पश्चिम बंगाल के एक वकील ने कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव को पत्र लिखा है। उन्होंने इस लेटर के जरिए प्रशासनिक विभाग से हाई कोर्ट परिसर में वकीलों के सिर पर स्कार्फ, घूंघट या अन्य किसी तरह की धार्मिक वस्तुएं रखने पर बैन लगाने को कहा है।
अधिवक्ता शक्ति खेतान की ओर से लिखे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि अदालतों में सिर ढकर आने वाले वकील बार काउंसिल ऑफ इंडिया रूल्स (बीसीआई रूल्स) के खिलाफ आते हैं, जो वकीलों के लिए ड्रेस कोड और भारत के संविधान में परिकल्पित धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है। हालांकि, कुछ ही महिला अधिवक्ता अदालतों के सामने पेश होने के दौरान सिर ढकती हैं।
वकील ने पत्र में बताए BCI के नियम
पत्र में बीसीआई नियमों के भाग VI, अध्याय IV पर प्रकाश डाला गया है जो वकीलों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित करता है। उसके अनुसार महिला अधिवक्ताओं के लिए ड्रेस कोड इस प्रकार है: ‘ब्लैक फुल स्लीव जैकेट या ब्लाउज, सफेद कॉलर, सफेद बैंड और एडवोकेट गाउन। सफेद ब्लाउज, कॉलर के साथ या बिना, सफेद बैंड, एक काला कोट। इसके अलावा महिला अधिवक्ता साड़ी या लंबी स्कर्ट काली या सफेद रंग की पहन सकती हैं, स्कर्ट में कोई प्रिंट या डिजाइन नहीं होनी चाहिए। पंजाबी पोशाक चूड़ीदार कुर्ता या सलवार-कुर्ता दुपट्टा के साथ या बिना दुपट्टे के सिर्फ सफेद या काला पहन सकती हैं।
अदालतों में धर्मनिरपेक्षता
इस पत्र में बीसीआई नियमों के नियम 5 का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि एक वकील हर समय केवल निर्धारित पोशाक में अदालत में उपस्थित होगा। वकील ने पत्र में लिखा है कि नियमों को हमारी अदालतों में संवैधानिकता और धर्मनिरपेक्षता को लागू करने के लिए बनाया गया है। वे न्यायिक प्रणाली में विश्वास सुनिश्चित करने के एक वैध उद्देश्य को पूरा करते हैं।
वकील ने कहा है कि जो पहले से ही बीसीआई नियमों में निहित है, उसके लिए हाई कोर्ट के प्रशासनिक विभाग की ओर से अधिसूचना जारी करनी चाहिए।
-एजेंसियां
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