सोशल मीडिया के अति गतिशील, क्षण क्षण बदलते तात्कालिकता प्रधान वातावरण में मनोज्ञा तिवारी अपने सोशल मीडिया हैंडल “मनु कहत” के माध्यम से एक अलग सोच और शिल्प के साथ भारतीय पुरातन संस्कृति को डिजिटल युग की विषेशताओं मैं पिरो कर ऐसा रचना शिल्प बुनती है जो आकर्षक और सराहनीय हैं।
इंस्टाग्राम पर अपने 315,000+ और यूट्यूब पर अपने 35,000+ प्रशंसकों, दर्शको और टिप्पणीकारों से समृद्ध मनोज्ञा तिवारी मिल्लेंनियल्स और GenZ को श्री रामकथा के माध्यम से रोचक, सहज और नए अंदाज में प्रामाणिक ढंग से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित करने के लिए एक प्रकाशस्तंभ बन गई हैं।
कानपुर में पली बढ़ी मनोज्ञा के भाव और विश्वास जगत का निर्माण प्रखर राष्ट्रीयता वाले शैक्षिक संस्थानों की शिक्षा और उनके परिवार की आध्यात्मिक पृष्ठभूमि के गहरे अंतर्संबंध से होता है। उनकी शैक्षणिक क्षमता कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में स्नातक और मास्टर डिग्री, प्रतिष्ठित आईआईटी दिल्ली से विशेषज्ञता के साथ रेखांकित होती है। इस मजबूत शैक्षिक फाउंडेशन ने तथा कॉर्पोरेट जगत में मार्केटिंग और ग्रोथ के एवीपी के रूप में उनकी भूमिका के साथ, मनोज्ञा को प्रौद्योगिकी और परंपरा दोनों की सूक्ष्म समझ से सुसज्जित किया है, जिससे वह ऐसी सामग्री तैयार करने में सक्षम हुई है जो ज्ञानवर्धक होने के साथ-साथ आकर्षक भी है।
मनु कहत की “रामायण एक मिनट में” सीरीज
इस नए विचार का स्फुरण स्वल्प एकाग्रता वाले डिजिटल जगत में रामायण जैसे महान महाकाव्य की जटिलताओं और सूक्ष्मताओं को आसान भाषा और बोधगम्य शैली और नए मुहावरे में नयी पीढ़ी तक छोटी छोटी रील्स के माध्यम से पहुंचाने के में रूप में हुआ।
यहाँ रामायण की कहानियों का केवल पुनर्पाठ या पिष्टपेषण नहीं युगसापेक्षता और नयी पीढ़ी सापेक्षता विशेष महत्व रखती है। रामकथा के इन छोटे छोटे किस्सों का महत्व तब और बढ़ जाता है जब राममंदिर उद्घाटन और प्राणप्रतिष्ठा जैसे सांस्कृतिक पुनर्जागरण का पल राष्ट्र के सम्मुख उपस्थित हो कर सम्पूर्ण समाज को आंदोलित, स्पंदित और ऊर्जावान बना रहा हो।
मनु कहत – “हनुमान चालीसा की समझ” नयी सीरीज
इस कार्य के द्वारा मनोज्ञा हनुमान चालीसा के मुख्य कथ्य को मात्र पढ़ने, रटने और गाने से आगे ले जाकर उसकी पंक्तियों के गूढ़ अर्थ को उसमे निहित रहस्यों और सन्दर्भों द्वारा खोलने का प्रयास कर रही हैं। यहाँ उनका लक्ष्य परंपरागत आराधनात्मक स्तुति पाठ से आगे बढ़कर हनुमान चालीसा के प्रभाव और अनुगूंज को समकालीन आस्तिकों के मनोमस्तिष्क पर आच्छादित करना है। इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर लोग इस पहल को काफी पसंद कर रहे है।
मनु कहत – पर्दे के पीछे: परिश्रम और विशेषज्ञता का मिश्रण
मनोज्ञा की सामग्री निर्माण व्यापक शोध, व्यक्तिगत आत्मनिरीक्षण और विद्वत्तापूर्ण परामर्श का एक सूक्ष्म मिश्रण है। प्रसिद्ध विशेषज्ञों तक उनकी पहुंच यह सुनिश्चित करती है कि उनकी व्याख्याएं प्रामाणिक और व्यावहारिक दोनों हैं, जिससे उनके दर्शकों को कथाओं की अच्छी समझ मिलती है।
भविष्य के क्षितिज: सांस्कृतिक कहानी कहने में नए रास्ते तलाशना
मनोज्ञा सांस्कृतिक शिक्षा में सबसे आगे है, बच्चों के लिए रामायण की नैतिक शिक्षाओं में डूबने के लिए एक पाठ्यक्रम विकसित कर रहीं है और महाकाव्य के बारे में सीखने को इंटरैक्टिव और मजेदार बनाने के लिए रामायण पर एक सामान्य ज्ञान ऐप भी लॉन्च कर रहीं है। अपनी मनु कहत की सीरीज को अंग्रेजी में भी पेश करने का उनका इरादा उनकी पहुंच को और व्यापक बनाएगा और वैश्विक दर्शकों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का पता लगाने के लिए आमंत्रित करेगा।
व्यक्तिगत स्पर्श: सांस्कृतिक महत्व वाला एक मिलन
मनोज्ञा का निजी जीवन खूबसूरती से उनके पेशेवर जुनून को दर्शाता है, उनकी शादी भगवान राम की नगरी अयोध्या के साथ उनके भाग्य को जोड़ती है। यह आकस्मिक संबंध उनकी कहानी कहने को समृद्ध बनाता है, उनकी कहानियों में उनकी सांस्कृतिक जड़ों के प्रति सच्चा प्रेम और श्रद्धा भर देता है।
ऐसे युग में जहां नया अक्सर पुराने पर हावी हो जाता है, मनोज्ञा तिवारी की आवाज उभरकर सामने आती है, जो हमें हमारे सांस्कृतिक आख्यानों की कालातीत प्रासंगिकता की याद दिलाती है। अपने नवोन्मेषी दृष्टिकोण के माध्यम से, वह न केवल इन कहानियों को संरक्षित करती हैं बल्कि उन्हें पुनर्जीवित भी करती हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे पीढ़ियों तक प्रेरित, शिक्षित और गूंजती रहें
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