शनि ग्रह का कुंभ राशि में परिवर्तन, जानिए किसे मिलेगा लाभ, किसको होगा नुकसान

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29 अप्रैल से ढाई माह के लिए ब्रह्मांड के न्यायाधीश शनि ग्रह का कुम्भ राशि में गोचरीय परिवर्तन कर्क, वृशिक एवम मीन राशि के लिए अशुभ- एस्ट्रोलॉजर पं प्रमोद गौतम

Agra, Uttar Pradesh, India. वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश शनि ग्रह का 24 जनवरी 2020 के बाद गोचरीय परिवर्तन 29 अप्रैल 2022 से लेकर 11 जुलाई 2022 तक रहेगा अर्थात शनि ग्रह वर्तमान की अपनी स्वयं की राशि मकर से अपनी दूसरी स्वयं की राशि कुंभ राशि में लगभग ढाई माह तक स्थित रहेगें।

12 जुलाई 2022 से लेकर 16 जनवरी 2023 तक गोचरीय परिवर्तन में शनि ग्रह अपनी स्वयं की राशि मकर राशि में पुनः स्थित हो जायेगें। उसके बाद 17 जनवरी 2023 से ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश शनि ग्रह गोचरीय परिवर्तन में पुनः अपनी दूसरी स्वयं की राशि कुम्भ में ढाई वर्षों के लिए फिर दुबारा स्थित हो जाएंगे।

पंडित गौतम ने बताया कि शनि के वर्तमान में होने वाले गोचर परिवर्तन के फल कथन के सन्दर्भ में कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि 29 अप्रैल से कुम्भ राशि पर शनि ग्रह का गोचरीय परिवर्तन ढाई माह के लिए थोड़ी बहुत कुम्भ राशि के व्यक्तियों को शनि की साढ़ेसाती में राहत प्रदान करेगा इसके साथ ही यह मिथुन राशि के व्यक्तियों को वर्तमान गोचर में अष्टम भाव में स्थित शनि की ढैय्या के प्रकोप से लगभग ढाई माह के लिए राहत प्रदान करेगा और साथ ही तुला राशि के व्यक्तियों को भी शनि की चतुर्थ ढैय्या से लगभग ढाई माह के लिए शनि ग्रह राहत प्रदान करेंगे।

एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि 29 अप्रैल 2022 से लगभग ढाई माह के लिए यह गोचर परिवर्तन मेष, वृष, सिंह, धनु, एवम मकर राशि के व्यक्तियों को शुभ फल प्रदान करेंगे जबकि 29 अप्रैल से शनि का गोचर परिवर्तन कर्क, वृशिक एवम मीन राशि के व्यक्तियों की राशि से गोचर में अशुभ भाव में स्थित होने के कारण शुभ फल प्रदान नहीं करेगा इसलिए उपरोक्त राशि के व्यक्ति अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और शनि के दिव्य मंत्र का प्रतिदिन आधा घण्टे जाप करते रहें

Dr. Bhanu Pratap Singh