में डोमराजा के यहां साधुओं के साथ भोजन करके सिद्ध किया किया कि कोई ऊँच-नीच नहीं है। राम मंदिर का शिलान्यास भी दलित से कराया।
- मंहत अवैद्यनाथ ने मीनाक्षीपुरम में धर्म परिवर्तन को रोका। घर वापसी कराई। उनकी रोजी-रोटी की समस्या का समाधान कराया। ऐसे मंहत जी को याद करना गर्व का विषय है।
- भारत की संस्कृति में ही हमारा स्वाभिमान है। पाश्चात्य सभ्यता के दुष्परिणाम हमारे सामने हैं।
- शिक्षा ऐसी हो कि नौकरी का भ्रम न रहे। डिग्री के साथ स्वावलंबी छात्र हों। अगर इस समय सभी नौकरी करने वालों को रिटायर कर दें तो भी 10 करोड़ से अधिक नहीं है और 40 करोड़ यूथ हैं। सभी को नौकरी कैसे मिल सकती है।

बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. पूनम सिंह ने कहा-
- सभागार में लोग सोते रहते हैं और गोष्ठियों से कुछ भी लेकर नहीं जाते, इसी कारण भारत को भारत नही बनने दे रहे।
- मदन मोहन मालवीय ने छात्रों के लिए 3H का फार्मूला दिया- हैंडफुल, हैडफुल और हार्टफुल।
- मैकाले शिक्षा पद्धित से भारतीयों के माइंड को कॉलोनाइज्ड कर दिया है। इस बात को सबसे पहले सुभाष चंद्र बोस ने पहचाना था। स्वतंत्रता के बाद माइंड डि-कॉलोनाइज्ड नहीं हुआ। भारत के मूल्यों को सुधारने का प्रयास नहीं हुआ।
- शिक्षण संस्थाओं का काम है छात्रों को संवेदनशील बनाना। विश्वविद्यालयों न नई शिक्षा नीति को कबाड़ा कर दिया है। नई शिक्षा नीति को कोई पढ़ना नहीं चाहता है।
- पिछले 10 वर्ष में हुए परिवर्तन को भी स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। मैं कह सकती हैं कि श्रीरामचंद्र की वंशज हूँ लेकिन 10 वर्ष पूर्व नहीं कह पाती थी।

भारतीय जनता पार्टी की नेता बबीता चौहान ने कहा-
- नेपाल हिंदू राष्ट्र था। अब हिंदू राष्ट्र नहीं है लेकिन वहां सभी कार्य हिंदी कैलेंडर से होते हैं। भारत की नई पीढ़ी हिंदी महीनों के नाम तक नहीं जानती है।
- हमारे यहां कहते हैं कि जून में गर्मी पड़ रही है और नेपाल में कहा जाता है कि ज्येष्ठ मास है, इसलिए गर्मी है।
- भारत को भारत बनाना है तो संस्कारों को जीवित रखें। सनातन धर्म को न भूलें। नौजवान पीछे बैठकर सोते रहे तो भारत कैसे बनेगा भारत।
आगरा कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अनुराग शुक्ला ने संस्कृतनिष्ठ उद्बोधन दिया-
- नाथ परंपरा ने समाज को समत्व से जोड़ा है। जब धर्म पर संकट आया तो महंत अवैद्यनाथ जैसे संन्यासियों ने हमें अपने अस्तित्व का परिचय कराया।
- महंत अवैद्यनाथ ने राजनीति में रहकर भी समाज का उपकार किया। उनके स्वरूप को अपने भीतर पाकर समाज का कल्याण करने की आश्वस्ति है।

लोक पहल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. बीएल आर्य ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा-
- लोक पहल के माध्यम से लोक की बात सरकार तक पहुंचाते हैं। इसके साथ ही जनाकांक्षाओं को सरकार के समक्ष रखते हैं।
- हमने पहला कार्यक्रम रज्जू भैया के जन्मस्थल शाहजहांपुर में किया था।

विश्व हिंदू परिषद के बृज प्रांत अध्यक्ष सीए शशि अग्रवाल ने ऐसा गरिष्ठ उद्बोधन दिया कि किसी के पल्ले नहीं पड़ा। हूटिंग के बतौर छात्रों ने बीच में ही तालियां बजा दीं। फिर उन्हें संदेश दिया गया कि उद्बोधन जल्दी समाप्त करें। कार्यक्रम संयोजक प्रो. वीके सारस्वत ने सभी का धन्यवाद दिया। सरस संचालन प्रो. रत्ना पांडे ने किया।

अतिथियों में औटा के महामंत्री डॉ. एसके मिश्रा, प्रो. लवकुश मिश्रा, प्रो. बृजेश रावत, जाने-माने होम्योपैथ डॉ. कैलाश सारस्वत, डॉ. एसके जैन, महंत बजरंग गिरी, अनुभूति चौहान, डॉ. चंदन कुमार, इंजीनियर शिवी अग्रवाल, हरवीर सिंह, डॉ. भानु प्रताप सिंह, आशुतोष तोमर, राकेश वार्ष्णेय (एटा), डॉ. केशव सिंह, धर्मेंद्र चौहान, भोजराज, हिमांशु, डॉ. मनोज राठौर, प्रेमीराम मिश्रा, डॉ. रामप्रताप सिंह आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ, बनारस में डोमराजा के घर भोजन करके रच दिया था इतिहास
- India vs Sri Lanka Physical Disability T20 Series Grows with Wilspoke Sports’ Commitment to Inclusive Cricket - April 17, 2025
- विश्व विरासत दिवस: अपनी पहचान के लिए संघर्षरत आगरा को कब मिलेगा विरासत का ताज? - April 17, 2025
- Agra News: गढ़ी रामी में डीजे की आवाज को लेकर बवाल, दूल्हे समेत बारातियों की दबंगों ने की पिटाई - April 17, 2025