झारखंड पुलिस ने अब जामताड़ा टाइप साइबर ठगों को ठिकाने लगाने के लिए एक ऐप डेवलप किया है. जिसकी मदद से पुलिस को साइबर ठगों की एग्जैक्ट लोकेशन मिलती है. जिसके बाद पुलिस इनके ठिकानों पर दबिश देकर दबोच लेती है.
देशभर में साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस Pratibimb app से मदद ले रही है. इस ऐप की मदद से अभी तक झारखंड में पुलिस ने 212 साइबर ठगों को सरकारी ससुराल भेजा है. Pratibimb app की मदद से पुलिस को ठगों को एग्जैक्ट लोकेशन मिलती है, जिसके बाद पुलिस दबिश देकर इन्हें गिरफ्तार कर रही है.
कैसे काम करता है Pratibimb App
जब पुलिस को किसी साइबर ठगी की घटना में शामिल आरोपी का मोबाइल नंबर मिलता है, तब इस नंबर को प्रतिबिंब एप में फीड कर दिया जाता है. इसके बाद प्रतिबिंब एप पुलिस को साइबर अपराधी को ट्रैक कर उसके लोकेशन के बारे में पूरी जानकारी देता है. इसके बाद पुलिस की टीम लोकेशन के आधार पर छापेमारी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लेती है.
50 तरीकों से करते हैं फर्जीवाड़ा, 212 को पहुंचाया जेल
झारखंड पुलिस के अनुसार साइबर अपराधी 50 से ज्यादा तरीकों से साइबर ठगी को अंजाम देते हैं. इसके लिए ये बैंक केवाईसी, नौकरी, लाटरी, सेक्शटार्सन, ऑनलाइन कुरियर, मेडिकल इमरजेंसी, डॉक्टर का नंबर लगाने, न्यूड वीडियो कॉल कर स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर ब्लैकमेल करने के अलावा कई तरीकों को यूज करते हैं.
ऐसे अपराधियों पर शिकंजा कसने में Pratibimb App काफी मददगार साबित हो रहा है और झारखंड पुलिस अभी तक 212 साइबर अपराधियों को दबोचते हुए सलाखों के पीछे भेज चुकी है. वहीं इनके पास से 510 एंड्रायड मोबाइल, 678 सिम कार्ड, 237 पासबुक व एटीएम कार्ड, 10 चेकबुक, 35 पैन कार्ड, 44 आधार कार्ड, 38 बड़े व छोटे वाहन, तीन आइ पैड, तीन लैपटाप व 14, 56, 310 रुपये बरामद कर चुकी है
– एजेंसी
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